आज हम आपको बताने वाले हैं छोटी बहन और साथ भाई की कहानी Choti Bahan aur Sat Bhai Ki Hindi Story, तो चलिए इस कहानी को शुरू करते हैं।
छोटी बहन और सात भाई की कहानी – Heart Touching Hindi Story
एक राजा था, उसके सात लड़के और एक लड़की थी। राजा ने अपने सातों लड़कों का विवाह करवा दिया था। एक दिन राजा शिकार करने गया और वह जब शिकार करके वापस आ रहा था रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई। पिता के मरने के बाद सातों भाइयों के सिर पर पुरे घर और राजपाठ की जिम्मेदारियां आ गई।
एक दिन सातों भाई काम के सिलसिले में बाहर जाने लगे। सभी ने अपने पत्नियों से बोला कि हमारे बहन का अच्छे से ख्याल रखना, इसको किसी भी चीज की कमी नहीं होनी चाहिए। सातों पत्नियों ने बोला कि ठीक है। इसके बाद सातों भाई चले गए।
भाइयों के जाने के बाद लड़की की भाभियों ने उसे बहुत काम करवाने लगी। सबसे छोटी वाली भाभी उससे काम नहीं करवाती थी, बाकि जो छह भाभियां थी उससे बहुत काम करवाती थी।
एक दिन की बात है, शाम हो गया था, बड़ी वाली भाभी ने कहा, “जाओ जंगल में से लकड़ी लेकर आओ। लड़की ने रस्सी मांगी। भाभी ने कहा, “बिना रस्सी के जाओ।” वह मन में सोच रही थी कि भला बिना रस्सी के मैं कैसे लकड़ी लेकर आऊंगी। वह जंगल में गई। उसने लकड़ी एकत्रित किया और बैठकर रोने लगी। तभी एक सांप आया। उसने लड़की को रोते देखकर पूछा कि क्यों रो रही हो। लड़की बोली, “मेरी भाभी इंतजार कर रही होगी कि मैं लकड़ी लेकर आऊं तो वह खाना बनाए। मेरे पास तो रस्सी है नहीं, तो मैं यह सारी लकड़ियाँ बिना बांधे कैसे लेकर जाऊं।”सांप ने बोला, “बस इतनी सी बात, मेरे ऊपर लकड़ी लाकर रखो।”
लड़की ने वैसा ही किया और सांप ने लकड़ी को लपेट लिया। इसके बाद लड़की फिर सोच में पड़ गई। सांप ने बोला, “अब क्या हुआ?” लड़की बोली, “तुम्हे अगर मेरी भाभी ने देख लिया तो तुम्हे मार देगी।” सांप ने कहा, “चिंता मत करो, मुझे ले जाकर आंगन में छोड़ देना मैं नाली से निकल जाऊँगा।”
लड़की सांप की बात सुनकर खुश हो गई और अपने घर की तरफ निकल पड़ी। कुछ देर बाद लड़की घर आ गई। उसे घर जाने में रात हो गई थी। उसके देरी की आने की बजह से उसकी भाभी ने उसे खाना नहीं दिया। उसे बहुत मारा पीटा। लड़की बेचारी रोती-रोती सो गई। फिर एक दिन उसे एक चलनी दिया और बोला कि जाओ पानी लेकर आओ।
लड़की नदी किनारे जाकर पानी भरने की कोशिश कर रही थी परन्तु सारा पानी गिर जा रहा था। वह वही बैठकर रोने लगी। तभी अचानक एक मेंढक आया। वह लड़की को देखकर पूछा, “क्यों रो रही हो?” लड़की बोली, “मैं पानी भर रही हूँ लेकिन सारा पानी चलनी से गिर जा रहा है क्यों कि चलनी में बहुत सारा छेद है।
मेंढक ने उसे के उपाय बताया और बोला, “बस इतनी सी बात!” उसने अपने सारे मेंढक को बुलाया और उस चलनी में बैठ गए और बोला कि घर ले जाकर एक बाल्टी में रख देना, हम सारे मिलकर उस बाल्टी में पेशाब कर देंगे और बाल्टी भर जाएगा। उसके बाद हम लोग वहां से चले जाएंगे।
लड़की ने वैसा ही किया। उस लड़की की भाभी असेही हर रोज उटपटांग काम कुछ न कुछ करने के लिए देती थी। एक दिन की बात है, उस लड़की को एक काला रंग का कंबल दिया और बोला कि जाओ जब तक यह कंबल सफ़ेद न हो जाए घर लौटकर मत आना। लड़की बोली, “ठीक है।” लड़की कंबल लेकर चली जाती है और नदी के किनारे बैठकर उसे धोती है। वह छोटी लड़की उसे धोती गई परन्तु वह सफ़ेद होता ही नहीं क्यों कि वह कंबल पहले से ही काला रंग का था।
लड़की को कुछ घंटे हो गए। वह बिना कुछ खाए-पिए बैठी रही और फुट-फुटकर रो रही थी। तभी उसके सातों भाई नदी के पास वाले जंगल से होते हुए बाहर से लौटकर आ रहे थे। सातों लड़कों को किसी लड़की की रोने की आवाज सुनाई दी। वह सब नदी किनारे पहुंचे। अपने बहन को उस हालत में देखकर उन सभी भाइयों का दिमाग खराब हो गया और पूछा कि बहन यह हालत किसने किया।
उस लड़की ने सब कुछ बताया। इसके बाद सातों भाइयों ने बहन को साथ लेकर घर गए और बहन को बाहर ही कहीं छुपा दिया और बोला कि जब तक हम में से कोई न आए यहाँ से कहीं मत जाना। इसके बाद वह सब घर के अंदर चले जाते हैं। सारी पत्नियां अपने पति को देखकर इतनी खुश होती है कि पूछे मत। कोई पानी लेकर आती है, तो कोई पंखे से हवा देती है। तभी एक भाई बोला, “मेरी प्यारी बहन कहाँ हैं? दिखाई नहीं दे रही है?” तभी एक भाभी बोलती है, “यही पर कहीं खेल रही होगी।” तुरंत दूसरी भाभी बोली, “अभी दूध-भात खा कर यही कहीं खेल रही थी।” तभी एक पत्नी बोली की आप लोग पहले खाना खाइए वो आ जाएगी।
एक भाई बाहर जाता है और अपनी बहन को अंदर लेकर आती है और पत्नी से पूछते हैं की यही दूध-भात खाई है, अगर खाई होती तो यह हालत नहीं रहती। मेरी बहन की क्या हालत हो गई है। सारी पत्नियां कुछ नहीं बोलती है। तब छोटी लड़की बोलती है कि सबसे छोटी भाभी ने कुछ नहीं किया है, बाकि सारे भाभियों ने बहुत सताया और काम करवाया है।
सारे पतियों ने मिलकर अपने पत्नियों को घर से बाहर निकाल दिया और सबसे छोटी वाली पत्नी रह गई। उसके बाद सारे मिलकर राजपाठ चलाने लगे।
इस कहानी से सीख:
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलति है कि हमें दुसरो का कभी बुरा नहीं करना चाहिए। अगर सारी पत्नियां मिलकर स्वयं काम की होती और उस छोटी लड़की से काम नहीं करवाई होती और उसके ऊपर जुल्म नहीं किया होता तो उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना पड़ता। कहावत है न, अगर हम किसी के लिए गड्ढा खोदकर रखते हैं तो हमारे लिए भी कहीं गड्ढा खोदकर रखा होगा। दूसरे के चक्कर में हम स्वयं ही उसमे गिर जाते हैं।
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