Skip to content

Kahani Ki Dunia

Iss Duniya Mein Jane Kuch Naya

Menu
  • Home
  • Hindi Stories
  • Full Form
  • Business Ideas
  • Contact us
  • Web Stories
Menu
इंसानियत आज भी जिंदा है | Best Motivational Story in Hindi

इंसानियत आज भी जिंदा है | Best Motivational Story in Hindi

Posted on September 24, 2021

इंसानियत आज भी जिंदा है Best Motivational Story in Hindi

 

इंसानियत आज भी जिंदा है – Best Motivational Story in Hindi

एक सज्जन व्यक्ति रेलवे स्टेशन पर बैठे गाड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे। तभी जूते पालिश करने वाले एक मासूम सा लड़का आकर बोला, “साहब बूट पॉलिश? उसकी दयनीय सूरत देखकर उन्होंने अपने जूते आगे बढ़ा दिए। और बोले, “लो किंतु ठीक से चमकाना। लड़के ने काम शुरू किया। .परन्तु अन्य पॉलिश वाले की तरह उसमें स्फूर्ति नहीं थी। वे बोले, “कैसे धीरे-धीरे काम करते हो, जल्दी-जल्दी हाथ चलाओ। वह लड़का चुप रहा।”

 

इतने में दूसरा लड़का आया। उसने उस लड़के को तुरंत अलग कर दिया। और स्वयं फटाफट काम में जुट गया। पहले वाले गूंगे की तरह एक और खड़ा रहा। दूसरे ने जूते चमका दिया। पैसे किसे देने है? इस पर विचार करते हुए उन्होंने जेब में हाथ डाला। उन्हें लगा कि अब इन दोनों में पैसों की लिए झगड़ा या मारपीट होगी। फिर उन्होंने सोचा जिसने काम किया है उसे ही दाम मिलना चाहिए। इसलिए उन्होंने बाद में आने वाले लड़के को पैसे दे दिए।

 

उस लड़के ने पैसे तो ले लिए, परन्तु पहले वाले लड़के के हथेली में रख दिए। प्रेम से उसकी पीठ थपथपाई और चल दिया। वह आदमी विस्मित आँखों से देखता रहा। उसने लड़के को तुरंत वापस बुलाया। और पूछा, “यह क्या चक्कर है?” लड़का बोला, “यह चार महीने पहले चलती ट्रैन से गिर गया था। हाथ पैर में बहुत चोटे आई थी। ईश्वर की कृपया से बेचारा बच भी गया नहीं तो इसकी बूढी माँ और बहानो का क्या होता। बहुत स्वाभिमानी है। भीख नहीं मांग सकता।”

 

फिर वह थोड़ा रूककर बोला “साहब। यहाँ जूते पॉलिश करने वाले का हमारा समूह है। और उसमे एक देवता जैसे हमारे एक प्यारे चाचा जी है जिन्हें सब सत्संगी चाचा कहकर पुकारते हैं। वे सत्संग में जाते हैं। और हमें भी सत्संग की बात बताते रहते हैं। उन्होंने सुझाव रखा, कि साथियों अब हम पहले की तरह स्फूर्ति से काम नहीं कर सकते तो क्या हुआ? ईश्वर ने हम सबको अपने साथी के प्रति सक्रिय, हित, त्याग, भावना, स्नेह, सहानुभूति और एकत्व का भाव प्रकट करने का ीक अवसर दिया है। जैसे पीठ, पेट, चेहरा, हाथ, पैर भिन्न-भिन्न दीखते हुए भी एक ही शरीर के अंग है। ऐसे ही हम सभी शरीर से भिन्न-भिन्न दिखाई देते हुए एक आत्मा ही है। हम सब एक है। स्टेशन  पर  रहने वाले हम सब साथीयो ने तय किया है कि हम एक जोड़ी जूते पॉलिश करने की आय प्रतिदिन इसे दिया करेंगे। और जरूरत पड़ने पर इसके काम में भी सहायता करेंगे। जूते पॉलिश करने वालों के दल में आपसी प्रेम,  सहयोग, एकता तथा मानवता की ऐसी ऊंचाई देखकर वे सज्जन व्यक्ति चकित रह गया। और  ख़ुशी से उसकी पीठ थपथपाई। और सोचने लगे, शायद इंसानियत आज भी जिन्दा है।

 

उम्मीद है दोस्तों आपको यह कहानी इंसानियत आज भी जिंदा है | Best Motivational Story in Hindi जरूर अच्छा लगा होगा। और दोस्तों अगर आप इसी तरह के और भी कहानियां पढ़ना चाहते हैं तो इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करे।

 

यह भी पढ़े –

  • भगवान की मर्ज़ी | Bhagwan Ki Marzi Story In Hindi
  • बघेला और तूफान की कहानी | Baghela Aur Tufan Ki Kahani
  • घमंडी कालिदास और सरस्वती माँ | Story In Hindi
  • सोने के पत्ते | Sone Ke Patte Story In Hindi
  • नालायक बेटा | Emotional Story In Hindi
  • गुरु का स्थान | Teachers Day Story In Hindi

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Post

  • NIOS Full Form: NIOS Board क्या है पूरी जानकरी हिंदी में
  • Top 5 High Salary Banking Courses in Hindi | Best Banking Jobs After 12th
  • KVPY Exam क्या है | What is KVPY Exam in Hindi
  • What is No Cost EMI in Hindi | No Cost EMI क्या होता है
  • NASA Scientist कैसे बने | How to Become a NASA Scientist
©2023 Kahani Ki Dunia | Design: Newspaperly WordPress Theme