जंगल का रहस्यमयी खजाना

Hindi story for kids

कहानी का मुख्य हिस्सा | Hindi story for kids

तीन दोस्त – रिया, अर्जुन और काव्या – एक गाँव के पास के रहस्यमयी जंगल में खजाने की तलाश में जाते हैं। उन्हें एक पुरानी झोपड़ी में संदूक मिलता है, जिसमें सोने के सिक्के और एक श्राप का संदेश होता है। जंगल में अजीब घटनाएँ शुरू होती हैं – ठंडी साँस की आवाज़, एक बूढ़े का रहस्यमयी दिखना और रास्ता भूल जाना। सस्पेंस बढ़ता है जब मंदिर में एक आवाज़ उन्हें खजाना छोड़ने की चेतावनी देती है। अंत में, वे संदूक वापस रखते हैं और गाँव लौटते हैं, लेकिन बूढ़े का रहस्य अनसुलझा रहता है।

कहानी: “जंगल का रहस्यमयी खजाना” (Jungle ka Rahasya) | Hindi story for kids

एक छोटे से गाँव में तीन दोस्त रहते थे – रिया, अर्जुन और काव्या। तीनों की उम्र 11 साल थी और वे हमेशा कुछ न कुछ रोमांच की तलाश में रहते थे। उनके गाँव के पास एक विशाल जंगल था, जिसके बारे में लोग कहते थे कि वहाँ पुराने समय का एक खजाना छिपा है। बड़े-बुजुर्गों ने बच्चों को चेतावनी दी थी कि जंगल में न जाएँ, क्योंकि वहाँ रात को अजीब-अजीब सी आवाज़ें सुनाई देती हैं। लेकिन बच्चों का मन कहाँ मानता है! एक दिन स्कूल की छुट्टी के बाद, तीनों ने तय किया कि वे जंगल में जाएँगे और इस Hindi story for kids को सचमुच का रोमांच बनाएँगे।

रिया ने अपने बैग में पानी की बोतल, कुछ बिस्किट और एक रस्सी डाली। अर्जुन ने अपनी टॉर्च ली और काव्या ने एक छोटा सा नक्शा बनाया, जो उसने गाँव के एक बुजुर्ग से सुनी कहानी के आधार पर तैयार किया था। दोपहर का समय था, सूरज अभी आसमान में चमक रहा था। तीनों जंगल की ओर चल पड़े। जंगल में घुसते ही उन्हें एक ठंडी हवा का एहसास हुआ। पेड़ इतने घने थे कि सूरज की रोशनी नीचे तक नहीं पहुँच रही थी। चारों तरफ चिड़ियों की आवाज़ें थीं, लेकिन जैसे-जैसे वे आगे बढ़े, एक अजीब सन्नाटा छा गया।

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अचानक, रिया ने एक बड़े पत्थर पर कुछ निशान देखे। “देखो, यहाँ तीर का निशान है!” उसने कहा। तीर जंगल के और गहरे हिस्से की ओर इशारा कर रहा था। अर्जुन ने कहा, “शायद ये हमें खजाने तक ले जाए। ये Hindi story for kids में एक बड़ा ट्विस्ट हो सकता है!” काव्या ने हिम्मत दिखाते हुए कहा, “चलो, देखते हैं कि ये हमें कहाँ ले जाता है।”

तीनों उस दिशा में चल पड़े। रास्ते में उन्हें एक छोटी नदी मिली, जिसके किनारे रंग-बिरंगे पत्थर बिखरे थे। काव्या ने एक चमकीला पत्थर उठाया और बोली, “ये कितना सुंदर है! इसे घर ले चलते हैं।” लेकिन जैसे ही वे आगे बढ़े, उन्हें एक पुरानी झोपड़ी दिखाई दी। झोपड़ी के बाहर एक लकड़ी का तख्ता लटक रहा था, जिस पर लिखा था – “यहाँ से आगे खतरा है।” तीनों रुक गए। रिया ने कहा, “हमें वापस चलना चाहिए। ये Hindi story for kids में डरावना मोड़ ले रहा है।” लेकिन अर्जुन ने हँसते हुए कहा, “अरे, ये तो बस डराने के लिए लिखा है। चलो, अंदर देखते हैं।”

झोपड़ी के अंदर अंधेरा था। काव्या ने टॉर्च जलाई और देखा कि वहाँ एक पुराना लकड़ी का संदूक रखा था। संदूक पर जंग लगा ताला था। अर्जुन ने पास पड़े एक पत्थर से ताला तोड़ा और संदूक खोला। अंदर सोने के सिक्के, चमचमाते गहने और एक पुराना कागज़ था। कागज़ पर लिखा था – “खजाने को छूने वाला श्रापित होगा।” रिया ने कहा, “ये तो सचमुच खजाना है! लेकिन ये श्राप क्या है?” अर्जुन ने हँसते हुए कहा, “ये सब बकवास है। चलो, इसे ले चलते हैं। ये Hindi story for kids को और मज़ेदार बनाएगा।”

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लेकिन तभी उन्हें पीछे से एक ठंडी साँस की आवाज़ सुनाई दी। तीनों ने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कोई नहीं था। काव्या डर गई और बोली, “यहाँ कुछ ठीक नहीं है।” अचानक संदूक अपने आप बंद हो गया और हवा में एक अजीब सी गूँज सुनाई दी। तीनों भागने लगे, लेकिन जंगल में रास्ता भूल गए। अब सूरज ढल चुका था और अंधेरा छाने लगा था। रिया ने कहा, “हमें शांत रहना होगा। वो तीर का निशान ढूंढते हैं।” काफी मुश्किल से उन्हें वो पत्थर मिला और वे उसी रास्ते से वापस चल पड़े।

रास्ते में उन्हें एक बूढ़ा आदमी मिला। उसके कपड़े फटे हुए थे और उसकी आँखें लाल थीं। उसने धीमी आवाज़ में कहा, “खजाना ले गए तो श्राप लगेगा। उसे वापस रख दो।” अर्जुन ने डरते हुए कहा, “हमने तो कुछ लिया ही नहीं!” बूढ़े ने कहा, “संदूक को छूना भी श्राप है।” फिर वो हवा में गायब हो गया। तीनों की साँसें थम गईं। रिया ने कहा, “हमें जल्दी गाँव पहुँचना होगा। ये Hindi story for kids में अब सस्पेंस बढ़ रहा है।”

रात हो चुकी थी। जंगल में उल्लुओं की आवाज़ें गूँज रही थीं। टॉर्च की रोशनी कम हो रही थी। काव्या ने कहा, “मुझे लगता है कोई हमारा पीछा कर रहा है।” अर्जुन ने पीछे देखा, लेकिन कुछ नहीं दिखा। तभी उन्हें एक अजीब सी छाया दिखी, जो पेड़ों के पीछे से गुज़र रही थी। रिया ने कहा, “ये क्या था? ये Hindi story for kids में अब भूत भी आ गया!” तीनों ने अपनी रस्सी निकाली और एक-दूसरे का हाथ पकड़ लिया ताकि कोई बिछड़े न।

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काफी देर तक भटकने के बाद, उन्हें एक पुराना मंदिर दिखा। मंदिर के बाहर एक मूर्ति थी, जिसके हाथ में एक तलवार थी। मूर्ति के नीचे लिखा था – “सच्चाई का रास्ता चुनो।” काव्या ने कहा, “शायद हमें खजाना वापस करना होगा।” लेकिन अर्जुन ने कहा, “नहीं, ये हमारा है। हम इसे गाँव वालों को देंगे।” तभी मंदिर के अंदर से एक तेज़ रोशनी निकली और एक आवाज़ गूँजी – “खजाने की लालच छोड़ो, वरना जंगल में भटकते रहोगे।”

तीनों डर गए। रिया ने कहा, “हमें इसे वापस करना चाहिए। ये Hindi story for kids में सही सबक होगा।” वे वापस झोपड़ी की ओर दौड़े। रास्ते में उन्हें फिर से वो बूढ़ा दिखा, लेकिन इस बार उसने मुस्कुराते हुए कहा, “तुमने सही फैसला लिया।” तीनों ने संदूक को वापस रखा और बाहर निकले। अचानक, जंगल में रोशनी फैल गई और उन्हें गाँव का रास्ता दिखाई दिया।

गाँव पहुँचकर उन्होंने सारी बात बताई। अगले दिन, गाँव के बड़े जंगल गए और संदूक लाए। उसमें सोने के सिक्के थे, जो मंदिर के लिए दान कर दिए गए। लेकिन उस बूढ़े का रहस्य कोई नहीं समझ पाया। क्या वो जंगल का रखवाला था या कोई आत्मा? ये Hindi story for kids आज भी बच्चों के बीच मशहूर है।

रिया, अर्जुन और काव्या ने फैसला किया कि अब वे कभी जंगल में नहीं जाएँगे। इस Hindi story for kids से बच्चों को साहस, दोस्ती और लालच छोड़ने का सबक मिला। जंगल का रहस्य अनसुलझा रहा, लेकिन तीनों दोस्तों की ये कहानी गाँव में हमेशा याद की जाती है। क्या आपको लगता है कि वो बूढ़ा सचमुच कोई भूत था?