भगवान का घर Inspirational Hindi Story
भगवान का घर (Inspirational Hindi Story)
कल दोपहर में बैंक गया था। वहां एक बुजुर्ग भी अपने काम से आए थे। वहां वह कुछ ढूंढ रहे थे। मुझे कागा शायद उन्हें पेन चाहिए। इसलिए उनसे पूछा तो वह बोले, “बीमारी के कारण मेरे हाथ कांप रहे हैं और मुझे पैसे निकालने की स्लिप भरनी है उसके लिए मैं देख रहा हूँ कि कोई मदद कर दे!”
मैं बोला, “आपको कोई हर्ज न हो तो मैं आपकी स्लिप भर देता हूँ!” उन्होंने मुझे स्लिप भरने की अनुमति दे दी! मैंने उनसे पूछकर स्लिप भर दी रकम निकालकर उन्होंने मुझसे पैसे गिनने को कहा। मैंने पैसे भी गिन दिए। हम दोनों एक साथ ही बैंक से बाहर आए तो वह बोले, “सॉरी तुम्हें थोड़ा कष्ट तो होगा परन्तु मुझे रिक्शा करवा दो, इस भरी दोपहरी में रिक्शा मिलना बड़ा कष्टकारी होता है।”
मैं बोला, “मुझे भी उसी तरफ जाना है, मैं आपको कार से घर छोड़ देता हूँ।” वह तैयार हो गए। हम उनके घर पहुंचे। वह एक फ्लाट में रहते थे। घर में उनकी वृद्ध पत्नी थी। वह थोड़ी डर गई कि इनको कुछ हो तो नहीं गया जिससे उन्हें छोड़ने एक अपरचित व्यक्ति घर पर आया है। के चहरे पर आए भाव को पढ़कर कहा, “चिंता की कोई बात नहीं, यह मुझे छोड़ने आए हैं।”
फिर बातचीत में वह बोले, “इस भगवान के घर में हम दोनों पति-पत्नी ही रहते हैं और हमारे बच्चो तो विदेश में रहते हैं।” मैंने जब उनसे भगवान के घर के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि “हमारे परिवार में भगवान का घर कहने की पुराणी परंपरा है। इसके पीछे की भावना है कि यह घर भगवान का है और हम उस घर में रहते हैं। जबकि लोग कहते हैं कि “घर हमारा है और भगवान हमारे घर में रहते हैं।”
मैंने विचार किया कि दोनों कथनों में कितना अंतर है। तदुपरांत वह बोले, “भगवान का घर बोला तो हमसे कोई नकारात्मक कार्य नहीं होते और हमेशा सद्विचारों से ओत-प्रोत रहते हैं।” बाद में मजाकिया लहजे में बोले , “लोग मृत्यु उपरांत भगवान के घर जाते हैं परन्तु हम तो जीते जी ही भगवान के घर का आनंद ले रहें हैं।”
यह वाक्य जैसे भगवान का दिया कोई प्रसाद ही है। भगवान ने ही मुझे उनको घर छोड़ने की प्रेरणा दी। “घर भगवान का और हम उनके घर में रहते हैं” यह वाक्य बहुत दिनों तक मेरे दिमाग में घूमता रहा। सही में कितने अलग विचार थे। हमको उपरोक्त प्रसंग से प्रेरित होकर अगर हम इस पर अमल करेंगे तो हमारे और आने वाले पीढ़ियों के विचार भी वैसे ही होंगे। अच्छे कार्य का प्रारंभ जब से भी करो वही नई सुबह है।
तो यह थी एक छोटी सी कहानी भगवान का घर Inspirational Hindi Story, उम्मीद है दोस्तों आपको यह कहानी पसंद आई होगी अगर पसंद आए तो कमेंट करे और शेयर भी जरूर करे और असेही नई-नई कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करे।
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