मूछों वाली लड़की की कहानी , Mucho Wali Ladki Story in Hindi
मूछों वाली लड़की की कहानी – Mucho Wali Ladki Ki Story in Hindi
एक समय की बात है, एक गाँव में मीना नाम की एक लड़की रहती थी। उसके पापा लालचंद गाँव के बड़े सेठ थे। उनके पास बहुत से बगीचे और जमीन थी। वह अपनी बेटी से बहुत प्यार करते थे। वह उसकी हर जरुरत को पूरा करते थे। जिसके कारन वह बहुत बिगड़ गई थी और घमंडी हो गई थी। वह कभी-कभी अपने पापा के सामने अजीब से मांग रखती थी जिसको उसके पापा पूरा कर देते थे। वह कभी-कभी अपने घर के नौकरों का अनादर करती थी।
मीना की एक दोस्त रमा थी जिसके साथ वह अक्सर खेला करती थी। एक दिन मीना और उसकी दोस्त रमा कुछ दोस्तों के साथ मेले में जा रहे थे। वहां पर मीना जिस तरह चल रही थी उससे एक बूढ़े व्यक्ति को टक्कर लग गई और वह व्यक्ति गिर गया। जब बूढ़े व्यक्ति ने मीना से संभल कर चलने को कहा तो इस पर मीना ने बूढ़े व्यक्ति को बोला इसमें उसकी ही गलती है।
कुछ देर मेले में घूमकर झूला झूलने के बाद वह मेले से आने लगे। बीच में उनको एक आम का पेड़ नजर आया जिस पर बहुत से आम के फल लगे हुए थे। मीना और उसके दोस्त उस पेड़ के पास जाकर पत्थर से उस पेड़ के आम को तोड़ने लगे। कुछ देर में उन्होंने इतने फल तोड़ लिए जिससे उन सबका पेट भर जाए।
मीना के सभी दोस्त टूटे हुए आम को उठाकर खाने लगे और आम तोड़ना बंद कर दिया। लेकिन मीना अभी भी आम तोड़ रही थी। जब रमा से मीना से कहा कि हमने इतने आम तोड़ लिए कि हम सबका इससे पेट भर सके तो तुम और आम क्यों तोड़ रही हो?” मीना बोली, “मैं इस पेड़ की सबहि आम तोड़ दूंगी।”
रमा और उसके दोस्त आम खाने में व्यस्त हो गए लेकिन मीना आम तोड़ती रही। कुछ देर के अंदर बहुत सारे आम तोड़ने के बाद भी वह बाकि आम तोड़ने में लगी रही। तभी वह आम का पेड़ बोल उठा, “मीना तुम इतने फल क्यों तोड़ रहे हो? जितने आम तुमने तोड़े है वह तुम्हारे लिए पर्याप्त है।”
पेड़ को बोलता देखकर मीना के दोस्त डर गए लेकिन मीना बोली, “मैं तो आज तुम्हारे सारे आम तोडूंगी।” आम के पेड़ ने मीना को चेतावनी दी कि वह रुक जाए और बाकि आम न तोड़े। लेकिन मीना कहाँ मानने वाली थी उसने आम को तोडना जारी रखा और बोली, “तुम मेरा क्या बिगाड़ोगे?” आम के पेड़ ने बोला, “मीना तुम बहुत घमंडी लड़की हो तुमको सबक सिखाना ही पड़ेगा।”
इसके बाद आम के मीना पर जादू किया जिससे उसकी मुछे निकल आई। उसे देखकर उसके सभी साथी हंसने लगे। मीना आम के पेड़ से विनती करने लगी वह अब ऐसा नहीं करेगी वह उसके मूछों को हटा दे। लेकिन आम का पेड़ बोला, “पहले तुम जाकर अपने पिता को लेकर आओ। अगर वह मुझसे इसके लिए बोलेंगे तभी मैं तुम्हारे मूछों हटाऊँगा।”
यह सुनकर मीना मुँह पर चुन्नी लपेटकर घर जाने लगी। मार्किट में जाने पर बहुत तेज हवा आई और उसकी चुन्नी उड़ गई जिससे सभी लोगों ने मीना के मूछों को देख लिया और मूछों वाली लड़की कहकर हंसने लगे। मीना उन सबसे पीछा छुड़ाकर अपने घर चली गई और अपने पापा को सारी बात बताई। उसके पिता लालचंद अपनी बेटी को चिंतित देखकर परेशान हो गए और वह उसी वक्त मीना के साथ उस आम के पेड़ के पास जाने के लिए चल पड़े।
आम के पेड़ के पास जाकर लालचंद ने उससे अपनी बेटी की मूछों को हटाने के लिए बोला। आम का पेड़ बोला, “तुम अपनी बेटी की हर जरुरत को पूरा करती हो जिससे वह बहुत घमंडी हो गई है और किसी की बात नहीं मानती। यदि तुमने इसको सही शिक्षा दी होती तो यह इतनी नहीं बिगड़ती।”
लालचंद ने अपनी गलती मानते हुए आम के पेड़ से अपनी बेटी के मूछों को हटाने की विनती की और मीना ने भी आगे से कभी ऐसा न करना का वादा किया। लालचंद के विनती करने पर आम के पेड़ ने मीना के मूछों को हटा दिया। इसके बाद मीना सुधर गई और सबसे सही से पेश आने लगी और घमंड करना बंद कर दिया।
इस कहानी से सीख:
मूछों वाली लड़की की कहानी, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए।
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