माँ बेटे के अनमोल प्यार की कहानी Maa Bete Ki Anmol Pyar Ki Kahani
माँ बेटे के अनमोल प्यार की कहानी
माँ मुझे कुछ महीनों के लिए विदेश जाना पड़ रहा है, तेरे रहने का इंतजाम मैंने वृद्ध आश्रम में करवा दिया है, तक़रीबन तिस साल अविवाहित डॉक्टर संदीप ने देर रात घर में घुसते ही अपने माँ से कहा। तब माँ बोली ,”बेटा तेरा विदेश जाना जरुरी है क्या।” माँ की आवाज में चिंता और घबराहट साफ झलक रही थी।
तब डॉक्टर संदीप बोला, “माँ मुझे इंग्लैंड जाकर कुछ रीसर्च करनी है, वैसे भी तो कुछ ही महीनों की बात है फिर मैं आपको वापस घर ले आऊंगा।”
“जैसी तेरी इच्छा बेटा” मरी सी आवाज में माँ ने कहा। यह कहकर माँ सोने चली गई।
दूसरे दिन संदीप माँ को पड़ोस के एक वृद्ध आश्रम छोड़ आया। वृद्ध आश्रम में आने पर शुरू शुरू में हर व्यक्ति के चेहरे पर जिंदगी के प्रति हताशा और निराशा साफ झलकती थी लेकिन जानकी देवी जी के चेहरे पर वृद्ध आश्रम में रहने बावजूद कोई शिकन तक न थी।
एक दिन आश्रम में बैठे कुछ बुजुर्ग आपस में बातें कर रहे थे। उनमे से तीन चार महिलाएं भी थी। उनमे से एक महिला बोली, “डॉक्टर का कोई सगा सम्बन्धी नहीं था क्या, जो अपनी माँ को यहाँ छोड़ गया।”
तब वहां बैठी एक महिला बोली, “जानकी देवी जी के पति की मौत जवानी ,में ही हो गई थी। तब संदीप करीब पांच साल का था। पति के मौत के बाद जानकी देवी जी और उसके बेटे को रहने और खाने के लाले पड़ गए थे। तब किसी भी रिश्तेदार ने उनकी मदद नहीं थी। जानकी देवी जी ने दुसरो के घर में झाड़ू पोछा करके अपने बेटे संदीप को पढ़ाया लिखाया। संदीप भी पढ़ने लिखने में बहुत होशियार था तभी तो वह डॉक्टर बन गया।
वृद्ध आश्रम में करीब सात महीने गुजर जाने के बाद एक दिन जानकी देवी वृद्ध आश्रम के संचालक मुकेश शर्मा की के ऑफिस के नंबर से अपने बेटे को फ़ोन किया और कहा, “संदीप तुम इंडिया आ गए हो या फिर अभी भी इंग्लैंड में ही हो।”
संदीप का जवाब था, “माँ में अभी इंग्लैंड में ही हूँ।
अब तो जानकी देवी जी जब भी तीन-तीन, चार -चार महीने से फ़ोन करती, तो संदीप का एक ही जवाब आता, कि मैं अभी यही हूँ। जैसे ही मैं अपने देश आऊंगा, तुझे बता दूंगा।
इस तरह समय गुजरता गया और दो साल गुजर गए। अब तो वृद्ध आश्रम के लोग भी कहने लगे कि देखो कैसा चालाक बेटा निकला, कितने धोखे से अपने माँ को यहाँ छोड़ गया।
तभी आश्रम का एक अन्य बुजुर्ग बोला, “मुझे तो नहीं लगता कि डॉक्टर कोई विदेश पिदेश गया होगा, वह तो बुढ़िया से छुटकारा पाना चाह रहा था।”
तभी किसी और एक बुजुर्ग ने कहा, “मगर वह तो शादीशुदा भी नहीं था। फिर होगी कोई गर्लफ्रेंड, जिस ने कहा होगा पहले माँ के रहने का अलग इंतजाम करो तभी में तुमसे शादी करुँगी।”
दो साल आश्रम में रहने के बाद जानकी देवी जी को अपनी नियति का पता चल गया, बेटे का गम उन्हें अंदर ही अंदर खाने लगा, वह पूरी तरह टूट गई। दो साल आश्रम में और रहने के बाद एक दिन जानकी देवी जी की मौत हो गई।
उनकी मौत पर आश्रम के लोगों ने आश्रम के संचालक शर्मा जी से कहा, “इसकी मौत की खबर इसके बेटे को तो दे दो, हमें तो नहीं लगता कि वह विदेश गया होगा, वह होगा यही कहीं अपने देश में।”
तभी शर्मा जी बोले, “इसके बेटे को मैं कैसे खबर करूँ, उसे मरे तो तीन साल हो गए।”
शर्मा जी की यह बात सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग हैरान रह गए। तभी उनमें से एक बोला, “अगर उसे मरे तीन साल हो गए तो जानकी देवी जी मोबाइल पर बात कौन करता था।”
तब शर्मा जी बोले, “वह मोबाइल तो मेरे पास है, जिसमे उनके बेटे की रिकॉर्ड की गई आवाज है।”
एक बुजुर्ग ने पूछा, “पर ऐसा क्यों?”
तब शर्मा जी बोले, “करीब 4 साल पहले जब संदीप अपने माँ को यहाँ छोड़ने आया था तो उसने मुझसे कहा कि शर्मा जी मुझे ब्लड कैंसर हो गया है और डॉक्टर होने के नाते यह मैं अच्छी तरह जानता हूँ कि इसके आखरी स्टेज में मुझे बहुत तकलीफ होगी। मेरे मुँह और मेरे मसूड़ों से खून भी आएगा। मेरी यह तकलीफ माँ से देखि न जा सकेगी, वह तो जीते जी मर जाएगी। मुझे तो मरना ही है पर मैं नहीं चाहता कि मेरे कारण मेरे से पहले मेरी माँ मरे। मेरे मरने से पेले दो कमरों का हमारा छोटा सा फ्लैट और जो भी घर का सामान आदि है वह मैं आश्रम में दान कर दूंगा।”
यह दास्तां सुन आश्रम के सभी लोगों की आँखें भी नम हो गई। जानकी देवी जी का अंतिम संस्कार आश्रम में ही कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार में शर्मा जी ने आश्रम में रहने वाले बुजुर्गों के परिवारवालों को भी बुलाया। माँ बेटे के इस अनमोल प्यार और अटूट दास्तां का कुछ लोगों पर इतना असर हुआ कि कुछ बेटे अपने बूढ़े माँ-बाप को वापस घर ले गए।
उम्मीद करते हैं आपको यह कहानी ” माँ बेटे के अनमोल प्यार की कहानी Maa Bete Ki Anmol Pyar Ki Kahani “ जरूर पसंद आई होगी अगर कहानी पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करिएगा।
यह भी पढ़े –
- माँ बेटे की कहानी
- 100+ Best Inspirational Hindi Stories | 100 प्रेरणदायक हिंदी कहानियां
- Cute And Romantic Heart Touching Love Story In Hindi
- नोबिता की मौत की सच्ची कहानी
- एक अनोखी प्रेम कहानी
- फेसबुक की लव स्टोरी
अगर आपके पास भी कोई Hindi Kahani, Motivational Stories, Biography या फिर हमारे ब्लॉग से सम्बंधित कोई भी हिंदी आर्टिकल है और आप उसे हमसे शेयर करना चाहते हैं तो हमसे हमारे ईमेल आईडी के माध्यम से संपर्क जरूर करे, इसके बदले आपको हमारे साइट से एक Do Follow Backlink मिलेगा।
हमारी ईमेल आईडी – soalibouri2240@gmail.com
– हाल ही में किए गए नएपोस्ट पढ़े –
दिल को छू लेने वाला School Love Story In Hindi | Best Heart Touching Love Story In Hindi
नई बहु की समझदारी | Nayi Bahu Ki Samajhdari Hindi Story
अपना मकान | Hindi Story
बेरोजगार बेटे की कहानी आपको रुला देगी | Heart Touching Story In Hindi
अपने क्रोध को शांत कैसे करे? | Motivational Story In Hindi