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Desh Bhakti Kavita | Desh Bhakti Poem in Hindi

देशभक्ति पर सर्वश्रेष्ठ कविताएं | Desh Bhakti Kavita in Hindi

Posted on April 11, 2022

Desh Bhakti Kavita in Hindi: सभी को अपना देश बहुत अच्छा लगता है। सभी को अपने देश पर गर्व होता है। हम भारतवासियों को भी अपने इस देश पर गर्व है। हमारे इस देश में अनेक विशेषताएं है। यहाँ सभी देश में सर्वपरि है। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। आज हम आपको हमारे देश की विशेषता बताने वाली कविता आप सबके साथ शेयर करने जा रहे हैं।

 

Contents

  • 1 देशभक्ति पर कविताएं | Desh Bhakti Kavita in Hindi
    • 1.1 (हमारा भारत देश महान)
    • 1.2  (यह भारतवर्ष हमारा है)
    • 1.3  (हम बच्चे बलवान बनेंगे)
    • 1.4 (प्यारा भारत)
  • 2 दिल को छूने वाली देशभक्ति कविता – Best Desh Bhakti Poem in Hindi
    • 2.1 (हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से)
    • 2.2 (तिरंगा)
  • 3 देश भक्ति कविता | Desh Bhakti Kavita | Desh Bhakti Poem in Hindi
    • 3.1 (वो भारत देश है मेरा)
  • 4 देशभक्ति पर कविताएं | Desh Bhakti Par Kavitayen | Patriotic Poem in Hindi
    • 4.1 (होंगे कामियाब)
  • 5 Short Desh Bhakti Poem in Hindi
    • 5.1 (हिन्दुस्तान हमारा)
    • 5.2 (जग में सुंदर देश हमारा)
  • 6 Patriotic Poem in Hindi | Desh Bhakti Kavita | देशभक्ति पर हिंदी कविता
    • 6.1 (झंडा ऊँचा रहे हमारा)
  • 7 यह भी पढे: –

देशभक्ति पर कविताएं | Desh Bhakti Kavita in Hindi

 

(हमारा भारत देश महान)

हरे भरे मैदानों वाला, देश हमारा सुख की खान

नई रौशनी देने वाला, देश हमारा वीर महान

शान्ति का सन्देश देने वाला, देश हमारा है धनवान

दुखियो के दुःख हरने वाला, देश हमारा है बलवान

सत्य अहिंसा सिखलाने वाला, देश हमारा है गुणवान

सबका भला चाहने वाला, हमारा भारत देश महान।

 

 (यह भारतवर्ष हमारा है)

यह भारतवर्ष हमारा है, हमको प्राणो से प्यारा है।

है यहाँ हिमालय खड़ा हुआ, संतरी सरीखा अड़ा हुआ।

गंगा की निर्मल धारा है, यह भारतवर्ष हमारा है।

यहाँ पहाड़ियां है न्यारी, जिनमे सुन्दर झरने जारी

सोभा में सबसे न्यारा है, यह भारतवर्ष हमारा है।

है हवा मनोहर डोल रही, वन में कोयल है बोल रही

बहती सुगंध की धारा है, यह भारतवर्ष हमारा है।

तन-मन-प्राण चढ़ाएंगे, हम इसका मान बढ़ाएंगे

जग का सौभाग्य सितारा है, यह भारतवर्ष हमारा है।

 

 (हम बच्चे बलवान बनेंगे)

हम बच्चे बलवान बनेंगे, मेहनत कर इंसना बनेंगे।

इस धरती पर जन्म लिया है, भारत माँ कि शान बनेंगे।

हाथों में फौलादी ताकत, लेकर हम चट्टान बनेंगे।

पर्वत जैसे ऊँचे उठकर भी, न कभी अभिमान करेंगे।

सदा सुगंध लौटाने वाली, फूलों की मुस्कान बनेंगे।

नई राह पर चलने वाले, हम आँधी-तूफान बनेंगे।

हम बच्चे बलवान बनेंगे, मेहनतकश इंसान बनेंगे।

 

(प्यारा भारत)

अपना देश सभी को अच्छा लगता है। अपने देश को आगे बढ़ने के लिए हर नागरिक को प्रयत्न करने होते हैं। देश तभी तरक्की करेगा, जब उसमे रहने वाले लोग शिक्षित होंगे। कवि ने इस कविता में अपने देश भारत की सही तस्वीर प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।

 

प्यारा भारत हमारा भारत

सारे जग से न्यारा भारत

पढ़ लिखकर तुम नाम कमाओ

कर दो फिर उजियारा भारत।

गाँधी गौतम की यह धरती

भगतसिंग का दुलारा भारत

अनेक धर्म के लोग यहाँ है

फिर भी एक हमारा भारत।

इस बगिया के फूल तुम्ही हो

तुमसे लगता प्यारा भारत।

 

दिल को छूने वाली देशभक्ति कविता – Best Desh Bhakti Poem in Hindi

 

(हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से)

आज तिरंगा फहराता है अपनी पूरी शान से,

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से…!!

आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी,

लाखो लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी,

व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया,

हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी,

हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से,

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से…!!

गाँधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का यह प्यारा देश है,

जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है,

प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय जिसके उत्तर द्वार पर,

हिंद महासागर दक्षिण में इसके लिए विशेष है,

लगी गूंजने दसों दिशाएं वीरों यशगान से,

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के वलिदान से…!!

हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है,

उसके  आंचल की छैंया से छोटा ये संसार है,

हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे,

सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है,

विश्वशांति की चली हवाएं अपने हिंदुस्तान से,

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से…!!

हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से…!!

 

(तिरंगा)

तीन रंग से बना तिरंगा,

नभ में जब फहराए।

गर्व करे तब अंग अंग अपना,

सिर ऊँचा हो जाए।

रंग केसरी बलिदानों का,

देश प्रेम की अलकह जगाए।

श्वेत रंग यह अमन चैन का,

शांति का सन्देश सुनाएं।

खुशहाली का रंग हरा यह,

हर घर में समृद्धि लाए।

मध्य बना यह अशोक चक्र,

धर्म चक्र कहलाए।

सच्चाई की राह पर चलना,

यह हमको सिखलाए।

अखंडता की पहचान तिरंगा,

जग में शान बढ़ाए।

तीन रंग से बना तिरंगा

नभ में जब फहराए,

गर्व करे तब अंग अंग अपना,

सिर ऊँचा हो जाए।

 

देश भक्ति कविता | Desh Bhakti Kavita | Desh Bhakti Poem in Hindi

 

(वो भारत देश है मेरा)

जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा

वो भारत देश है मेरा

जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा

वह भारत देश है मेरा

ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि जपते प्रभु की माला

जहाँ हर वालक एक मोहन है और राधा हर एक बाला

जहाँ सूरज सबसे पहले आकर डाले अपना फेरा

वो भारत देश है मेरा

अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी ही अलबेले

कहीं दिवाली की जगमग है कहीं है होली की मेले

जहाँ राग रंग और हंसी ख़ुशी का चारों ओर है घेरा

वो भारत देश है मेरा

जब आसमान से बातें करते मंदिर और शिवाले

जहाँ किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले

प्रेम की बंसी जहाँ बजाता है ये शाम सभेरा

वो भारत देश है मेरा

 

देशभक्ति पर कविताएं | Desh Bhakti Par Kavitayen | Patriotic Poem in Hindi

 

(होंगे कामियाब)

होंगे कामियाब,

हम होंगे कामियाब एक दिन

 मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास

हम होंगे कामियाब एक दिन।

हम  चलेंगे साथ-साथ

डाल हाथों में हाथ

हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन

मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास

हम होंगे कामियाब एक दिन।

होगी शांति चारों ओर, एक दिन

मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास

होगी शांति चारों ओर, एक दिन

नहीं डर किसी का आज एक दिन

मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास

नहीं डर किसी का आज एक दिन

 

Short Desh Bhakti Poem in Hindi

Desh Bhakti Kavita | Desh Bhakti Poem in Hindi
Desh Bhakti Kavita | Desh Bhakti Poem in Hindi

(हिन्दुस्तान हमारा)

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा

हम बुलबुले है उसकी वो गुलसितां हमारा।

परबत वो सबसे ऊँचा हमसाया आसमाँ का

वो संतरी हमारा वो पासवां हमारा।

गोदी में खेलती है जिसकी हजारों नदियाँ

गुलशन है जिनके दम से रश्क-ए-जिनां हमारा

मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना

हिंदी है हम वतन है हिंदुस्तान हमारा।

 

(जग में सुंदर देश हमारा)

हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई,

हर धर्म के लोग अनेक

मानवता ही धर्म हमारा

जिस से बने हुए है हम सब एक

काले गोरे में भेद नहीं

हम सब में मतभेद नहीं

बना हुआ है

हम सब में भाईचारा

जग में सुंदर देश हमारा

 

Patriotic Poem in Hindi | Desh Bhakti Kavita | देशभक्ति पर हिंदी कविता

 

(झंडा ऊँचा रहे हमारा)

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

सदा शंक्ति बरसाने वाला,

प्रेम सुधा सरसाने वाला

वीरों को हरषाने वाला

मातृभूमि का तन-मन सारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

स्वतंत्रता के भीषण रण में,

लखकर जोश बड़े क्षण-क्षण में,

कांपे शत्रु देखकर मन से,

मिट जावे भय संकट सारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इस झंडे के निचे निर्भय,

हो स्वराज जनता का निश्चय,

बोलो भारत माता की जय,

स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

आओ प्यारे वीरों आओ,

देश-जाती पर बलि-बलि जाओ,

एक साथ सब मिलकर गाओ,

प्यारा भारत देश हमारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इसकी शान न जाने पावे,

चाहे जान भले ही जावे,

विश्व-विजय करके दिखलावे,

तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह “Desh Bhakti Poem Kavita in Hindi” जरूर पसंद आयी होगी। यह देश भक्ति कविताएं अगर आपको अच्छी लगी हो तो इन्हे जरूर शेयर जरूर करे।

 

यह भी पढे: –

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