Skip to content

Kahani Ki Dunia

Iss Duniya Mein Jane Kuch Naya

Menu
  • Home
  • Hindi Stories
  • Full Form
  • Business Ideas
  • Contact us
  • Web Stories
Menu
एक चुटकी जहर

एक चुटकी जहर – दिल छूने वाली एक कहानी

Posted on July 29, 2021

 

एक चुटकी जहर – दिल छूने वाली एक कहानी 

 

एक चुटकी जहर

आरती नाम की एक लड़की अपने पति और सास के साथ अपने ससुराल में रहने लगी। कुछ ही दिनों के बाद आरती को आभास होने लगा कि उसके सास के साथ पटरी नहीं बैठ रही है।

 

सास पुराने खयालो वाली थी और बहु नए विचारों वाली। आरती और उसके सास का आए दिन झगड़ा होने लगा। दिन बीते, महीने बीते,साल भी बीत गया, ना तो सास टीपा-टिप्पणी करना छोड़ती और ना ही आरती जवाब देना। हालत बद से बत्तर होने लगी।

 

आरती को अब अपनी सास से पूरी तरह नफरत हो चुकी थी। आरती के लिए उस समय स्तिथि और भी बुरी हो जाती जब उसे भारतीय परंपरा के अनुसार दुसरो के सामने अपनी सास को सम्मान देना पड़ता था। अब वह किसी तरह सास से छुटकारा पाने की सोचने लगी।

 

एक दिन जब आरती का अपनी सास से झगड़ा हुआ और पति भी अपने माँ का पक्ष लेने लगा तो वह नाराज होकर मायके चली आई। आरती के पिता आयुर्वेद के डॉक्टर थे। उसने रो-रो कर अपनी व्यथा पिता को सुनाई और बोली, “आप मुझे कोई जहरीली दवा दे दीजिये, जो मैं जाकर उस बुढ़िया को पीला दूँ। नहीं तो मैं अब ससुराल नहीं जाऊंगी।”

 

बेटी का दुःख समझते हुए पिता ने आरती के सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा, “बेटी, अगर तुम अपने सास को जहर खिलाकर मार दोगी तो तुम्हे पुलिस पकड़कर ले जाएगी। और साथ ही मुझे भी क्यों की वह जहर मैं तुम्हे दूंगा। इसलिए ऐसा करना ठीक नहीं होगा।” लेकिन आरती जिद पर अड़ गई, “आपको मुझे जहर देना ही होगा। अब मैं किसी भी कीमत पर उसका मुँह देखना नहीं चाहती।”

 

कुछ सोचकर पिता बोले, “ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्जी। लेकिन मैं तुम्हे जेल जाते हुए भी नहीं देख सकता। इसलिए जैसे मैं कहूं वैसे तुम्हे करना होगा। मंजूर हो तो बोलो।”

आरती ने पूछा, “क्या करना होगा?”

 

पिता ने एक पुड़िया में जहर जा पाउडर बांधकर आरती के हाथ में देते हुए कहा, “तुम्हे इस पुड़िया में से सिर्फ एक चुटकी जहर रोज अपने सास के भोजन में मिलाना है। कम मात्रा होने से वह एकदम से नहीं मरेगी, बल्कि धीरे-धीरे आतंरिक रूप से कमजोर होकर 5 से 6 महीनो में मर जाएगी। लोग समझेंगे कि वह स्वाभाविक मौत मर गई।”

 

पिता ने आगे कहा, “लेकिन तुम्हे बेहद साबधान रहना होगा ताकि तुम्हारे पति को बिलकुल भी शक ना होने पाए, वरना हम दोनों को जेल जाना पड़ेगा। इसके लिए तुम आज के बाद अपनी सास से बिलकुल भी झगड़ा नहीं करोगी, बल्कि उसकी सेवा करोगी। यदि वह तुम पर कोई टीपा-टिप्पणी करती है तो तुम चुपचाप सुन लोगी। बिलकुल उसके विपरीत जवाब नहीं डॉगी। बोलो कर पाओगी यह सब?”

 

आरती ने सोचा – छह महीनो की ही तो बात है, फिर तो छुटकारा मिल ही जाएगा। उसने पिता की बात मान ली और जहर की पुड़िया लेकर ससुराल चली आई।

 

ससुराल आते ही अगले ही दिन से आरती ने सास की भोजन में रोजाना एक चुटकी जहर मिलाना शुरू कर दिया, साथ ही उसके प्रति अपना बदलाव भी बदल लिया। वह सास के किसी  भी ताने का जवाब नहीं देती बल्कि क्रोध को पीकर मुस्कुराते हुए सुन लेती। रोज उसके पैर दबाती और उसकी हर बात का ख्याल रखती, सास से पूछ-पूछ कर उसकी पसंद का खाना बनाती और उसकी हर आज्ञा का पालन करती।

 

कुछ हप्ते बीतते-बीतते सास के स्वभाव में परिवर्तन आना शुरू हो गया। बहु की तरफ से अपने तानो को प्रति उत्तर न पाकर उसके ताने अब कम हो चले थे। बल्कि वह कभी-कभी बहु के सेवा के बदले आशीष भी देने लगी थी।

 

धीरे-धीरे चार महीने बीत गए। आरती नियमित रूप से रोज सास को एक चुटकी जहर देती आ रही थी। किंतु उस घर का माहौल अब एकदम से बदल चूका था। सास बहु का झगड़ा पुराणी बात हो चुकी थी। पहले जो सास आरती को गलियां देते नहीं थकती थी, अब वही आस पड़ोस वालो के आगे तारीफों के पुल बांधने लगी थी।

 

बहु को साथ बिठाकर खाना खिलाती और सोने से पहले जब तक बहु से चार प्यार भरी बातें न कर ले, उसे नींद ही नहीं आती थी। छठा महीना आते -आते आरती को लगने लगा कि उसकी सास उसे बिलकुल अपनी बेटी की तरह मानने लगी है। उसे भी अपनी सास में माँ की छवि नजर आने लगी थी। जब वह सोचती कि उसकी दिए जहर से उसकी सास कुछ ही दिनों में मर जाएगी तो वह परेशान हो जाती थी।

 

इसी ऊहापोह में वह अपने पिता के घर दोबारा जा पहुंची और बोली, “पिताजी मुझे उस जहर की असर को ख़त्म करने की दवा दीजिए क्यों की अब मैं अपनी सास को मारना नहीं चाहती। वह बहुत अच्छी है और अब मैं उन्हें अपनी माँ की तरह चाहने लगी हूँ।”

 

पिता ठठाकर हंस पड़े और बोले, “जहर? कैसा जहर?  मैंने तो तुम्हे जहर के नाम पर हाजमे का चूर्ण दिया था…हा हा हा हा!!!”

 

आपको यह कहानी कैसी लगी निचे कमेंट के माध्यम से जरूर बताए और अगर अच्छा लगे तो शेयर भी जरूर करे।

 

यह बह पढ़े:-

  • सोता नहीं था यह कुत्ता बस मालिक को देखता रहता था सारी रात
  • कौआ और चिड़िया की कहानी
  • 19 रूपए का चमत्कार
  • एक फौजी की दिल छूने वाली कहानी
  • चमत्कार की कहानी
  • पिताजी के फटे हुए जूते

 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Post

  • NIOS Full Form: NIOS Board क्या है पूरी जानकरी हिंदी में
  • Top 5 High Salary Banking Courses in Hindi | Best Banking Jobs After 12th
  • KVPY Exam क्या है | What is KVPY Exam in Hindi
  • What is No Cost EMI in Hindi | No Cost EMI क्या होता है
  • NASA Scientist कैसे बने | How to Become a NASA Scientist
©2023 Kahani Ki Dunia | Design: Newspaperly WordPress Theme