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हनुमान जयंती कब और क्यों मनाई जाती है?

Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जयंती कब और क्यों मनाया जाता है?

Posted on April 14, 2022

Hanuman Jayanti (2022) Kab aur Kyu Manai Jati Hai: – नमस्कार दोस्तों, आज हम जानेंगे हनुमान जयंती के बारे में कि हनुमान जयंती कब और क्यों मनाया जाता है? हनुमान जयंती पर हिंदू धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाने वाला एक बहुत पावन पर्व है जिसे पुरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को संकट मोचन प्रभु हनुमान जी का जन्म हुआ था। भगवान विष्णु के राम अवतार में सहयोग करने के लिए हनुमान जी का जन्म हुआ था। हनुमान जयंती को हनुमान व्रतम, हनुमान जयंती आदि बिभिन्न नामो से जाना जाता है। आइए अब हम जानेंगे हनुमान जयंती का शुभ मुहरत, हनुमान जयंती इस साल कब है और हनुमान जी का जन्म कथा।

 

Contents

  • 1 हनुमान जयंती कब और क्यों मनाई जाती है? | Hanuman Jayanti (2022) Kab aur Kyu Manaya Jata Hai
    • 1.1 2022 में हनुमान जयंती कब मनाई जाएगी?
    • 1.2 हनुमान जयंती क्यों मनाया जाता है?
    • 1.3 हनुमान जी का जन्म कथा
    • 1.4 हनुमान जी के गुरु कौन थे?
    • 1.5 हनुमान जी को पवनपुत्र क्यों कहा जाता है?
    • 1.6 यह भी पढ़े: –

हनुमान जयंती कब और क्यों मनाई जाती है? | Hanuman Jayanti (2022) Kab aur Kyu Manaya Jata Hai

 

2022 में हनुमान जयंती कब मनाई जाएगी?

पंचांग के अनुसार चैत्र माह के पूर्णिमा की तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार इस साल हनुमान जयंती 16 अप्रैल शनिवार को सुबह 2:25 को शुरू होगी और उसी दिन देर रात को 17 अप्रैल 12:26 को ख़त्म होगी।

हनुमान जयंती क्यों मनाया जाता है?

हनुमान जी का जन्म वैसे तो दो तिथियों में मनाया जाता है पहला चैत्र माह के पूर्णिमा को तो दूसरा तिथि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। पौराणिक ग्रंथो में भी दोनों तिथियों का उल्लेख मिलता है लेकिन एक तिथि को जन्म दिवस के रूप में को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। उनके जन्म को लेकर दो कथाएं प्रचलित भी है। कहा जाता है कि माता अंजनी के उदर से हनुमान जी पैदा हुए उन्हें बड़ी जोर की भूख लगी हुई थी इसलिए वे जन्म लेने के तुरंत बाद आकाश में उछले और सूर्य को फल समझ खाने की ओर दौड़े। इस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा होने से इस तिथि को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।

वही दूसरी कथा है, माता सीता से हनुमान को मिले अमरत्व के वरदान से जुडी है। एक बार माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थी तो हनुमान जी को यह देखकर जिज्ञासा जागी कि माता ऐसा क्यों कर रह है। उनसे अपनी अपनी शंका को रोका न गया और माता से पूछ बैठा कि माता आप अपनी मांग में सिंदूर क्यों लगाती है? माता सीता ने कहा की इससे मेरी स्वामी श्रीराम की आयु और सौभाग्य में वर्धि होती है। राम भक्त हनुमान ने सोचा कि जब माता सीता के चुटकी भर सिंदूर लगाने से प्रभु श्रीराम का सौभाग्य और आयु बढ़ती है तो क्यों न पुरे शरीर पर ही सिंदूर लगाया जाए। उन्होंने ऐसा ही किया। इसके बाद माता सीता ने उनकी भक्ति और समर्पण को देखकर महावीर हनुमान को अमरत्व का वरदान दिया। माना जाता है कि यह दिन दीपावली का दिन था इसलिए इस दिन को भी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।

हनुमान जी का जन्म कथा

हनुमान जी के माता का नाम अंजनी था। महर्षि बाल्मीकि की रचयित रामायण में लिखा गया है कि हनुमान जी की पिता का नाम केसरी था। और वह वृहस्पति के पूरा थे। माता अंजनी ने पुत्र प्राप्ति के लिए 12 साल कठोर तप किए। राजा दशरथ पुत्र कामना के लिए एक योग्य करवा रहे थे। उन्हें एक पवित्र पायेसा मिला, जो अयोध्या के राजा अपने तीनों पत्नियों को सेवन करने के लिए देती है। तभी एक पक्षी आया और उसमें से थोड़ा पायसम लेकर वह उड़ गया। जहाँ पर माता अंजनी तप कर रही थी तो उनके हाथ में थोड़ा पायसम गिर गया। फिर माता अंजनी ने उसे सेवन कर लिया। और फिर हनुमान जी का जन्म हुआ।

हनुमान जी के गुरु कौन थे?

सूर्य देव हनुमान जी के गुरु थे। और उन्होंने अपनी सारी विद्या सूर्य देव से ही प्राप्त किया था। लोक कथा के अनुसार सूर्य देव को हनुमान जी का गुरु माना जाता है। भगवान श्री हनुमान जी का बहुत सारे नाम है। माता अंजनी के नाम के अनुसार उनको अंजने, पिता वानर राज केशरी के नाम से उनको केशरीनंदन और पवन देव के अनुसार उन्हें पवनपुत्र भी कहा जाता है।

हनुमान जी को पवनपुत्र क्यों कहा जाता है?

पौराणिक कथा के अनुसार केसरी राज के साथ माता अंजनी का विवाह हुआ था। तो बहुत दिन तक उनको कोई पुत्र प्राप्ति नहीं हुआ था। मुनि के बताए हुए मार्ग अनुसार माता अंजनी ने पुत्र कामना के लिए बहुत कठिन तप किए। वह पुरे श्रद्धा, विश्वास और भक्ति से तप किए थे। फिर वायु देव उनकी भक्ति से प्रसन्न हुए थे। फिर वायु देव ने उन्हें दर्शन दिया और आशीर्वाद दिया कि उनके जैसा रूपवान और शक्तिशाली पुत्र जन्म लेगा। इस तरह माता अंजनी ने हनुमान जी को जन्म दिया।

उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी “हनुमान जयंती कब और क्यों मनाई जाती है? Hanuman Jayanti (2022) Kab aur Kyu Manai Jati Hai ?” जरूर पसंद आयी होगी। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों और परिवारजनों को भी शेयर करें और ऐसेही नई नई जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग को भी सब्सक्राइब करे।

यह भी पढ़े: –

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