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बिजली का आविष्कार कैसे हुआ: Electricity ka Avishkar Kaise Huya

बिजली का आविष्कार कैसे हुआ: Electricity ka Avishkar Kaise Huya | How Was Electricity Invented

Posted on January 26, 2022

बिजली का आविष्कार कैसे हुआ Electricity ka Avishkar Kaise Huya or Kisne Kiya How Was Electricity Invented: 

आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे बिजली का आविष्कार कैसे हुआ और किसने किया। तो असलमे बिजली का आविष्कार नहीं बल्कि खोज हुई थी। खोज और आविष्कार में अंतर है। अगर कोई चीज प्रकृति में पहले से मौजूत है और उसे किसी इंसान ने खोज निकाला है तो हम कहेंगे कि इसकी खोज हुई है। और अगर कोई चीज प्रकृति में पहले से मौजूत नहीं है और किसी इंसान के द्वारा बनाया गया है तो हम कहेंगे कि इसका आविष्कार हुआ है। बिजली भी प्रकृति में पहले से मौजूत थी और इसलिए हम कहते हैं कि बिजली की खोज हुई है। लेकिन अल्टेरनेटिंग करंट यानि AC करंट का आविष्कार हुआ था। यह प्रकृती में पहले से मौजूत नहीं था। डायरेक्ट करंट यानि DC करंट प्रकृति में पहले से मौजूत था इसलिए हम कहते हैं कि इसकी खोज हुई है। अल्टेरनेटिंग करंट वह करंट है जिसका यूज़ हम अपने डेली लाइफ में हर दिन करते हैं। जैसे बल्ब, फैन वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर और जितने भी इलेक्ट्रॉनिक चीजे हम अपने घर में इस्तेमाल करते हैं वह सारे अल्टेरनेटिंग करंट से चलते हैं। और बैटरी से मिलने वाला करंट DC करंट होता है। पहले DC करंट की खोज हुई थी और इसके बाद इसी के आधार पर AC करंट का आविष्कार हुआ था।

बिजली का खोज या आविष्कार किसी एक समय में किसी एक इंसान के द्वारा नहीं हुआ था। इसकी खोज के बाद से पीढ़ी दर पीढ़ी कई साइंटिस्ट द्वारा इसमें सुधार किया गया और इसके बनाने के तरीकों का आविष्कार किया गया। आज के इस पोस्ट में हम इसी के बारे में जानेंगे। तो आइये जानते हैं इसके बारे में बिस्तार से।

बिजली का आविष्कार कैसे हुआ जाने पूरा इतिहास – डीसी (DC) करंट की खोज कैसे हुई 

2700 BC पहले लोगों को करंट के बारे में बस इतना पता था कि कुछ मछलियां होती है जिनको छूने से झटका लगता है। 600 BC पहले थेल्स ने पाया कि कांच या अंबर के टुकड़े को रेशम से लगड़ने पर उसमे एक ऐसी शक्ति आ जाती है जो कागज के टुकड़ो को अपनी तरफ आकर्षित करती है। फिर सन 1600 ईसबी में विलियम गिल्बर्ट ने सबसे पहले इलेक्ट्रिक वर्ड का इस्तेमाल किया। फिर सन 1752 ईसबी में बेंजामिन फ्रेंक्लिन ने अपने एक एक्सपेरिमेंट्स से पाया कि बारिश के समय आकाश में जो बिजली चमकती है और इलेक्ट्रिक से जो चिंगारी निकलती है दोनों एक ही चीज है। उन्होंने बारिश के मौसम में जिस समय बिजली कड़क रही थी, उस समय उन्होंने एक पतंग को मेटल के टुकड़े से बांधकर उड़ाया और रस्सी के लास्ट में एक चाबी को बांध दिया। जब बिजली कड़कती थी तो पतंग के थ्रो बिजली रस्सी से होते हुए चाबी पर आती थी और चाबी से उनके हाथों को झटका लगता था।

उन दिनों आकाशी बिजली काफी लोगों के घर पर गिर जाया करती थी जिससे काफी लोगों के घर में आग लग जाया करता था। अपने एक्सपेरिमेंट के आधार पर बेंजामिन फ्रेंक्लिन ने लाइटनिंग कंडक्टर का आविष्कार किया। इसके बाद से यह समस्या सॉल्व हो गयी। सन 1800 ईसबी में अलेस्साँद्रो वोल्टा ने पाया कि केमिकल रिएक्शन कराके भी हम इलेक्ट्रिसिटी बना सकते हैं। इसके बाद उन्होंने जिंक और कॉपर की प्लेट का यूज़ करके पहली बार बैटरी का आविष्कार किया। फिर 1831में माइकेल फैराडे ने डीसी इलेक्ट्रिक डायनामो और डीसी मोटर का आविष्कार किया। इसके बाद बिजली बनाने की समस्या दूर हो गई। जिसके बाद इलेक्ट्रिसिटी को टेक्नोलॉजी के लिए यूज़ किया जाने लगा और इलेक्ट्रिक युग की शुरुवात हो गई। बाद में बड़े-बड़े डीसी जनरेटर बनाये गए। जिससे बड़े पैमाने पर डीसी करंट का प्रोडक्शन होने लगा।

सन 1878 में थॉमस अल्वा एडिसन ने बल्ब का आविष्कार किया। इसके बाद घरों और फैक्टरियों में डीसी करंट का इस्तेमाल होने लगा। एडिसन की अपनी एक डीसी करंट प्रोडक्शन की कंपनी भी थी जिसमें वह बड़े-बड़े डीसी जनरेटर की मदद से डीसी करंट का प्रोडक्शन करते थे और उसे घरों और फैक्टरियों को डीसी करंट सप्लाई करते थे।

 

बिजली का आविष्कार: महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला ने AC करंट का आविष्कार कैसे किया? 

निकोला टेस्ला को बचपन से ही इलेक्ट्रिसिटी में बहुत इंटरेस्ट था। सन 1881 में अपनी पढ़ाई पूरी करके निकोला टेस्ला एक टेलीफोन एक्सचेंज कंपनी में इंजीनियर के तौर पर काम करने लगे। फिर सन 1882 में किसी कारण से टेलीफोन एक्सचेंज की नौकरी छोड़ दी और एडिसन की कंपनी में नौकरी करने लगे।

निकोला टेस्ला ने एडिशन को अपने AC करंट प्रोजेक्ट को दिखाया लेकिन एडिसन ने उसे खतरनाक बताकर टाल दिया। क्यों कि एडिसन को डर था कि AC करंट के आने से उनके DC करंट का प्रोडक्शन खत्म हो जायेगा और उनकी कंपनी बंद हो जाएगी। फिर एकदिन एडिसन के डीसी जनरेटर में कुछ प्रॉब्लम आया तो उन्होंने निकोला टेस्ला को कहा कि अगर वह उसे ठीक कर देंगे तो वह उसे 50 हजार डॉलर देंगे जो कि उस समय बहुत बड़ी रकम थी।

निकोला टेस्ला ने दिन रात एक करके उनके डीसी जनरेटर के प्रॉब्लम को सॉल्व कर दिया और उसे ठीक कर दिया। फिर निकोला टेस्ला जब एडिसन के पैसे लेने गए तो एडिशन ने यह कहकर उसे पैसे देने से मना कर दिया कि मैंने तो तुमसे मजाक किया था, तुम अमेरिकन्स के मजाक को भी नहीं समझते। इससे निकोला टेस्ला को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने एडिसन के कंपनी को छोड़ दिया। फिर उन्होंने अमेरिका के एक बड़े बिजनेसमैन जॉर्ज वेस्टिंगहाउस के साथ मिलकर अपनी एक कंपनी खोली।

सन 1887 में निकोला टेस्ला ने ऐसी डायनामो और ऐसी इंडेक्सिंग मोटर का इस्तेमाल किया और अपनी कंपनी में AC करंट का प्रोडक्शन करने लगे। इस बात से एडिसन को बहुत जलन हुआ और उन्होंने निकोला टेस्ला के AC करंट को इंसानो के लिए खतरनाक बताया। एडिसन ने लोगों के सामने जानवरों के साथ AC करंट का उपयोग करके भी दिखाया जिससे उन जानवरों की मौत हो गई जिससे AC करंट के ऊपर लोगों के सवाल भी उठे। फिर भी AC करंट की लोकप्रियता कम नहीं हुई क्यों की इससे बहुत फायदे भी थे। जैसे DC करंट  शार्ट सर्किट का खतरा ज्यादा रहता था और DC करंट दो मिल से ज्यादा ट्रेवल नहीं कर पाती थी। वही AC करंट से शार्ट सर्किट का खतरा भी कम होता था और AC करंट हजारो मिलो तक बिना किसी रूकावट के ट्रेवल भी करती थी। जहाँ एडिसन का DC करंट बहुत महँगा था वही निकोला टेस्ला का AC करंट बहुत ही सस्ता था। इसलिए AC करंट की डिमांड बहुत बढ़ गई जिससे एडिसन को हार मानना ही पड़ा।

आज हम अपने घरों और फैक्टरियों में जिस बिजली का यूज़ करते हैं वह महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला की ही देन है। अब आप जान चुके होंगे कि बिजली का आविष्कार कैसे हुआ था।

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