Chini Aur Ret Akbar Birbal Ki Kahani, अकबर बीरबल की कहानी चीनी और रेत
अकबर बीरबल की कहानी: चीनी और रेत
बादशाह अकबर, बीरबल और सभी मंत्रीगण हमेशा की तरह दरबार में बैठे हुए थे। सभा की कार्यवाही जारी थी। एक-एक करके राज्य के लोग अपनी समस्याएँ लेकर दरबार में पहुंच रहे थे।
इसी बीच वहां एक व्यक्ति दरबार में पहुंचा जिसके हाथ में मर्तबान था। सभी उस मर्तबान की ओर देख रहे थे। तभी अकबर ने उस व्यक्ति से पूछा, “इस मर्तबान में क्या है?”
उस व्यक्ति ने कहा, “महाराज इसमें चीनी और रेत का मिश्रण है।”
अकबर ने फिर पूछा, “आखिर ऐसा किस लिए?”
अब उस व्यक्ति ने कहा, “महाराज मैं माफ़ी चाहता हूँ मैंने बीरबल के बुद्धिमत्ता के कई किस्से सुने हैं। मैं उनकी परीक्षा लेना चाहता हूँ। मैं यह जानना चाहता हूँ कि बीरबल इस रेत में से बिना पानी का इस्तेमाल किए, चीनी का एक-एक दाना अलग कर दें।”
अब सभी हैरानी से टक टकी लगाए बीरबल की ओर देखने लगे।
अब अकबर ने बीरबल की ओर देखा और कहा, “बीरबल अब तुम कैसे इस व्यक्ति के सामने अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दोगे?”
बीरबल ने मुस्कुराते हुए कहा, “महाराज हो जाएगा। यह काम तो मैं चुटकियों में कर सकता हूँ।”
अब सभी लोग हैरान थे कि बीरबल ऐसा क्या करेंगे कि रेत से चीनी अलग हो जाएगी। तभी बीरबल उठे और उस मर्तबान को लेकर महल में मौजूत बगीचे की ओर बढ़ चले। उनके पीछे वह व्यक्ति भी था।
अब बीरबल बगीचे में एक आम के पेड़ के निचे पहुंचे। अब वह रेत में मौजूत चीनी और रेत के मिश्रण को आम के पेड़ के चारों तरफ फैलाने लगे।
तभी उस व्यक्ति ने पूछा, “अरे यह क्या कर रहे हो?”
इस पर बीरबल ने कहा, “यह आपको कल पता चलेगा।”
इसके बाद दोनों महल में वापस आ गए। अब सभी को कल सुबह का इंतजार था।
अगली सुबह जब दरबार लगा तो अकबर ओर सारे मंत्री बगीचे में पहुंचे, साथ में बीरबल और मर्तबान लाने वाला वह व्यक्ति भी था। सभी आम के पेड़ के पास पहुंच गए। सभी ने देखा कि अब वहां सिर्फ रेत पड़ी हुई है। दरहसल रेत में मौजूत चीनी को चीटियों ने निकालकर अपने बिल में इकट्ठा कर लिया था। और बची-खुची चीनी को चीटियां उठाकर अपने बिल में ले जा रही थी।
इस पर उस व्यक्ति ने पूछा, “चीनी कहाँ गई?”
बीरबल ने कहा, “रेत से चीनी अलग हो गई है।”
सभी जोर-जोर से हंसने लगे।
बीरबल की यह चतुराई देख अकबर ने उस व्यक्ति से कहा, “अगर अब तुम्हे चीनी चाहिए तो तुम्हें चीटियों के बिल में घुसना पड़ेगा।”
इस पर सभी लोग हँसते रहे और सभी बीरबल की तारीफ करने लगे।
कहानी से सीख – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है किसी को निचा दिखाने का प्रयास कभी नहीं करना चाहिए, यह आपके लिए भी हानिकारक हो सकता है।
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