तेनालीराम की इस मजेदार कहानी का नाम है छोटे काले पेटी (The Tiny Black Box Tenali Rama Story in Hindi) उम्मीद करते हैं आपको यह कहानी पसंद आएगी।
तेनालीराम की कहानी छोटे काले पेटी
एक दिन राजा कृष्णदेव राय के दरबार में एक मंत्री उनसे मिलने आया।
राजा कृष्णदेव राय – क्या हुआ मंत्री?
मंत्री – महाराज तिरुबंगी बाबा, जिन्होंने हिमालय पर बहुत साल तक तपस्या की है यहाँ हमारे राज्य की महिमा बढ़ाने आएं हैं। मैं चाहता हूँ कि आप उनसे एक बार मिले। वह बहुत ज्ञानी संत हैं। वह आपकी हर इच्छा पूरी करेंगे।
राजा कृष्णदेव राय – जरूर। मैं कल उनसे मिलूँगा। इसलिए सारा प्रवंध किया जाए। तेनालीराम को भी संदेश भेजा जाए।
मंत्री – जी महाराज।
अगले ही दिन राजा अपने मंत्रियो के साथ संत से मिलने चला गया। संत की लंबी दाड़ी और लंबे बाल थे। उसके एक हाथ में पवित्र जल था और पवित्र माला दूसरे हाथ में। राजा ने आदर से संत को प्रणाम किया। संत ने राजा की ओर देखकर जोर से कहा –
संत – हे राजा सावधान। तेरे आसपास दुश्मन हैं। कोई तुझे मारना चाहता है।
राजा कृष्णदेव राय – यह क्या कह रहें हैं आप?
संत – चिंता न करो हे राजन। तुम जानना चाहते हो कि तुम्हारा दुश्मन कौन हैं?
राजा कृष्णदेव राय – जी स्वामी जी।
संत – यह काला बक्सा देखो, यह बक्सा मेरे अलौकिक शक्ति से भरा है। अगर इसे खोलकर देखोगे तो अपने दुश्मन की तस्वीर इसमें देखोगे।
राजा कृष्णदेव राय – यह मुझे दीजिए स्वामी जी मैं अपने दुश्मन को देखना चाहता हूँ।
संत – लेकिन एक शर्त है, पहले बक्से में से पवित्र राख निकालकर अपने माथे पर लगानी होगी। तभी तुम अपने दुश्मन को देख पाओगे।
राजा कृष्णदेव राय बक्सा खोलने ही वाले थे कि तेनालीराम ने आकर उन्हें रोक लिया।
तेनालीराम – महाराज जरा रुकिए। यह बक्सा खोलने से पहले मेरे पास एक और बक्सा है। मैं चाहता हूँ की वह यह बक्सा खोले तभी यह सब जान पाएंगे कि आपकी शक्ति क्या है।
तेनालीराम ने अपना बक्सा संत को खोलने के लिए दिया। जैसे ही संत ने बक्सा खोला वैसे ही उसके पसीने छूटने लगे। तेनालीराम ने बक्से में कुछ लिखा था जिसे पढ़कर संत बहुत घबरा गया था।
राजा कृष्णदेव राय – स्वामी जी, क्या हो गया आपको? आपके चेहरे पर पीला क्यों पड़ गया?
तेनालीराम – यह संत नहीं हैं महाराज, यह ढोंगी है। बक्से में कोई भी अलौकिक शक्ति नहीं हैं। यह आपको मारने की साजिश थी। इसमें जहरीला पाउडर है जिसे अगर आप अपने माथे पर लगाते तो आप मर जाते।
संत – महाराज मुझे माफ कर दीजिए। मैं पड़ोसी देश का जासूस हूँ, जिसे यह करने के लिए कहा गया था।
राजा कृष्णदेव राय – इसे बंदी बनाकर जेल में डाल दिया जाए।
सिपाहियों ने संत को पकड़कर बंदी बना लिया और जेल में डाल दिया।
राजा कृष्णदेव राय – तेनाली जब तुम मेरे साथ होते हो तो कोई मेरा नुकसान नहीं पहुँचा सकता। लेकिन उस ठग को जो तुमने काला बक्सा दिया था उसमे क्या था।
तेनालीराम – एक कागज का टुकड़ा था महाराज जिसमे लिखा था कि धोखेबाज तू तो पहले ही पकड़ा जा चूका है।
शिक्षा – हमारे आसपास हर तरह के लोग होते हैं। आपको अच्छे और बुरे लोगों का फर्क पता चलना चाहिए और बुरे लोगों से सावधान रहना चाहिए।
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