Mutual Funds और विदेशी निवेशक इन 5 स्मॉलकैप स्टॉक में लगातार पैसा लगा रहे

 शेयर बाजार में रिटेल निवेशक बड़े निवेशकों और संस्थानों के निवेश पर नजर रखते हैं. बहुत सारे निवेशक बड़े निवेशक के पोर्टफोलियो को देखकर अपनी निवेश रणनीति बनाते है.

ये अच्छा भी होता है. मनीकंट्रोल के एक रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) और म्यूचुअल फंड (एमएफ) दोनों ने पिछली चार तिमाहियों (सितंबर 2021- जून 2022) में लगातार बीएसई के पांच स्मॉलकैप शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है.

हालांकि, 2022 में कमजोर मार्केट सेंटिमेंट के चलते इनमें से ज्यादातर शेयरों ने अब तक नेगेटिव रिटर्न दिया है

 इसी अवधि के दौरान बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स करीब 13 फीसदी गिरा है. आइए इन पांचों स्टॉक्स के बारे में विस्तार से जानते हैं.

पिछली चार तिमाहियों में इस स्टॉक में विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है.

 सितंबर 2021 में इसमें एफआईआई की हिस्सेदारी 0.38 फीसदी थी जो जून -22 तिमाही में 0.56 फीसदी हो गई.

 म्यूचुअल फंड्स ने भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. 2022 में  यह स्टॉक 12 प्रतिशत बढ़कर 1,468 रुपये हो गया है. यह अपने 52-सप्ताह के हाई 1,819 रुपये से 19 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है.

पिछली चार तिमाहियों (सितंबर 2021- जून 2022) में, एफआईआई ने स्टॉक में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 1.49 प्रतिशत से बढ़ाकर 2.66 फीसदी कर दिया है.

2022 में यह स्टॉक अब तक 14 प्रतिशत गिरकर 1810 रुपये पर आ गया है. यह अपने 52 सप्ताह के उच्च स्तर 2947 रुपये से 39 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है.

पिछली चार तिमाहियों (सितंबर 2021- जून 2022) में, एफआईआई ने इस स्टॉक में अपनी हिस्सेदारी 12.82 प्रतिशत से बढ़ाकर 15.07 फीसदी कर दी है.

2022 में यह स्टॉक 23 प्रतिशत गिरकर 736 रुपये पर आ गया है. यह अपने 52-सप्ताह के 109 रुपये के उच्च स्तर से 33 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है.

पिछली चार तिमाहियों (सितंबर 2021- जून 2022) में एफआईआई ने इस स्टॉक में अपनी हिस्सेदारी 1.01 प्रतिशत से बढ़ाकर 1.45 फीसदी कर दिया है.

2022 में अब तक यह स्टॉक 9 प्रतिशत गिरकर 239 रुपये पर आ गया है. यह अपने 52-सप्ताह के हाई से 318 रुपये से 25 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहा है.

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