ओकिकू डॉल: अपने आप बढ़ते हैं इस गुड़िया के बाल | Okiku Doll Story in Hindi
टॉयज सबको पसंद आतीहै, खासतौर पर लड़कियों को बहुत पसंद आती है पर क्या हो अगर टॉयस या नॉन लिविंग थिंग्स में चैंजेस आने लगे। एक ऐसी ही डॉल की कहानी आज मैं इस लेख में बताने वाली हूँ जिसके नैचुरली बाल बढ़ते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं।
Japanese Doll Okiku Story in Hindi
यह कहानी तब शुरू होती है जब 1918 में जापान में एक 17 साल का बच्चा एकीची सुजुकी (Eikichi Suzuki) अपने 2 साल की बहन के लिए एक डॉल खरीदता है। वो डॉल 40 cm बड़ी थी और कीमोनो ड्रेस पहनी हुई थी। उस डॉल के बाल काले थे और सिर्फ कंधे तक ही थे।
जब सुजुकी अपने घर पहुंचा तो उसने अपनी बहन ओकिकू (Okiku) को ये प्यारा सा गिफ्ट दिया और उसकी 2 साल की बहन इस तोफे को लेकर बहुत खुश हुई। यह डॉल ओकिकू की फेवरेट डॉल बन चुकी थी और दिन रात ओकिकू के साथ ये डॉल रहती थी।
कुछ दिनों दिनों बाद वह इस डॉल को ओकिकू ही बुलाने लगी। डॉल एक पल भी अब इस बच्ची के नज़रो से दूर नहीं रहती थी। पर एक दिन 1919 में ओकिकू को बहुत तेज बुखार आया और वह मर गई। बहुत बड़ा झटका था ओकिकू के फॅमिली के लिए क्यों कि वह महज 3 साल की ही थी।
डॉल को भी ओकिकू के साथ ही गाढ़ना था पर किसी कारण से वह डॉल बाहर रह गई। घरवालों के लिए याद में ओकिकू की आखरी निशानी सिर्फ ये डॉल थी और इस डॉल को भी ओकिकू अपने नाम से बुलाया करती थी इसलिए घरवालों ने इस डॉल को अपने पास ओकिकू की याद में रख लिया।
कुछ दिनों बाद सुजुकी ने नोटिस किया कि डॉल के बाल कंधे तक थे पर वह अपने आप कमर तक कैसे हो गए। घरवालों को भी यह बात बहुत अजीब लग रही थी। घरवालों को लग रहा था कि शायद यह एक भ्रम है इसलिए उन्होंने डॉल के बाल काटकर कंधे तक ही कर दिए जैसा पहले था।
कुछ दिनों बाद इस डॉल के बाल फिरसे अपने आप बढ़ गए। घरवाले इस हादसे से बहुत डर गए थे और उन्होंने 1938 में नए घर में शिफ्ट होने का फैसला लिया। घरवाले इस डॉल को अपने साथ नहीं ले जाना चाहते थे पर साथ ही साथ ओकिकू के प्यार में इस डॉल को लावारिश भी नहीं छोड़ना चाहते थे इसलिए उन्होंने इस डॉल को Manen-Ji Temple में छोड़ दिया और प्रीस्ट को सारी बात बता दी।
अब प्रीस्ट भी इस बात को देखना चाहता था कि क्या सच में डॉल के बाल उगते हैं इसलिए उन्होंने इस डॉल के बाल कंधे तक काट दिए, जो की फिरसे कमर तक बड़े हो चुके थे कुछ दिनों बाद। अब बात यह आती कि यह सब हुआ कैसे? कैसे एक डॉल जो नॉन लिविंग थिंग है उसके बाल अपने आप उग रहे हैं।
बहुत लोगों का मानना यह है कि ओकिकू का फेवरेट टॉय यह डॉल थी और उसकी जान इस टॉय में बस्ती थी। तो इसी बजह से आज भी ओकिकू इस डॉल में कैद है। वहीं दूसरी ओर कई लोगों का मानना यह है कि ओकिकू के डेथ का कारण यह डॉल है क्यों की इसी डॉल की बजह से ओकिकू की डेथ हुई।
बहुत से लोगों का, प्रीस्ट का यह मानना था कि इस डॉल में अगर सच में ओकिकू की आत्मा है तो इस डॉल के हेयर का सैंपल टेस्ट करना चाहिए। पर सवाल फिर यह उठा कि सैंपल को तुलना किसके साथ करे क्यों कि ओकिकू के मरे बहुत साल हो चुके थे। Manen-Ji Temple जो कि होकाईडो, जापान में है वहां इस डॉल को ओकिकू की याद में आज भी देखा जा सकता है।
यह डॉल एक आम डॉल नहीं है क्यों कि हर साल इस डॉल के बालों को काटा जाता है, जो कि कंधे तक आ जाते हैं। बालों की लगभग नी तक बढ़ने का वेट किया जाता है, जो कि लगभग 1 साल में हो जाता है और फिर इन बालों को कंधो तक काट दिया जाता है।
इस डॉल ने आज तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और ओकिकू की डेथ को सिर्फ एक इत्तेफाक माना गया। दूसरी तरफ ओकिकू के डॉल के लिए उसके पेरेंट्स ने रिक्वेस्ट की थीं कि इस डॉल को नुकसान न पहुंचाए या डिस्ट्रॉय न करें क्यों कि यह डॉल ओकिकू की आखरी निशानी है।
तो दोस्तों यह थी ओकिकू डॉल की कहानी। उम्मीद है आपको यह लेख ओकिकू डॉल: अपने आप बढ़ते हैं इस गुड़िया के बाल | Okiku Doll Story in Hindi जरूर पसंद आई होगी और इससे आपको ओकिकू डॉल के बारे में भी बहुत कुछ जानने मिला होगा।
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