Skip to content

Kahani Ki Dunia

Iss Duniya Mein Jane Kuch Naya

Menu
  • Home
  • Hindi Stories
  • Full Form
  • Business Ideas
  • Contact us
  • Web Stories
Menu
क्रिसमस क्यों मनाया जाता है और क्रिसमस का इतिहास | Christmas History in Hindi

क्रिसमस क्यों मनाया जाता है और क्रिसमस का इतिहास | Christmas History in Hindi

Posted on November 25, 2021

क्रिसमस क्यों मनाया जाता है और क्रिसमस का इतिहास  Christmas History in Hindi 

क्रिसमस, ईसा मसीह या यीशु के जन्म के खुशी में मनाए जाने वाला ईसाई धर्म का महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसे बड़ा दिन के नाम से भी जाना जाता है। यह हर साल 25 दिसंबर को दुनिया के अधिकांश देशों में मनाया जाता है।

क्रिसमस शब्द का जन्म क्राइस्ट मास शब्द से हुआ है और ऐसा माना जाता है कि 336 ई. में रोम में सबसे पहले क्रिसमस डे मनाया गया था। इस दिन लोग एक दूसरे को तोहफे देते हैं और पार्टी करते हैं। तो आइए जाने क्रिसमस का इतिहास और इससे जुड़ी कुछ और जानकारी।

 इसे भी पढ़े – राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?

Contents

  • 1 क्रिसमस का इतिहास क्यों मनाया जाता है:
  • 2 सांता क्लॉस का इतिहास:
  • 3 क्रिसमस ट्री का इतिहास:
  • 4 क्रिसमस के बारे में कुछ रोचक जानकारी:  
    • 4.1 यह भी पढ़े –

क्रिसमस का इतिहास क्यों मनाया जाता है:

बाइबिल के अनुसार माता मरियम के गर्व से ईसाई धर्म के ईश्वर ईसा मसीह का जन्म हुआ था। ईसा मसीह के जन्म से पूर्व माता मरियम कुमारी थी। एक दिन मरियम के पास स्वर्गदूत आए और उन्होंने कहा कि जल्द ही आपकी एक संतान होगी और उस बच्चे के नाम जीसस रखना है। स्वर्गदूत ने बताया कि जीसस बड़ा होकर राजा बनेगा और उसके राज्य के कोई सीमा नहीं होगी। जो इस संसार को कष्टों से मुक्ति का रास्ता दिखलाएगा। माता मरियम ने संकोचबस कहा कि मैं तो अभी अविवाहित हूँ ऐसे में यह कैसे संभव है। देवदूतों ने कहा कि यह सब एक चमत्कार के माध्यम से होगा। जल्द ही माता मरियम और जोसेफ की शादी हुई। शादी के बाद दोनों युहीदियों के प्रांत बेतेलहेम नामक जगह में रहने लगे। यही पर एक रात अस्तबल में ईसा मसीहा का जन्म हुआ। इसी दिन आकाश में एक तारा बहुत ज्यादा चमक रहा था। और इससे लोगों को इस बात का एहसास हो गया था कि रोम शासन से बचने के लिए उनके मसीहा ने जन्म ले लिया है। ईसा मसीहा के जन्म उत्सव को ही लोग आज क्रिसमस के रूप  मनाते हैं। ईसा मसीहा ने दुनिया को एकता और भाईचारे की सीख दी। उन्होंने लोगों को भगवान के करीब रहने का मार्ग दिखाया। ईसा मसीहा ने क्षमा करने और क्षमा मांगने पर जोर दिया उन्होंने अपने हत्यारों को भी माफ़ किया। हालाँकि 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने को लेकर अलग-अलग कथाएं प्रचलित है। क्रिसमस से 12 दिन की उत्सव क्रिसमटाइड की भी शुरुवात होती है। यीशु का जन्म 7 से 2 ईसा पूर्व के बीच हुआ था। 25 दिसंबर यीशु मसीहा के जन्म की कोई ज्ञात वास्तविक जन्मतिथि नहीं है और लगता है कि इस तिथि को एक रोमन पर्व या मकर संक्रांति से सम्बंधित स्थापित करने के आधार पर चुना गया था। ईसाई होने का दावा करने वाले कुछ लोगों ने बाद में जाकर इस दिन को चुना। सर्दियों के मौसम में सूरज की गर्मी कम हो जाती है तो गैर ईसाई इस इरादे से पूजा-पाठ करते हैं और रीती रश्म मनाते कि सूरज अपनी लंबी यात्रा से लौट आए और दोबारा उन्हें गर्मी और रौशनी दे। उनका मानना था कि 25 दिसंबर को सूरज लौटना शुरू करता है। विश्व के लगभग सौ देशों में क्रिसमस का त्यौहार आज बड़े उल्लाश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन को क्रिसमस पर्व के रूप में मनाने के लिए काफी समस्याओं से भी जूझना पड़ा था। पिछले डेर शताब्दी से क्रिसमस का पर्व बिना किसी बाधा के आयोजित किए जा रहे हैं।

इसे भी पढ़े – फ्रेंडशिप डे क्यों मनाया जाता है? | फ्रेंडशिप डे कब मनाया जाता है?

सांता क्लॉस का इतिहास:

आज इस पर्व की पहचान बन चुकी है सांता क्लॉस। सांता क्लॉस छवि एक गोलमटोल आदमी की है जो हमेशा लाल कपड़े पहनकर रहता है और बच्चों को क्रिसमस पर गिफ्ट देने अपने स्लेज पर बैठकर आता है। आज सांता क्लॉस के बिना क्रिसमस की कल्पना हर किसी के लिए अधूरी है। सांता क्लॉस को लेकर कई कथाएं है। कई लोग मानते हैं कि चौथी शतब्दी में संत निकोलस तुर्की के मीरा नामक शहर के विसक थे वही असली सांता थे। संत निकोलस गरीबों को हमेशा गिफ्ट देते थे। उस समय संत निकोलस का काफी आदर करते थे। उस समय से सांता क्लॉस की कल्पना की जाने लगी।

क्रिसमस ट्री का इतिहास:

जब भगवान ईसा का जन्म हुआ था तब सभी देवता उनको देखने और उनके माता-पिता को बधाई देने आए थे। उस दिन से आज तक क्रिसमस के मौके पर सदाबहार भरके पेड़ को सजाया जाता है और इसे क्रिसमस ट्री कहा जाता है। क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरुवात करने वाला पहला व्यक्ति मार्टिन लुथार को माना जाता है।

इसे भी पढ़े – वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है | Valentine Day Story In Hindi

क्रिसमस के बारे में कुछ रोचक जानकारी:  

  • क्रिसमस से कई दिन पहले ही सभी ईसाई समुदायों दद्वारा केरोल्स गाए जाते हैं और प्राथनाएं की जाती है।
  • सारे दुनिया के गिरजा घरों में यीशु की जन्म गाथा प्रदिर्शित की जाती है।
  • 24-25 दिसंबर की बीच की रात को पुरे समय आरधना पूजा की जाती है। भक्तिभावपूर्ण गीत गाए जाते हैं। दूसरे दिन सभेरे से ही जन्मदिन का समाहरो होता है। गिरजा घरों  में मंगल कामना का प्रतिक क्रिसमस ट्री सजाया जाता है।
  • पूजा स्थलों के परिसरों को इस तरह से सजाया जाता है मानो दिवाली मनाई जा रही हो।
  • कई गैर ईसाई लोग भी इसे एक धर्म निरपेक्ष सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाते हैं।
  • क्रिसमस के दौरान मिठाई, चॉकलेट, ग्रीटिंग कार्ड, क्रिसमस पेड़, सजावटी वस्तुएं आदि भी पारिवारिक सदस्यों,  दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को देने की परंपरा है।
  •  इस अवसर पर सभी सरकारी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय,, प्रशिक्षण  केंद्र आदि तथा गैर सरकारी संस्थाएं बंद रहती है।
  • ब्रिटेन तथा अन्य राष्ट्रमंडलीय देशों में क्रिसमस से अगलादिन यानी 26  दिसंबर को बॉक्सिंग डे के  रूप में मनाया जाता है।
  • कुछ कैथोलिक देशों में इसे सेंट स्टीफेंस डे भी कहते हैं।

 

तो दोस्तों क्रिसमस के बारे में दी गए यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताईये और इसे अपने दोस्तों और परिवारजनों के  साथ भी शेयर करे।

यह भी पढ़े –

  • जानिए 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है क्रिसमस
  • शिक्षक और छात्र की दिल छू लेने वाली कहानी
  • मच्छरों से जुड़े अचंभित कर देने वाले रोचक जानकारियाँ
  • निरमा के पैकेट पर बनी लड़की थी करसनभाई का सपना
  • हिंदू धर्म में विधवा होने पर महिला सफ़ेद साड़ी क्यों पहनती हैं?

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Post

  • NIOS Full Form: NIOS Board क्या है पूरी जानकरी हिंदी में
  • Top 5 High Salary Banking Courses in Hindi | Best Banking Jobs After 12th
  • KVPY Exam क्या है | What is KVPY Exam in Hindi
  • What is No Cost EMI in Hindi | No Cost EMI क्या होता है
  • NASA Scientist कैसे बने | How to Become a NASA Scientist
©2023 Kahani Ki Dunia | Design: Newspaperly WordPress Theme