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दो दोस्त और एक गर्लफ्रेंड की कहानी - True Friendship Story in Hindi

दो दोस्त और एक गर्लफ्रेंड की कहानी – True Friendship Story in Hindi

Posted on August 5, 2021

दो दोस्त और एक गर्लफ्रेंड की कहानी True Friendship Story in Hindi

 

दो दोस्त और एक गर्लफ्रेंड की कहानी 

रवि और सुनील अमदाबाद के एक बड़े से ऑफिस में काम करते थे। उन दोनों ने बचपन से ही साथ में पढाई की थी और हमेशा एक साथ ही रहते थे। उनकी दोस्ती इतनी पक्की थी कि वो एक दूसरे को पूछे बिना कुछ भी काम नहीं करते थे। और वो दोनों इस बात से भी खुश थे कि दोनों की नौकरी एक ही ऑफिस में लग गई थी। अब रवि ने मोटर साइकिल भी खरीद ली थी इसलिए रवि सुनील को ऑफिस से घर साथ ही लेकर जाता था।

 

एक दिन रवि और सुनील जब ऑफिस गए तो दोनों ने देखा कि नेहा नाम की एक लड़की उनके ऑफिस में नई-नई काम पर लगी है और वह देखने में बहुत ही खूबसूरत थी। रवि और सुनील ने जब नेहा को पहली बार देखा तो तो वह दोनों तो बस नेहा को देखते ही रह गए। फिर नेहा अपने काम में ले गई और रवि और सुनील भी अपने-अपने काम में लग गए। पर शायद रवि और सुनील दोनों ही नेहा को करने लगे थे। और दोनों ही किसी न किसी बहाने से नेहा से बात करते रहते थे।

 

एक दिन रवि ने सुनील से कहा, “यार सुनील नेहा तो बहुत खूबसूरत है और तुझे पता है मुझे उससे प्यार हो गया है। सुनील यार मेरी कुछ हेल्प कर न प्लीज। एक बार मेरी सेटिंग नेहा से करवा दे यार।” मगर शायद रवि को यह नहीं पता था कि सुनील भी नेहा को मन ही मन चाहता है। लेकिन सुनील ने सोचा की रवि मेरा बहुत अच्छा दोस्त है तो उसके आगे नेहा क्या चीज है। तब सुनील कहता है कि रवि वाकई में तेरी और नेहा की जोड़ी बहुत अच्छी लगेगी और तू चिंता मत कर नेहा भी तुझसे एक दिन जरूर प्यार करने लगेगी।

 

एक दिन नेहा जन्मदिन था और नेहा ने अपने जन्मदिन पर ऑफिस के सभी लोगों को बुलाया। यह बात सुनकर रवि बहुत खुश हो गया और सुनील से कहने लगा, “सुनील नेहा के लिए मैं एक बड़ा सा गिफ्ट खरीद लेता हूँ और मैं उसके लिए ऐसा गिफ्ट लूंगा कि वह समझ जाए कि मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ।” तभी सुनील अपना मन दबाते हुए कहता है, “हाँ रवि तू उसके लिए एक कपल्स वाला गिफ्ट ले लेना। उस गिफ्ट को देखकर नेहा जरूर तेरे प्यार को समझ जाएगी।”

 

कुछ समय बाद ऑफिस से छुट्टी हो जाती है और अचानक नेहा का फ़ोन सुनील के पास आता है। उसको नेहा कहती है, “सुनील तुम्हें मेरे जन्मदिन पर जरूर आना है और टाइम से मेरे घर पहुंच जाना है ओके।” यह कहकर नेहा फोन रख देती है। तब सुनील सोचता है कि नेहा ने मुझे फ़ोन क्यों किया कहीं न के मन में मेरे लिए कुछ न हो भगवान प्लीज नहीं तो नहीं तो मेरे दोस्त रवि का दिल टूट जाएगा।

 

अगले दिन रवि और सुनील नेहा के  जन्मदिन के पार्टी में पहुंच जाते। नेहा ने अपनी जन्मदिन की पार्टी घर में रखी थी। जैसे ही रवि और सुनील नेहा के घर में जाते हैं तभी खुद नेहा उनको दरवाजे तक लेने जाती है। मगर ये क्या नेहा सिर्फ सुनील का हाथ पकड़कर अंदर ले जाती है मानो जैसे नेहा सुनील का ही इंतजार कर रही थी। मगर जब सुनील ने देखा तो रवि वही गेट के पास ही खड़ा हुआ था। तभी वह उसे लेने वहां चला गया। लग रहा था जैसे रवि कुछ नाराज था। मगर सुनील ने उसे हँसते हुए कहा की रवि नेहा जन्मदिन का गिफ्ट तो दे दो।

 

रवि तब नेहा को गिफ्ट देकर कहता है, “हैप्पी बर्थडे नेहा।” तभी नेहा रवि को थैंक यु कहती है और सुनील से पूछती है, “सुनील तुम मेरे लिए जन्मदिन का गिफ्ट नहीं लाए।” सुनील कहता है, “सॉरी नेहा मैं तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं ला पाया।” नेहा कहती है, “चलो कोई बात नहीं सुनील अब केक काटते हैं।”

 

नेहा अब केक के मोमबत्ती को बुझाती है और सभी ताली बजाते हुए नेहा को हैप्पी बर्थडे कहते हैं। नेहा ने केक काटकर पहले अपने मम्मी-पापा को खिलाया और फिर केक काटकर सुनील को जबरदस्ती खिला दिया। और उसी वक्त नेहा ने सुनील के बारे में अपने मम्मी-पापा को बताया और सुनील ने नेहा के मम्मी-पापा को नमस्ते कहा। और उनसे यह भी कहा कि आंटी और अंकल जी यह रवि है मेरे बचपन का दोस्त। और तभी रवि ने भी उन्हें नमस्ते कहा। लेकिन रवि सुनील से बहुत  नाराज था कि नेहा बार-बार सुनील से ही बात कर रही थी।

 

सुनील रवि को उदास देखकर बहुत दुखी हो रहा था। तब सुनील नेहा से 2 मिनट अकेले में बात करने के लिए पूछता है। तो नेहा उसे बात करने के लिए हाँ कर देता है और उसे अंदर के एक कमरे में ले जाती है। और पूछती है ,”बताओ सुनील तुम्हें क्या कहना है?” सुनील कहता है, “नेहा मैं तुमसे जो बात कहने जा रहा हूँ अगर तुम्हें थोड़ा भी बुरा लगे तो प्लीज मुझे माफ़ कर देना।” नेहा कहती है ,”सुनील तुम्हें जो भी कहना है तुम खुलकर कहो।” सुनील कहता है ,”नेहा मेरा दोस्त रवि तुम्हें बहुत चाहता है वह तुम्हें दिल से प्रेम करता है और शायद इतना चाहने वाला लड़का तुम्हें कभी नहीं मिल पाएगा नेहा।” तब नेहा सुनील से कहती है ,”सुनील मैंने सोचा कि तुम अपने दिल की बात मुझसे कहोगे लेकिन तुमने तो मेरा दिल ही तोड़ दिया। सुनील मैंने अपने घरवालों को सिर्फ तुम्हारे बारे में ही बता रखा है और मैं तुम्हारे दोस्त से नहीं बल्कि तुमसे प्यार करती हूँ और प्यार कोई खेल नहीं है सुनील और जरा तुम अपने दिल पर हाथ रखकर कसम खाओ की तुम मुझसे प्यार नहीं करते।” सुनील कहता है, “नेहा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ लेकिन सॉरी नेहा मेरे लिए तुमसे कहीं ज्यादा प्यारा मेरा दोस्त रवि है।”

 

बाहर खिड़की में से नेहा और सुनील की सारी बातें रवि सुन रहा था। तभी वह अचानक अंदर ही आ जाता है। सबसे पहले तो वह अपने दोस्त सुनील को गले से लगाता है और कहता है, “सुनील तेरे जैसा दोस्त तो मुझे हर जन्म में मिलना चाहिए। तू मेरे लिए इतना बड़ा वलिदान देने जा रहा था। शायद इतना तो तेरे लिए मैं भी कभी नहीं कर पाता मेरे दोस्त। तू मेरी ख़ुशी के  लिए नेहा का प्यार भी ठुकरा रहा था पगले। आज तूने मेरा दिल जीत लिया।

 

रवि आगे कहता है, “सुनील तुम दोनों का प्यार भी सच्चा है इसलिए तुझे नेहा के प्यार को अपनाना ही होगा।” सुनील कहता है ,”लेकिन मेरे दोस्त तेरे प्यार का क्या होगा रवि?” तब रवि कहता है ,”अरे पगले मेरा प्यार तो एक तरफ़ा था जो कभी नहीं मिल सकता और सुनील तू मेरे लिए इतना कुछ कर सकता है तो क्या मैं तेरे लिए कुछ भी नहीं कर सकता।” यह कहकर रवि सुनील का हाथ नेहा के हाथों में थमा देता है और कहता है ,”सुनील तुम दोनों का प्यार तो मिल गया मगर अपने दोस्त को भूल मत जाना।” सुनील कहता है, “नहीं यार ऐसा भला कभी हो सकता है।” तब रवि कहता है , “अरे पगले मैं तो मजाक कर रहा था।”

 

इस बात पर तीनों ही हंसने लग जाते हैं।

 

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