Skip to content

Kahani Ki Dunia

Iss Duniya Mein Jane Kuch Naya

Menu
  • Home
  • Hindi Stories
  • Full Form
  • Business Ideas
  • Contact us
  • Web Stories
Menu
गौतम बुद्ध और किसान की कहानी | Gautam Buddha and Farmer Story in Hindi

गौतम बुद्ध और किसान की कहानी | Gautam Buddha and Farmer Story in Hindi

Posted on October 29, 2021

गौतम बुद्ध और किसान की कहानी | Gautam Buddha and Farmer Story in Hindi

गौतम बुद्ध और किसान की कहानी

एक गाँव में एक किसान अपने दुखों से दुखी था। किसी ने उस किसान को बताया कि तुम अपने दुखों की समाधान के लिए बुद्ध की सरन में जाओ, वह तुम्हारी सभी दुखो की समाधान कर देंगे। यह सुनकर वह किसान बुद्ध की सरन चल पड़ा। जैसा कि हम सभी के जीवन में होता है, वह किसान भी अनेक कठिनाइयों का समाधान कर रहा था। उसे लगा की वह दूसरे कठिनाइयों से निकाल लेगा, कोई उपाय बता देंगे।

वह किसान बुद्ध के पास पहुंचा और उसने बुद्ध से कहा, “हे बुद्ध मैं किसान हूँ, मुझे खेती करना अच्छा लगता है लेकिन कभी भी वर्षा पर्याप्त नहीं होते और मेरी फसल बर्बाद हो जाती है। पिछले साल भी मेरे पास खाने को कुछ नहीं था और इस साल जब मैंने फसल बोई तो इस बार बहुत अधिक वर्षा हुई, जिसके कारण मेरी फसल को नुकसान पहुंचा। अभी भी मेरे पास खाने को पर्याप्त नहीं है।”

बुद्ध उसकी बात शांतिपूर्वक सुनते रहे।

किसान ने कहा ,”मैं विवाहित हूँ, मेरी पत्नी मेरा ध्यान रखती है। मैं उससे प्रेम करता हूँ लेकिन कभी-कभी वह मुझे परेशान भी कर देती हैं, कभी-कभी मुझे लगता है कि मैं उससे परेशान हो गया हूँ और कभी मुझे लगता है कि वे मेरे जीवन में न होती तो अच्छा होता। मेरे बच्चे भी हैं, वे भले हैं। पर कभी कभी वे मेरी अवज्ञा कर देते हैं और कभी तो वे मेरी बात नहीं मानते तो मुझे ऐसा लगता है कि मानो वह मेरे बच्चे ही ना हो।”

  • सब्र का महत्त्व | Gautam Buddha Inspirational Story In Hindi

किसान ऐसी ही बातें बुद्ध से करता गया और एक एक करके अपने सभी घटनाओं को बुद्ध को बताया। उसके जीवन में बहुत सारे समस्याएँ थी। बुद्ध ध्यानपूर्वक उसकी इन समस्याओं को सुनते गए। बुद्ध ने एक शब्द न कहा और वह बताता चला गया। आखिरकार बताते बताते उसके पास बताने के लिए कोई और अधिक समस्या ना बची।

अपना मन हल्का कर लेने के बाद वह चुप हो गया और प्रतीक्षा करने लगा कि बुद्ध उसे कुछ बताएँगे। लेकिन बुद्ध कुछ भी ना बोले। उसने बुद्ध से कहा, “कि मैं आपके पास आया हूँ, क्या मेरे समस्या का समाधान करेंगे?”

बुद्ध बोला, “मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता।”

किसान ने अचंभित होकर का ,”यह क्या कह रहें हैं आप! सभी कहते हैं कि आप सभी के दुखो का निवारण कर देते हैं तो क्या आप मेरी दुखो का निवारण नहीं करेंगे। इसलिए क्या मैं एक गरीब किसान हूँ।”

बुद्ध ने कहा ,”सभी के जीवन में कठिनाइयाँ है , तुम्हारे जीवन में कोई कठिनाइयाँ नहीं है। यह कठिनाइयाँ तो सभी के जीवन में आती है और जाती है, कभी मनुष्य सुखी होता है कभी दुखी आता है, अभी उसे पराए अपने लगते हैं और कभी कभी उसे अपने ही पराए लगते हैं। यह जीवनचक्र है इनसे कोई नहीं निकल सकता। वास्तविकता यह है कि हम सबके जीवन में तिरासी कठिनाइयाँ है। मेरा तुम्हारा और यहाँ उपस्थित हर व्यक्ति का जीवन समस्याओं से ग्रस्तीत है तुम इन तिरासी समस्याओं   का समाधान नहीं कर सकते, कोई नहीं कर सकता। मैं भी तुम्हारे इन समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता। यदि तुम कठोर कर्म करो उनमे से किसी एक का उपाय भी कर लो तो उसके स्थान पर एक नई समस्या खड़ी जो जाएगी। जीवन का कोई भरोसा नहीं है। एक दिन जिन्हे तुम चाहते हो, वह तुम्हे छोड़ देंगे और चले जाएंगे और एक दिन यह जीवन भी तुम्हे छोड़ देगा और तुम भी यहाँ से चले जाओगे। जीवन का भरोसा नहीं है। एक दिन तुम्हारे प्रियजन चल बसेंगे और तुम भी चल बसेंगे। समस्याएँ सदैव वैसे ही बानी रहेगी। आज भी वैसी ही समस्या है जैसे कि सौ साल पहले थी या हजार साल पहले थी। समस्याएँ जस की तस ही रहेंगी और इन समस्याओं का कोई कुछ उपाय नहीं कर सकता है।”

  • प्रेरक कहानी: परिश्रम का महत्व | Inspirational Story In Hindi

किसबन क्रोधित हो गया। वह बोला, “सब कहते हैं की आप महात्मा हो। मैं यहाँ इस आश में आया था कि आप मेरी कुछ सहायता करोगे। अगर आप मेरे समस्याओं का समाधान ही नहीं कर सकते तो मेरा आना यहाँ वत्यर्थ हुआ। सभी लोग झूठ बोलते है कि सैप सभी समस्याओं को दूर करते हैं लेकिन आपने तो मेरी एक भी समस्या का समधन न किया। आप से भले तो वह महात्मा हैं जो मेरे घर 2 वर्ष पहले आए थे।

उन्होंने मेर से यज्ञ कराया, दान दक्षिणा कराइ और मेरे मन को अपार शांति मिली और कुछ समय के लिए सुख भी आया , कुछ दुःख भी कम हुए , लेकिन आपने तो मेरी किसी भी समस्या का समाधान ना किया आपने तो सीधा मुझे मना कर दिया।”

बुद्ध ने कहा, ” क्या तुम्हारे वह सब करने से तुम्हारे सभी दुःख  समाप्त हो चुके हैं. क्या तुम आज उनसे भी अधिक दुखों में नहीं पड़े हो। यह दुःख कभी भी समाप्त नहीं होने वाले हैं।’

किसान ने कहा, ” तो क्या अब मैं यह मानल लूँ कि आप मेरी कोई भी मदद नहीं कर सकते और समस्याओं का समाधान नहीं निकल सकते। यदि आप इतनी छोटी-छोटी बातों का उपाय नहीं कर सकते।”

  • सोच का नतीजा | Best Inspirational Hindi Story

बुद्ध ने कहा, मैं तुम्हारे तिरासी समस्याओ का समाधान तो नहीं कर सकता  हूँ लेकिन हाँ लेकिन हाँ, मैं तुम्हारे चौरासी समस्याओं का समाधान कर सकता हूँ।”

किसान ने अचंभित होकर कहा, “चौरासी समस्या! वह कौनसी समस्या है?”

बुद्ध ने कहा, “वह यह हैं कि तुम नहीं चाहते कि तुम्हारे जीवन में कोई समस्या हो। इसी समस्या के कारण ही सारी समस्याओं का जन्म हुआ है। अगर तुम इस बात को स्वीकार कर लो की जीवन में समस्या होती ही है, सभी के जीवन में कोई न कोई कठिनाइयाँ होती ही है। तुम सोचते हो कि तुम इस दुनिया में सबसे ज्यादा दुखी हो और तुम्हारे जितना कोई और दुखी नहीं है तो तुम अपने आसपास देखो कि जितने भी लोग तुम्हारे आसपास है क्या वह तुमसे कम दुखी हैं? तुम्हें अपना दुःख बड़ा लगता है जबकि तुम्हारे आसपास रहने वाले सभी को  अपना दुःख बड़ा लगता है। इस दुनिया में सभी को अपना दुःख बड़ा लगता है चाहे दुःख छोटा हो या बड़ा हो। लेकिन वह जिसके साथ घाट रहा है उसी के लिए वह बड़ा होता है। हम किसी दूसरे के बारे में विचार नहीं करते। बहुत दूर के बारे में  विचार तो हम बिलकुल नहीं करते, कोई हमारा सगा संबंधी हो तो हम उसके बारे में थोड़ा विचार करते हैं लेकिन अगर बात हम पर आ जाएँ तो हम बिलकुल विचलित हो जाते हैं। अपनी जीवन में कोई समस्या ना होने पर या सुख होने पर हम दुसरो को उपदेश देते हैं कि ऐसे करो और वैसे करो तो तुम्हारे जीवन में सुख आएगा। तुम क्यों इतना दुःख करते हो दुःख आता है और जाता है लेकिन जब यहीं घटना हमारे जीवन में घटती है तो हमें यह बातें समझ नहीं आती हम सिर्फ अपने दुःख से दुखी रहते हैं। तो यहीं है चोरासी समस्या। अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारे जीवन में कोई समस्या ना हो यहीं इनसमस्याओं की असली जड़ है। अगर तुम ध्यानपूर्वक देखोगे और समझोगे कि जीवन दुखो से और सुखो से हर प्रकार से भरा हुआ है इसको तुम कभी नहीं बदल सकते। अगर तुम यह चाहते हो कि तुम्हारा जीवन हमेशा सुखी हो और सुख से रहूं तो यह बह संभव नहीं और अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारा जीवन हमेशा दुःख से भरा हो तो यह भी संभव नहीं है। अगर तुम यह भी चाहते हो कि तुम सुख और दुःख से ऊपर उठ सको तो यह संभव है। सुख और दुःख को आने से हम रोक नहीं सकते लेकिन सुख और दुःख का  हम पर कोई प्रभाव ना हो ऐसी व्यवस्था हम कर सकते हैं। तो मैं तुम्हारी चोरासी समस्या का समाधान कर सकता हूँ, बाकि तिरासी समस्याओं का समाधान मेरे हाथ में नहीं है। अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारी जीवन में कोई समाया ना हो तो तुम्हें इस बात को समझना होगा कि जीवन में समस्याएं आती ही है हूमें उनसे विचलित नहीं होना चाहिए।”

वह किसान बुद्ध के चरणों में गिर पड़ा और बोला, “हे बुद्ध इतनी छोटी सी बात मैं आज तक समझ ना पाया। आपने इतनी छोटी सी बात को मुझे सरल शब्दों में समझा दी। इसके लिए मैं आपका बहुत बहुत आभारी हूँ। अब मैं जीवन को पूर्ण रूप से जीऊंगा और कभी सुख और दुःख के फेरे में पड़कर अपना जीवन बर्बाद नहीं करूँगा।

 

उम्मीद करते हैं दोस्तों कि आप सबको महात्मा बुद्ध की यह कहानी “गौतम बुद्ध और किसान की कहानी | Gautam Buddha and Farmer Story in Hindi” जरूर पसंद आई होगी अगर आपको यह कहानी पसंद आए तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं और अपने दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर कर सकते हैं। धन्यवाद।

यह भी पढ़े –

  • नीम के पत्ते
  • भगवान का घर
  • जो होता है अच्छे के लिए होता है
  • बैल का कर्ज | प्रेरणादायक कहानी
  • माँ और बेटे की प्रेरणादायक कहानी
  • पति-पत्नी की कहानी

 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Post

  • NIOS Full Form: NIOS Board क्या है पूरी जानकरी हिंदी में
  • Top 5 High Salary Banking Courses in Hindi | Best Banking Jobs After 12th
  • KVPY Exam क्या है | What is KVPY Exam in Hindi
  • What is No Cost EMI in Hindi | No Cost EMI क्या होता है
  • NASA Scientist कैसे बने | How to Become a NASA Scientist
©2023 Kahani Ki Dunia | Design: Newspaperly WordPress Theme