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प्यार किया तो डरना ही क्या | Very Emotional Love Story in Hindi

प्यार किया तो डरना ही क्या | Very Emotional Love Story in Hindi

Posted on August 6, 2021

प्यार किया तो डरना ही क्या (Very Emotional Love Story in Hindi)

 

प्यार किया तो डरना ही क्या –  Very Emotional Love Story in Hindi

किशन एक पुलिस अफसर था और अभी अभी उसका ट्रांसफर जयपुर के थाने में हो गया था। थाने के बिलकुल सामने एक गाँव था और उस गाँव में नेहा नाम की एक लड़की रहती थी। नेहा एक बहुत ही सुंदर लड़की थी और वह इतनी सुंदर थी कि आए दिन कोई न कोई उस पर लट्टू हो जाता था और हर बार हेना उन लड़कों की कम्प्लेन लिखवाने थाने जाती थी।

 

एक दिन जब थाने में नेहा एक लड़के को थाने में लेकर गई और अंदर जाकर उस लड़के के खिलाफ छेड़खानी का मामला दर्ज कराने लगी वैसे ही उसने देखा कि एक हैंडसम सा लड़का उस थाने में नया-नया आया था। नेहा तो बस उसे देखते ही रह गई। तभी उसने अपनी बंदूक निकालकर टेबल पर रख दी और उस लड़की नेहा से पूछने लगा, “क्या हुआ मैडम आपने क्यों इस लड़के को पकड़ रखा है?” लेकिन नेहा तो बस किशन को देखि ही जा रही थी।

 

तभी किशन ने दोबारा पूछा, “क्या हुआ कुछ बोलोगे भी?” तभी नेहा डर जाती है और कहती है, “यह लड़का मुझे छेड़ रहा था।” तो किशन नेहा को अच्छे से देखता है और कहता है, “क्या कहा इसने तुम्हे?” तब नेहा कहती है ,”यह बहुत देर से मुझे घूरे जा रहा था।” तो किशन कहता है, “तो क्या हुआ इसमें भी गलती तुम्हारी ही है। इतने छोटे कपडे क्यों पहनती हो तुम?तुम्हारे माँ-बाप क्या इतने गरीब है कि तुम्हे बच्चों के कपडे दिलवाकर ही पहना देते हैं।” यह सुनकर थाने के सभी लोग हंसने लग जाते हैं।

 

फिर नेहा कहती है ,”सर यह तो आज कल का फैशन है।” किशन कहता है, “मैडम अगर यह छोटे कपडे पहनना फैशन है तो यह फैशन देखने वाला भी तो कोई होना चाहिए।” किशन के इतना कहते ही नेहा को छेड़ने वाला लड़का हंसने लग जाता है। तभी किशन ने उसे एक जोरदार थप्पड़ मार दिया और कहा, “छोटे कपडे पहनने वाली इस लड़की की गलती नहीं है इसके साथ तुम्हारी भी गलती है। क्या घर में भी तुम अपनी बहन को इसी नजरों से देखते हो।” यह सुनकर वह लड़का भी शर्मिंदा हो गया और उसने नेहा से माफ़ी मांगी।

 

नेहा फिर किशन को पीछे से देखते हुए थाने से चली जाती है। लेकिन अब नेहा किशन के लिए तड़पने लगी थी। बार-बार किशन का चेहरा उसके सामने आए जा रहा था। लेकिन नेहा उससे बात करती भी कैसे वह तो एक पुलिस वाला था। लेकिन पुलिस वाला है तो क्या हुआ किशन का थाना तो नेहा के घर के सामने ही था।

 

अब नेहा अपने छोटे भाई के हाथ कभी किशन के लिए चाय भेजती तो कभी गाजर का हलवा और कभी-कभी तो वह उसके लिए अपने हाथों से खाना बनाकर भी भेजती थी और किशन खा भी लेता था। लेकिन किशन यह नहीं समझ पा रहा था कि नेहा उससे बहुत प्यार करने लग गई थी।

 

एक दिन नेहा ने बड़ी ही हिम्मत करके खाने के टिफिन में अपने प्यार की एक चिट्ठी रख दी और अपने छोटे भाई के हाथो वह खाना देकर भेज दिया और खाना खाते समय वह चिट्टी किशन ने पढ़ी। किशन के मन में भी नेहा के लिए प्यार तो था मगर शायद किशन को वह फीलिंग नहीं हो रही थी जो नेहा को किशन के लिए हो रही थी। तभी अगले दिन किशन नेहा के घर पर ही चला गया। उस समय नेहा घर पर बिलकुल अकेली थी। किशन ने दरबाजा खटखटाया और नेहा दरवाजा खोलने के लिए आई। दरवाजे में किशन को देखकर नेहा बहुत ज्यादा खुश हो गई।

 

नेहा को लगा की किशन उसके प्यार को मान गया है। लेकिन जब किशन घर के अंदर आता है और नेहा से कहता है, “नेहा तुम बहुत ही अच्छी लड़की हो और बहुत ही खूबसूरत भी हो मगर नेहा मैं तुमसे प्यार नहीं करता यार मैं बस तुमसे दोस्ती ही कर सकता हूँ प्लीज।” यह सुनकर नेहा के आँखों से आंसू आ गए लेकिन वह करती भी क्या किशन को तो उससे प्यार ही नहीं था। तभी नेहा कहती है, “कोई बात नहीं किशन मुझे लाइफ में पहली बार तुमसे प्यार हुआ है और तुमसे इतना प्यार हो चूका है कि मेरे सपनों में भी अब तुम ही आने लगे हो और मुझे बदलने वाले भी तुम हो किशन और अब मुझे कभी किसी से प्यार नहीं हो सकता।” इतना कहते ही किशन ने नेहा के आंसू पोछकर उसका सर अपने कंधे पर रख लिया और कहा, “मुझे माफ़ कर दो नेहा मुझे आज तक किसी लड़की से सिद्दत वाला प्यार कभी नहीं हुआ।”

 

अब नेहा बहुत उदास हो चुकी थी लेकिन कुछ ही देर में नेहा अपने आंसुओ को छुपाती हुई किशन से कहने लगी, “चलो छोड़ो किशन आज से हम एकदम पक्के दोस्त हैं लेकिन तुम कभी मुझसे दोस्ती नहीं तोड़ोगे न? कसम खा कर बोलो।” तो किशन कहता है,”नेहा मैं अपनी माँ की कसम खा का कहती हूँ कि मैं मर जाऊँगा लेकिन तुमसे दोस्ती नहीं तोडूंगा।” यह सुनकर नेहा किशन के गले लग जाती है और किशन भी एक दोस्त की तरह उसे अपने गले से लगा लेता है।

 

अब किशन और नेहा की पक्की दोस्ती हो चुकी थी और अब वह दोनों एक साथ हर जगह घूमने भी जाने लगे। और नेहा रोज अपने हाथों से किशन के लिए खाना बनाती थी और किशन भी रोज दिन में नेहा के घर खाना खाने आ जाता था। अब शायद किशन को नेहा की आदत सी हो चुकी थी। अब कई बार तो किशन को नेहा की याद भी सताने लगती थी और वह जल्दी से उसके घर चला जाता था।

 

नेहा के पिता भी बहुत ही अच्छे थे और नेहा की माँ नहीं थी। इसलिए उसके पिता उसको हर ख़ुशी देते। थे अब कई बार तो जब किशन नेहा से मजाक-मजाक में लड़ाई करता तो उसका हाथ भी उसके हाथो से लगता और किशन को तब बहुत ही अजीब सा महसूस होता था। अब ऐसे दोस्ती ही दोस्ती में किशन और नेहा का एक साल हो गया था और उनकी दोस्ती भी बहुत ही ज्यादा गहरी हो चुकी थी।

 

जब एक दिन किशन नेहा के घर पर खाना खाने आया तो उसने देखा कि नेहा ने नए कपडे पहने हुए थे और वह एक गुलाब के फूल की तरह बहुत ही सुंदर दिख रही थी और उसके घर पर कुछ रिश्तेदार भी आए हुए थे। और जब किशन ने नेहा के छोटे भाई से पूछा तो उसने किशन से कहा कि नेहा दीदी का रिश्ता पक्का पक्का हो चूका है और अगले महीने ही उनकी शादी तय हो गई है।

 

यह सुनते ही किशन के सीने में एक जोरदार सा धक्का लगा और बिना बोले ही उसके आँखों से आंसू गिर गया। यह देखकर उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की उसे यह क्या हो रहा है। अब किशन को लगने लगा की अब उसे नेहा से सच्चा प्यार हो गया। लेकिन अब वह करता भी क्या क्यों की उसकी तो अब शादी भी तय हो चुकी थी।

 

किशन जल्दी से नेहा के पास जाता है और अचानक से गले लगाकर कहता है, “नेहा शायद मुझे भी तुमसे प्यार हो गया है क्यों की अब मैं हर पल सिर्फ तुम्हारे ही बारे में सोचता हूँ और तुम्हारे बिना अब रह भी नहीं सकता। सच  में नेहा मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। और तुम्हारी शादी की बात सुनकर तो अब मुझे और भी अच्छा नहीं लग रहा है।” नेहा बोली, “लेकिन किशन मेरी तो अब शादी भी तय हो चुकी है मैं अब कुछ नहीं कर सकती। अगर मैंने अब इस शादी के लिए मना किया तो पिताजी बहुत दुखी होंगे और मैं उन्हें दुखी नहीं देख सकती।

 

नेहा के पिताजी ने उन दोनों की बातें सुन ली और उन्हें लगा की अगर नेहा की शादी हो जाती है वहां तो वह शायद कभी खुश नहीं रह पायेगी और वह तो अपनी बेटी को हर वक्त खुश देखना चाहती थी। इसलिए नेहा के पिताजी ने उन रिश्तेदारों को इस शादी के लिए मना कर दिया और उन्हें पूरी सच्चाई भी बता दी।

 

इधर जब दोनों बातें कर रहे थे तो नेहा के पिताजी उन दोनों के पास आए नेहा से कहा, “बेटी अगर तुम्हे किशन पसंद है तो मैं तुम्हे उसी के साथ खुश देखना चाहता हूँ।” यह कहकर नेहा के पिताजी ने यह का हाथ किशन के हाथों में थमा दिया और दोनों बहुत ही ज्यादा खुश भी हो गए।

 

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