Story of Ouija Board Game in Hindi: मनुष्य सदा किसी मिस्ट्री, रोचक तथ्य और रहस्य की तरफ आकर्षित होते हैं। ये मानव व्यवहार की एक बेहद ही खास बात है कि जब भी उन्हें किसी चीज में रहस्यमय या अविश्वनियता दीखता है वह उस चीज को खुद एक बार ट्राई करके उसे अनुभव करने की कोशिश में रहता है। आज की ये कहानी ऐसेही एक विचित्र खेल के बारे में है जिसे जानते ही आप में से बहुत से लोगों के मन में उत्सुकता जागरित होगी लेकिन हम इस कहानी को शुरू करने से पहले यह कहना चाहती हूँ कि कृपा इस खेल को खुद ट्राई करने की कोशिश न करे। मेरा उद्देश्य किसी भी तरह की अंधविश्वास और अफबाह को बढ़ाबा देना नहीं है। इस कहानी के पीछे हमारा एक मात्र उद्देश्य है कि उन्हें इस बस इस कहानी के बारे में इस खेल के बारे में जानकारी पता चले। तो जिस डरावनी खेल की मैं बात करने वाली हूँ उसका नाम है Ouija Board तो चलिए इस खेल के डरावनी कहानी को शुरू करते है।
Story of Ouija Board Game in Hindi
ओइजा बोर्ड को टॉकिंग बोर्ड के नाम से भी जाना जाता है। एक चकोर बोर्ड होता है जिस पर A-Z अल्फाबेट्स और 0-9 तक अंक लिखे होते है। इसके अलावा Yes ओर No और Exit को अंकित किया जाता है। इस खेल को खेलने के लिए किसी भी छोटी और चपटी वस्तु का इस्तिमाल किया जाता है जिसे Planchette कहा जाता है।
इस टॉकिंग बोर्ड का इस्तिमाल सबसे पहलेग्यारहवी सदी में सांग बेरेस्टी द्वारा किया गया था और फिर अठारवीं सदी के अंत तक ये टॉकिंग बोर्ड अमेरिका, इंडिया और जापान जैसे देशो तक पहुँच चूका था। 1886 के समय तक यह खेल महज एक खेल न बनकर स्पिरिचुएलिजम में बदल चूका था और 1886 में अमेरिका के लोग इस टॉकिंग बोर्ड को सिविल वॉर में शहीद हुए अपने परिवारजनों की आत्माओं से बात करने के लिए इस्तिमाल करने लगे थे।

तब के लोगों का मानना था कि इस टॉकिंग बोर्ड की सहायता से अपने परिजनों की आत्मा को बुलाया जा सकता है और एक बार जब उनकी आत्मा इस बोर्ड पर आ जाती है तब वह उन आत्माओं से कोई भी सवाल पूछ सकते हैं और बोर्ड पर रखा प्लेंचेट खुद व खुद हिलने लगता है और आत्मा का आह्वान करने वाले लोगों के सवालो को जवाब देने लगता है।
सन 1890 में एलिजाह बांड (Elijah Bond) ने इस टॉकिंग बोर्ड का पेटेंट हासिल कर लिया और इस टॉकिंग बोर्ड के निर्माण का आधिकारिक निर्माण करता बन गए। 1901 में एलिजाह बांड के कंपनी के एक कर्मचारी ने इस कंपनी को टेक ओवर कर लिया और इस टॉकिंग बोर्ड को ओइजा बोर्ड का नाम दे दिया गया।
उस कर्मचारी का कहना था कि उन्हें ये ओइजा बोर्ड नाम भी इस बोर्ड के इस्तिमाल के बाद ही मिला है। इस ओइजा बोर्ड की खास बात यह है कि इस बोर्ड की सहायता से किसी भी आत्मा को बुलाया जा सकता है लेकिन बुलाई गई आत्मा कोई अच्छी आत्मा होगी या कोई दुष्ट आत्मा यह कहना मुश्किल है। इस बजह से इसे महज एक खेल नहीं कहा जा सकता क्यूंकि ओइजा बोर्ड कई बदनसीब लोगों की मौत के बर्बादी का कारण भी बन चूका है। क्यूंकि ओइजा बोर्ड के कारण कई लोग डेमोनिक पोजीशन का शिकार भी बन चुके थे।
पैरानॉर्मल घटनाओं के शोधकर्ता और विशेषज्ञों का कहना है कि ओइजा बोर्ड हमारी वास्तिविक दुनिया और पैरानॉर्मल दुनिया के बीच के रास्ते को खोलने में सक्षम है। यदी एक बार यह रास्ता खुल जाए तो आत्मा और रूहानी ताकतों का ओइजा बोर्ड इस्तिमाल करने वाले घर में आना बेहद आसान हो जाता है और वह किसी को भी अपना शिकार बना सकती है।
सारा बेकेर की घटना (Sara Becker Incident)

सारा बेकेर एक्सेस में रहने वाली एक टीनेजर लड़की थी। एक रात वह अपने दो अन्य दोस्तों के साथ अपने घर पर अकेली थी तभी उन लोगों ने इस ओइजा बोर्ड के गेम को खेलने की योजना बनाई। अपने बैडरूम की सभी लाइट्स बंद करके मोमबत्ती की रौशनी में इस खेल का आरंभ किया।
उन तीनों लड़कियों ने ओइजा बोर्ड के जैसे ही अल्फाबेट्स और नंबर्स लिखकर एक गिलास को प्लेंचेट की तरह इस्तिमाल करने लगी और वहाँ मौजूत किसी आत्मा का आह्वान करने लगी। तभी अचानक उनका गिलास खुद व खुद हिलने लगी और तीनों लड़कियों के सवालों का जवाब देने लगा। लेकिन जब सारा ने उस आत्मा की हंसी उड़ाते हुए एक अटपटा सवाल किया तो अचानक उस आत्मा ने उसे हानि पहुँचाने की कोशिश की।
ओइजा बोर्ड से जुडी ऐसी कई कहानिया इंटरनेट पर मौजूत हैं जो ये बात साबित करती है कि इस खेल में कोई न कोई रहस्य जरूर छिपा है, जिसकी बजह से हजारों लोगों को ओइजा बोर्ड की बजह से अलौकिक घटनाओं का सामना करना पड़ा है।
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तो यह थी ओइजा बोर्ड गेम की खौफनाक कहानी। आपकी इस “Story of Ouija Board Game in Hindi” पोस्ट के बारे में क्या विचार है हमें कमेंट के जरिए जरूर बताए और अगर आपको हमारी यह लेख अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करिए।
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