फ्रेंड्स , आज मैं आप सबको भगवान कृष्ण के जीवन से जुडी एक छोटी सी कहानी आप सबसे शेयर करने वाली हूँ जिसका नाम है “नटखट कृष्ण और दो झाड़ (Little Krishna and Two Trees Story in Hindi) हमें उम्मीद है कि आपको यह कहानी अवश्य ही पसंद आएगी।
नटखट कृष्ण और दो झाड़
Little Krishna and Two Trees Story in Hindi
एक दिन कृष्ण और उनके मित्र सभी गायों को घास चराने खेतों में ले गए। सबने सोचा कि गाय तो अपना खाना खा रही है तो क्यों न वे सब गीली डंडा खेले। सब मान गए और खेलने चले गए। उन्होंने खेलना शुरू किया। बहुत देर तक खलने के बाद वलराम ने कहा, “कृष्ण मुझे बहुत भूख लगी है।” सभी मित्र भी बोले कि उन्हें भी बहुत भूख लगी है। कृष्ण ने कहा, “चिंता मत करो, मैं कुछ करता हूँ।”
कृष्ण ने अपना गुलेल निकालकर आसपास के आम के पेड़ पर निशाना लगाया, वहां से बहुत सारे आम तोड़े और सबको दिए। सबने मजे से वह आम खाए। वलराम और दूसरे मित्रों ने कहा, “हमें और भूख लगी है।” कृष्ण ने कहा, “पर हमने अभी तो आम खाए।” वलराम ने कहा, “हाँ, पर हमें अभी भी भूख लगी है।” कृष्ण ने कहा, “ठीक है, मेरे पास एक उपाय है।” यह कहकर सब इकट्ठा हुए और कृष्ण ने अपना उपाय सबको बताया ,
सभी मित्र कृष्ण के पीछे-पीछे नजदीक के एक घर के पास गए। कृष्ण ने अपने मित्रों को वहीं खड़े रहने को कहा, फिर यहाँ वहां देखा कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा न। फिर घर के अंदर दबे पाव गए और मक्खन का मटका चुराकर बाहर ले आए।
सभी ने मक्खन का आनंद उठाया। थोड़ी देर बाद उसी घर की स्त्री ने कृष्ण और सभी मित्रों को मक्खन खाते हुए देख लिया। वह सब पर क्रोधित हुई और बोली, “यह क्या कर रहे हो? फिर से मक्खन चुरा रहे हो? इस बार मैं तुम्हे नहीं छोडूंगी।” वह कृष्ण और उनकें मित्रों के पीछे भागी पर उन्हें पकड़ नहीं पाई।
उस स्त्री ने गाँव की दूसरी स्त्रियों को भी इकट्ठा किया और कृष्ण के घर जाकर यशोधा मइया से उसकी शिकायत करने का निश्चय किया। कृष्ण के घर पहुंचकर उन्होंने यशोधा मइया से कहा, “कृष्ण बहुत ही शरारती हो गया है। रोज वह हमारे घर आकर मक्खन चुराता है और खा जाता है।” दूसरी स्त्री ने कहा, “कृष्ण गाँव के दूसरे बच्चों को भी बिगाङ रहा है, तुम्हे इस बारे में कुछ करना चाहिए।” यशोधा मइया ने कहा, “माफ़ करना, मैं जरूर कुछ करुँगी।”
सबके जाने के बाद यशोधा माँ ने कृष्ण को बुलाया। वह बहुत ही क्रोधित थी इसलिए कृष्ण पर चिल्लाई। वह कृष्ण को मारने के लिए उनके पीछे दौड़ी पर कृष्ण वहां से भाग गए। यशोधा माँ भी उनके पीछे-पीछे दौड़ी और इस बार उन्हें पकड़ लिया और कहा, “अब मैं तुम्हे सजा दूंगी।”
यशोधा माँ ने एक रस्सी ली और कहा, “मैं तुम्हे इस झाड़ से बांध दूंगी, यही तुम्हारी सजा होगी। पर कृष्ण वापस वहां से बच निकले। यशोधा माँ वापस उनके पीछे दौड़ी पर उन्हें पकड़ नहीं पाई। अंत में वह थक कर बैठ गई। अपनी माँ को थका हारा देख कृष्ण सामने से यशोधा माँ के पास गए और कहा, “मुझे माफ़ करना, लो यह रस्सी लो और मुझे बांध दो। इस बार मैं नहीं भागूंगा।”
यशोधा माँ ने कृष्ण को बांधने की कोशिश की पर रस्सी बहुत ही छोटी थी इसलिए उन्होंने कृष्ण को एक खरल से बांध दिया। अगर कृष्ण हिलते तो खरल के हिलने से आवाज आती क्यूंकि खरल बहुत ही भारी था। कृष्ण के मित्र उन्हें दूर से देख रहे थे। अचानक गाँव के लोग कुछ बड़ी आवाज आने पर इकट्ठा हुए। वह यह देखने आए कि क्या हो रहा है?
गाँव के लोगों ने फिर देखा कि नन्हें कृष्ण उस बड़े खरल को घसीटते हुए दो झाड़ की ओर जा रहे थे। सभी आश्चर्यचकित हो गए। उन्होंने यशोधा माँ को बुलाया यह बताने के लिए कि कृष्ण क्या कर रहे हैं। कृष्ण उस भारी खरल के साथ दोनों झाड़ो के पास पहुंचे और दोनों झाड़ो को निचे झुकाया। यशोधा माँ और गाँव के लोग यह देखकर अचंभित थे।
एक गाँव वासी बोला, “वह इतने बड़े झाड़, जो सालो से खड़े हैं उन्हें कैसे खींच पाया?” एक स्त्री बोली, “कृष्ण तो बहुत ही शक्तिशाली है।”
जैसे ही दोनों झाड़ निचे आ गए, एक चमकता प्रकाश आया और दो देवता प्रकट हुए। वह बोले, “हम संपत्ति के देवता कुवेर के पुत्र हैं। नारद मुनि ने हमें श्राप दिया था और झाड़ बना दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान कृष्ण का स्पर्श ही तुम्हे इस श्राप से मुक्त करवा सकता है।” यह कहकर दोनों ने भगवान कृष्ण को नमन किया और फिर एक चमकता प्रकाश आया और दोनों अदृश्य हो गए।
सभी बहुत खुश थे। उनके मित्र भी जोर से तालियां बजाने लगे। यशोधा माँ ने कृष्ण को अपने पास बुलाया और उन्हें गले से लगा लिया। नन्हें कृष्ण अपने संपूर्ण जीवन में ऐसे कई चमत्कार करते रहे।
तो दोस्तों यह थी नटखट कृष्ण की जीवन से जुडी एक छोटी सी कहानी। उम्मीद करते हैं आपको हमारी यह कहानी “Little Krishna and Two Trees Story in Hindi” जरूर अच्छी लगी होगी अगर अच्छा लगे तो शेयर जरूर करे और कमेंट भी जरूर करे।
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