Skip to content

Kahani Ki Dunia

Iss Duniya Mein Jane Kuch Naya

Menu
  • Home
  • Hindi Stories
  • Full Form
  • Business Ideas
  • Contact us
  • Web Stories
Menu
तेनालीराम की कहानी: तेनालीराम की बुद्धि

तेनालीराम की कहानी: तेनालीराम की बुद्धि | Tenali Rama Story in Hindi

Posted on April 12, 2021

तेनालीराम की इस मजेदार कहानी का नाम है तेनालीराम की बुद्धि (Tenali Rama Story in Hindi) उम्मीद करते हैं आपको यह कहानी पसंद आएगी।

 

तेनालीराम की कहानी: तेनालीराम की बुद्धि

 

एक दिन जब राजा का दरबार भरा था तब एक व्यापारी दरबार में आया। उसके पास लोहे का एक बड़ा संदूक था।

व्यापारी – महाराज, मैं यहाँ आपसे मदद माँगने आया हूँ। हे महाराज मैं एक व्यापारी हूँ। ,मैंने उत्तर भारत में तीर्थ पर जाने की योजना बनाई है। मेरे पूर्वजों का सारा धन इस बक्से में हैं। मैं निवेदन करता हूँ कि आप इसे अपने सुरक्षा में रखे।

 

राजा कृष्णदेव राय – ठीक है तुम्हारी संपत्ति की देखभाल मैं रखूँगा। तुम्हारी यात्रा शुभ और मंगलमय हो।

 

राजा कृष्णदेव राय ने व्यापारी के संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए तेनालीराम उसकी जिम्मेदारी दे दी। कुछ महीनों के बाद वह व्यापारी दोबारा राजदरबार में आया।

 

व्यापारी – महाराज, मैं तीर्थ यात्रा संपन्न करके वापस आ गया हूँ। यात्रा अच्छी थी ,मैं यहाँ फिरसे आया हूँ ताकि अपना बक्सा वापस ले सकूँ महाराज।

 

राजा कृष्णदेव राय ने तेनालीराम को बक्सा वापस लाकर व्यापारी को दे देने के लिए कहा। तेनालीराम बक्सा लेने के लिए घर गए। जब घर पहुँचकर उन्होंने लोहे का बक्सा उठाया तो उन्हें आश्चर्य हुआ क्यूंकि बक्से का वजन पहले से बहुत कम हो गया था। अब तेनालीराम समझ गए कि व्यापारी राजा को धोखा देने आया था। तेनाली ने कुछ समय के लिए बक्से को काफी ध्यान से देखा फिर वह जल्दी से राजा के दरबार में गए।

 

तेनालीराम – महाराज, इस व्यापारी के पूर्वज मेरे घर में आए हैं और वह मुझे वह बक्सा यहाँ नहीं लाने दे रहें हैं महाराज।

 

व्यापारी – क्या मेरे पूर्वज! चालाकी मत कर। महाराज तेनालीराम चालाकी से मेरा धन हतियाना चाहता है।

 

राजा कृष्णदेव राय – तेनाली हम सब अभी तुम्हारे घर आएंगे। यदि तुम झूठे साबित हुए तो तुम्हे कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।

 

तेनालीराम – जी महाराज।

 

राजा, पूरा दरबार और व्यापारी सारे तेनाली के घर गए। राजा ने देखा कि बक्से में चीटियां लगी थी। राजा कृष्णदेव राय ने तेनाली को बक्सा खोलने के लिए कहा। जब तेनाली ने बक्सा खोला देखा उसमे कोई खजाना नहीं था बल्कि शक्कर था।

 

राजा कृष्णदेव राय – धोखेबाज क्या यह तुम्हारे पूर्वजों का धन है। मुझे धोखा देने के लिए इसे बंदी बनाया जाए।

 

व्यापारी – मुझे माफ़ कर दीजिए महाराज। आपके दरबार के इन दोनों मंत्रियो ने मुझे यह खेल खेलने के लिए कहा था कि तेनाली को सजा मिले।

 

राजा कृष्णदेव राय ने फिर सिपाहियों से कहकर दोनों मंत्रियों को भी बंदी बना लिया। मंत्रियों ने राजा कृष्णदेव राय से बहुत माफ़ी मांगी लेकिन राजा उनकी बात नहीं माने।

 

राजा कृष्णदेव राय ने तेनालीराम से कहा की उसे कैसे पता चला कि इस बक्से में केवल शक्कर ही हैं। तो तेनालीराम ने कहा कि इस बक्से के आसपास केवल चीटियां ही घूमती रहती थी और यदि बक्से में कीमती मोती और बहुमूल्य रत्न होते तो चीटियां वहाँ नहीं जाती और साथ ही जैसे चीटियों ने शक्कर खाने शुरू की बक्से का वजन कम हो गए और इसे साबित करने के लिए ही उसने चीटियों को उसका पूर्वज कहा।

 

राजा कृष्णदेव राय तेनालीराम की बुद्धि से बहुत आश्चर्यचकित हुए और तेनालीराम को पुरस्कार स्वरुप एक मोतियों का माला दिया और तेनालीराम ने राजा कृष्णदेव राय को धन्यवाद कहा।

 

शिक्षा – दुसरो को धोखा देना बहुत बुरी बात है। इसलिए कभी भी दुसरो को धोखा देने के बारे में सोचिएगा भी मत। 

 

यह भी पढ़े:-

  • छोटे काले पेटी | The Tiny Black Box Tenali Rama Story In Hindi
  • माँ काली का आशीर्वाद | Maa Kali Ka Ashirvad Tenali Rama Story In Hindi
  •  तरकीब तेनालीराम की | Tenali Ram Ki Tarkib Story In Hindi
  • पानी का कटोरा |The Bowl Of Water Tenali Raman Story In Hindi
  •  स्वर्ग की खोज | Swarg Ki Khoj Tenali Rama Story In Hindi
  • रसगुल्ले की जड़ | Root Of Rasgulla Tenali Raman Story In Hindi

 

 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Post

  • NIOS Full Form: NIOS Board क्या है पूरी जानकरी हिंदी में
  • Top 5 High Salary Banking Courses in Hindi | Best Banking Jobs After 12th
  • KVPY Exam क्या है | What is KVPY Exam in Hindi
  • What is No Cost EMI in Hindi | No Cost EMI क्या होता है
  • NASA Scientist कैसे बने | How to Become a NASA Scientist
©2023 Kahani Ki Dunia | Design: Newspaperly WordPress Theme