आज मैं आपको जो Motivational Story in Hindi सुनाने वाली हूँ उस कहानी का नाम है अहंकार का कमरा। दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आपको यह कहानी जरूर पसंद आएगी।
अहंकार का कमरा
Motivational Story in Hindi
एक आदमी ने बहुत बड़ा घर बनाया। उसमे उसने सौ कमरे बनाए। लेकिन उस घर में वह और उसकी पत्नी दो लोग ही रहते थे। जब भी कोई मेहमान आता तो वह बड़े ही शान से घर का एक एक कमरा दिखाते। उसमें लगे मूल्यवान मलमल के पत्थर के बारे में बताते। खिड़की दरवाजों में लगे महंगे कांच को दिखाते।
एक बार एक संत उनके घर आकर ठहरे। संत को भी उन्होंने अपना पूरा घर दिखाया। संत ने पूछा ,”आप पति पत्नी तो एक कमरे में रहते है फिर बाकि 99 कमरे में कौन रहता है?”उन्होंने कहा, “उन कमरों में तो कोई नहीं रहता।” संत ने कहा ,”नहीं, जब से मैं इस घर में आया हूँ मुझे यह अनुभव हो रहा है कि आपके घर कमरे में कोई बीमारी रहती है।”
पति-पत्नी के मन में थोड़ा डर बैठ गया। संत के प्रति उनके मन में बहुत सम्मान था। उन्हें लगा कि पोंछे हुए संत है, शायद उन्हें हमारे घर में किसी भुत-प्रेत के रहने का आभास हुआ है। वे घबरा गए।
संत ने कहा, “आपके 99 कमरे में भुत-प्रेत से भी ज्यादा खतरनाक बीमारी रहती है लेकिन मैं यह अभी आपको नहीं बताऊंगा कि आपके घर में क्या बीमारी है? यह मैं दो चार महीनो में जब दोबारा आऊंगा तब आपको बताऊंगा कि क्या बीमारी है। लेकिन मैं चाहता हूँ कि आप इसका इलाज अभी से शुरू कर दे।”
पति-पत्नी दोनों संत के प्रति काफी सम्म्मान रखते थे। उन्होंने पूछा, बीमारी नहीं बता रहे तो इलाज ही बता दीजिए। हम इलाज ही शुरू कर देंगे।” संत बोले, “अब से जो भी मेहमान आपके घर में आए उसे अपने कमरे दिखाने मत ले जाना। अगर मेहमान रुकने आए तो उसे केवल रुकने के कमरे में लेकर जाना। उससे किसी कीमती सामान और घर के वस्तुओं के बारे में चर्चा मत करना।”
दो महीने बाद संत वापस लौटे। उन्होंने पति-पत्नी से पूछा, “आपके घर में मौजूत बीमारी का जो इलाज मैंने आपको बताया था क्या वह आप कर रहे है?” दोनों के दोनों ने हां कहाँ। संत ने पूछा ,”आप बीमारी के बारे में नहीं जानना चाहोगे?” पति-पत्नी ने कहा, “बीमारी तो हम खुद जान चुके है। हमारे घर में एक कमरे में हम रहते थे और 99 कमरे में हमारे अहंकार की बीमारी रहती थी। जब से आपने हमें मेहमानो को कमरे दिखाने और उसमें लगे सामान की कीमत बताने से मना किया है तब से हमें पता चला है कि वास्तव में हम कमरे नहीं दिखा रहे होते बल्कि अपने अहंकार के तुष्टि कर रहे होते हैं।”
संत यह जानकर खुश हुए कि पति-पत्नी अपनी बीमारी को पहचान चुके है। उसके बाद वे भी अपने जरुरत के एक घर लेकर ख़ुशी से रहने लगे।
दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आपको यह कहानी जरूर पसंद आई होगी और अगर पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर कीजिए।
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