पहेलियाँ सुलझाना किसे अच्छा नहीं लगता अगर आपको भी पहेलियाँ सुलझाना अच्छा लगता है तो आपको भी यह कहानी बहुत अच्छी लगेगी तो दोस्तों आज मैं आपसे जो कहानी शेयर करने जा रही हूँ वह है अनोखी पहेली | Anokhi Paheli Story in Hindi.
अनोखी पहेली
ओमप्रकाश नाम का एक व्यक्ति धनी जमींदार था। वह तेनालीरामा का पक्का मित्र भी था। वह उमत्तूर नाम के गाँव में रहता था। वह कुछ ही दिनों का मेहमान था। उसके तीन बेटे थे।
एक दिन उसने अपने तीनों पुत्रो को अपने पास बुलाया और कहा, “मेरे मरने के बाद मेरे पलंग के निचे से जमीन खोदकर देखना। तीनो पुत्रो ने ओमप्रकाश के मृत्यु के बाद ऐसाही किया।
उन्होंने पलंग के निचे खुदाई करनी शुरू कर दी खुदाई के दौरान उन्हें जमीन में दबे हुए तीन कटोरे मिले जो एक के ऊपर एक करके रखे हुए थे। पहले कटोरे में मिटटी भरी हुई थी, दूसरे में सूखा हुआ गाय का गोबर था और तीसरे में तिनके रखी हुई थी।
तीनो कटोरे के निचे उन्हें दस सोने की मुद्राएं भी रखी हुई मिली, जिन्हे बराह सिक्के कहा जाता था।
तीनो पुत्रों ने उन्हें ध्यान से देखा और अपना दिमाग लगाया लेकिन उनके समझमें कुछ ना आया। एक भाई ने सलाह दी, “चलो तेनालीरामन चाचाजी के पास चलते हैं, वह समझदार हैं और बुद्धिमान भी है। वह हमें इन सबका सही मतलब बताएँगे।” दूसरे भाइयों ने भी हाँ कर दी और तेनालीरामा के पास चले गए।
उन्होंने तेनाली से कहा, “चाचाजी आप इस बारे में क्या कहते हैं, क्या हमारे पिताजी ने इस बारे में आपसे कभी कोई बात की है?”
तेनालीरामा ने जवाब दिया, “नहीं नहीं तुम्हारे पिताजी ने कभी इस बारे में कोई बात नहीं की। मैं तुम्हारे पिता को कई सालों से जानता हूँ वह पहले से पहेलियाँ बुझाने में शौकीन रहें हैं। यह भी एक पहले है इसलिए मुझे सोचने के लिए थोड़ा समय दो।”
तीनो लड़के उनके पास ही बैठ गए और तेनालीरामा सोचने लगे।
तेनालीरामन ने ने उत्तर दिया, “मुझे पता चल गया, मुझे पता चल गया। आओ मैं तुम्हे बताता हूँ इस पहली का क्या हल है।”
लड़के उत्सुकता से आगे बड़े और बोले, “क्या हल है चाचाजी जल्दी से बताए।”
तेनाली ने जवाब दिया, “इन तीनो कटोरो को ध्यान से देखो, तीनो तुम्हारे नाम से ही है। सबसे ऊपर वाला कटोरा सबसे बड़ा है जिसमे की मिटटी भरी हुई है। इसका मतलब यह है कि तुम्हारे पिता के सारे खेत बड़े बेटे के हिस्से में आए हैं। और दूसरा कटोरा जिसमे गाय का सूखा हुआ गोबर भरा है वह मंजले पुत्र के लिए है। इसका अर्थ है सारे पशु, जानवर उसके हिस्से में आए हैं। और तीसरा कटोरा छोटे पुत्र के लिए है जिसमे तिनके रखे हुए हैं। इन तिनको को ध्यान से देखो यह सुनहरे रंग के हैं। इसका अर्थ है कि छोटे पुत्र के हिस्से में सारा सोना आया है।”
बेटों ने पूछा, “लेकिन चाचाजी पहेली तो अभी भी पूरी नहीं हुई। यह दस सोने के हिस्से यह किसके हिस्से में आए हैं?”
तेनालीरामन बोले, “अच्छा यह सोने के सिक्के! यह मेरा मेहनताना है। तुम्हारे पिताजी कभी भी कोई चीज मुफ्त में नहीं लेते थे। वह दस सोने के सिक्के मेरे मेहनताने के लिए छोड़ गए हैं।”
तीनो पुत्रों को अपने पिता के पहेली का उत्तर मिल चूका था। उन्होंने वह सोने की मुद्राएं तेनालीरामन को दिए और वहां से विदा हो गए।
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