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Bible Story of Abraham in Hindi | अब्राम की कहानी

Bible Story of Abraham in Hindi | अब्राम की कहानी

Posted on May 13, 2021

आज मैं इस लेख में शेयर करने वाली हूँ अब्राम की कहानी (Bible Story of Abraham in Hindi) तो मुझे उम्मीद है कि आपको यह कहानी जरूर पसंद आएगी।

 

Bible Story of Abraham in Hindi

यह कहानी कई साल पहले की है। यह कहानी एक धनी व्यक्ति की है जिसका नाम था अब्राम था और जिसे परमेश्वर ने आगे चलकर अब्राहम कहा और उसकी पत्नी का नाम था सारे, जिसे परमेश्वर ने सारा का नाम दिया ।

 

अब्राम उस शहर मेसोपोटेमिया में रहता था। वह 75 वर्ष का था। वह अपनी पत्नी सारा और भतीजा लोट के साथ उर में रहता था। अब्राम के पास धन, एक बड़ा घर, नौकर, जानवर और वह सब कुछ था जिनका एक  आदमी सपना देखता है। लेकिन उसके जीवन का एक मात्र दुःख यह था कि उसकी और उसकी पत्नी सारे की कोई संतान नहीं थी।

 

अब्राम परमेश्वर का सच्चा भक्त था। उसने दिन-रात परमेश्वर की आराधना शुद्ध मन से की और परमेश्वर भी उसकी भक्ति से बहुत खुश थे।

 

एक दिन परमेश्वर ने अब्राम से कहा, “मैं चाहता हूँ कि तू अपने देश और अपने कुटुंबियो और अपने पिता के घर को छोड़कर उस देश में चला जा जो मैं तुझे दिखाऊंगा और मैं तुझसे एक बडी जाती बनाऊंगा और तुझे आशीर्वाद दूंगा और तेरा नाम महान करूँगा और तू आशीर्वाद का मोल होगा। जो तुझे आशीर्वाद दे, उन्हें मैं आशीर्वाद दूंगा और जो तुझे कोसेगा, मैं उन्हें शाप दूंगा।”

 

अब्राम ने खुशी के साथ परमेश्वर के निर्देशों का पालन किया और अपनी पत्नी, भतीजे, अपने जानवरों और जो कुछ भी धन अपने पास जमा किया था उसे लेकर अपने शहर को छोड़ दिया।

 

परमेश्वर के मार्गदर्शन के अनुसार  वह कनान की ओर चल दिए। लंबी दुरी के यात्रा करने के बाद वे कनान पहुंचे। उन्होंने कनान देश में शकेम के नगर और मोरे के बड़े पेड़ तक यात्रा की। उस समय कनानी लोग उस देश में रहते थे।

 

फिर परमेश्वर अब्राम के सामने आए और उस स्थान पर रहने के लिए कहा। उन्होंने कहा, “अब्राम, मैं यह देश तुम्हारे बंशजों को दूंगा।” फिर अब्राम ने जिस जगह पर परमेश्वर प्रकट हुए थे, उस जगह पर एक वेदी बनाई ताकि वहाँ परमेश्वर की उपासना हो।

 

फिर अब्राम ने उस जगह को छोड़ा और बेथल नगर, जो पश्चिम में था उसके पूर्व पहाड़ों तक यात्रा की। अब्राम ने वहाँ अपना तंबू लगाई। उस जगह अब्राम ने परमेश्वर के लिए दूसरी वेदी बनाई और अब्राम ने वहाँ परमेश्वर की उपासना की।

 

इसके बाद अब्राम ने फिर यात्रा आरंभ की और दक्षिण देश की और चला गया। पर उस देश में अकाल पड़ा था, वर्षा नहीं हो रही थी इसलिए अब्राम जीवित रहने के लिए मिस्र की ओर चला गया। फिर मिस्र के पहुंचकर अब्राम ने अपनी पत्नी सारे से कहा, “मैं जानता हूँ कि तुम बहुत सुंदर हो और मिस्र के लोग तुम्हे देखेंगे और यह जानकर कि तुम मेरी पत्नी हो वे मुझे मार डालेंगे क्यूंकि वे तुमको मुझसे छीनना चाहेंगे। इसलिए तुम लोगों से कहना कि तुम मेरी बहन हो। इस तरह तुम मेरा जीवन बचाओगी।”

 

फिर अब्राम मिस्र में पहुंचा और मिस्रियों ने देखा कि सारे बहुत ही सुंदर है और फिरोन के हाकिमों ने जब उसे देखा तो उन्होंने फिरोन से कहा कि वह बहुत सुंदर स्त्री है। और इस तरह वह फिरोन के घर पहुंच गई। फिरोन ने अब्राम के ऊपर दया की क्यूंकि उसने समझा कि वह सारे का भाई है।

 

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फिरोन ने अब्राम को भेड़-बकरी, गाय-बैल, दास-दासियां, गधा-गधियाँ और ऊंट दिए। फिर परमेश्वर ने अब्राम के पत्नी सारे के कारण फिरौन और उसकी घर के मनुष्यों में बुरी बीमारी फैला दी। इसलिए फिरोन ने अब्राम को बुलाया और कहा, “तूने मेरे साथ ये क्या क्या? तूने मुझे यह क्यों नहीं बताया कि सारे तेरी पत्नी है? मैंने इसे इसलिए रखा था कि ये मेरी पत्नी बनेगी परंतु अब तू अपनी पत्नी को लेकर यहाँ से चला जा।”

 

तब फिरोन ने अपने आदमियों को आज्ञा दी कि वे अब्राम को मिस्र के बाहर पहुँचा दें और वह सभी चीजे अपने साथ ले गया जो उनकी थी। तब अब्राम अपनी पत्नी, अपनी सारी धन-संपत्ति और लोट को लेकर कनान देश के दक्षिण की ओर चला गया।

 

उस समय अब्राम बहुत धनी था। उसके पास बहुत से जानवर, बहुत सा सोना और चांदी था और वह दक्षिण देश से चलकर बेथल के पास उसी स्थान पहुँचा जहाँ उसने पहले तंबू और वेदी बनाई थी। फिर अब्राम ने वहाँ प्रार्थना की। लोट को भी धन की प्राप्ति हुई। उसके पास जनवरों और नोकरो का एक अलग समूह था।

 

एक दिन अब्राम के चरवाहों और लोट के चरवाहों में झगड़ा हुआ। अब्राम ने लोट से कहा, “हम लोग भाई-बंधू है और मेरे और तेरे बीच या मेरे चरवाहे और तेरे चरवाहों  के बीच झगड़ा न हो इसलिए हम अलग हो जाए। अगर तू दाई जाएगा तो मैं बाएँ जाऊँगा और अगर तू बाएँ जाएगा तो मैं दाई जाऊँगा।”

 

फिर लोट ने देखा कि सदोम अमोरा के शहरों के पास यर्दन के मैदान अच्छी तरह से पानी से भरे और उपजाव थे इसलिए उसने उस जमीन को चुना। जल्द ही वह उस स्थान पर चला गया और सदोम के पास अपने तंबू को लगा दिया।

 

सदोम के लोग बहुत दुष्ट और बहुत पापी थे। हालाँकि लोट ने इस चीज की परवा नहीं की क्यूंकि वह जानता था कि ये उसके झुंड के लिए सबसे अच्छी भूमि है। पर अब्राम कनान की सुखी भूमि में ही रहा।

 

जब लोट अब्राम से अलग हो गया और फिर अब्राम कनान ने रहने लगा तब परमेश्वर ने अब्राम से कहा, “अपने चारों और देखो। उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम की ओर देखो। यह सारी भूमि जिसे तुम देखते हो, मैं तुम्हे और तुम्हारे बाद जो लोग रहेंगे उनको देता हूँ। यह प्रदेश सदा के लिए तुम्हारा है। मैं तुम्हारे लोगों को पृथ्वी के कणों के समान अनगिनत बनाऊंगा। अगर कोई व्यक्ति पृथ्वी के कणों को गिन सके तो वह तुम्हारे लोगों को भी गिन सकेगा। इसलिए जाओ अपने भूमि पर चलो। मैं इसे अब तुम्हे देता हूँ।”

 

अब्राम ने अपना तंबू हटाया और मम्रे के बड़े पेड़ो के बीच जो हेब्रोन नगर में था वहाँ रहने लगा। उस जगह पर भी अब्राम ने एक वेदी परमेश्वर के उपासना के लिए बनाई।

 

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यह कहानी हमें क्या सिखाती है?

यह कहानी हमें अब्राम के स्वाभाव के बारे में बताती है। वह चाहता तो लोट के अपने बड़े होने का अधिकार दिखा सकता था, उससे लड़ सकता था पर उसने ऐसा नहीं किया और इसने इसका समाधान शांति और प्रेम से निकाला और बाइबिल भी हमें यह बताती है – “धन्य है वह जो शांति के काम करते हैं। क्यूंकि वह परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे।” यही एक सच्चे ईसाई होने का विशेषता है। तो जिंदगी में चाहे जैसी परिस्तिथि आए उसका समाधान शांति और प्रेम से निकलना चाहिए।

 

अब्राम ने अपने चरवाहों और लोट के चरवाहों के झगड़े को समाप्त करने के लिए कोमल शब्दों का इस्तिमाल किया। उसने कहा कि “हम लोग भाई बंधू है” और पहला मौका लोट को दिया ताकि वह सबसे पहले अपने लिए सर्वश्रेष्ठ भूमि ले सके। यहाँ पर अब्राम के सब्र से उसे लाभ ही हुआ और परमेश्वर ने उसे जहाँ तक उसकी नजर जाएँ वहाँ तक की सारी भूमि उसे और उसके आने वाले पीढ़ी को दे दी।

 

परमेश्वर के तरीके इस दुनिया के तरीके से अलग है और वह उन लोगों को आशीर्वाद देंगे जो उनका अनुसरण करते हैं, जैसे उन्होंने अब्राम को दिया।

 

उम्मीद करते हैं कि आपको यह कहानी “Bible Story of Abraham in Hindi” जरूर पसंद आई होगी। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करे और कमेंट करके अपना विचार से जरूर बताइए।

 

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