साधु और डाकू
Monk And Robber Story in Hindi
एक संत था। वह अलग -अलग गाँव में जाकर भजन कीर्तन करता था। उसकी मधुर वाणी और सत्यविचार से लोग काफी प्रभावित होते थे। संत के प्रभाव से काफी लोग सदाचारी और सुखी हो गए थे। एक दिन एक गाँव में संत महाराज का प्रवचन शुरू था। उसी वक्त एक आदमी संत के सामने आकर खड़ा हो गया।
आदमी – संत बाबा मुझे बचा लो… संत बाबा मुझे बचा लो।
संत – अरे मैं कौन हूँ तुम्हे बचाने वाला? हम सबको बचाने वाला तो वही परमेश्वर है।
आदमी – ऐसा मत कहो बाबा। ऐसा मत कहो। मैंने देखा है आपने बहुत लोगों को जीना सीखा दिया। लोग आपका बहुत नाम लेते हैं।
संत – क्या काम है तुम्हारा?
आदमी – मैं एक डाकू हूँ। मैं जिंदगी को बहुत तरस गया हूँ। कुछ भी ठीक नहीं लग रहा जिंदगी में। लोगों को लूटकर जमा किया गया धन मुझे चैन नहीं दे रहा।
संत – तुम्हे तुम्हारे दुष्कर्म का इतना अहसास है फिर तुम्हारी समस्या क्या है?
आदमी – बाबा मुझे यह सब कुछ छोड़कर आम जिंदगी जिनि है। वह मैं कैसे जियूँ आप मुझे बता दीजिए।
संत – अरे वह तो बहुत आसान है।
आदमी – कैसे?
संत – तुम जो भी दुष्कर्म करते हो वह आज से नहीं करोगे ऐसे मन में थान लो। वह एक बार कर लिया तो तुम कोई भी दुष्कर्म नहीं करोगे। जो भी कुछ करोगे वह अच्छा ही होगा।
संत – हाँ हाँ बाबा। आप जो बता रहें हैं वह सही है बाबा। मैं वैसा ही करूँगा बाबा।
उसके बाद संत गाँव-गाँव जाकर अपना प्रवचन देते थे। कुछ दिनों बाद वही डाकू संत के पास आया और कहने लगा…
डाकू – संत बाबा, कुछ भी फायदा नहीं हुआ बाबा। कितना भी मन में ठान लिया तो भी इन हाथो को चोरी करने की आदत है न। मुझे चोरी करना छोड़ देना है पर छूटता ही नहीं बाबा। आप ही मुझे कोई दूसरा उपाय बताइए जिससे कि मेरा जीवन बदल जाए।
संत – अच्छा यह बात है क्या? फिर तुम एक काम करो। तुम्हारे हाथो को चोरी की आदत हो गई है ऐसा कह रहे हो न?
डाकू – हाँ जी, ऐसा ही हो रहा है।
संत – फिर तुम हर रोज तुम्हारा काम ही करते रहना।
डाकू – चोरी ही करता रहूँ?
संत – हाँ। पर तुमने अपने किए हुए दुष्कर्म को हर रोज मेरे प्रवचन में यहाँ आकर बता देना। फिर तुम्हे कोई पाप नहीं लगेगा और तुम सुखी हो जाओगे।
डाकू – यह तो बहुत ही आसान है। चोरी भी करना और पाप भी नहीं लगेगा। बाह बाह! मैं कल ही से आपके प्रवचन में आकर सब कुछ बता दूंगा।
- शेर और चतुर खरगोश की कहानी | Lion And Clever Rabbit Story In Hindi
उस डाकू ने संत को कहा कि मैं अपने दुष्कर्मं आपको बताता हूँ पर काफी दिनों बाद भी वह डाकू संत के पास आया ही नहीं। एक दिन अचानक संत के शिष्य को डाकू की याद आ गई और उसने कहा…
शिष्य – महाराज वह डाकू तो वापस आया ही नहीं। लगता है उस पर आपके बातो का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा।
संत – वत्स, प्रभाव हो चूका है इसलिए तो वह यहाँ नहीं आया।
शिष्य – मतलब? मैं कुछ समझा नहीं। क्या उसने चोरी करना छोड़ दिया होगा?
संत – बिलकुल। उसने चोरी करना छोड़ दिया होगा नहीं तो वह यहाँ आ ही जाता।
शिष्य – पर वह कैसे?
संत – देखो उसे खुद को चोरी करने से छुटकारा चाहिए था और उसके लिए वह कोशिश भी कर रहा था।
शिष्य – मैं कुछ समझा नहीं।
संत – सिर्फ उसे चोरी करने से छुटकारा कैसे पाना इसका मार्ग नहीं मिल रहा था।
शिष्य – पर आपने तो उसे चोरी करना और मुझे आकर बताना ऐसा कहा था तो यह चोरी से छुटकारा पाने का मार्ग कैसे हुआ?
संत – वत्स, चोरी करना बहुत आसान है पर खुद की हुई चोरी का अपराध मन से कबूल करना यह कठिन है। यही बात उस डाकू को समझमें आ गई होगी। और इसी कारन मुझे आकर बताने की जरुरी ही नहीं यह भी वह समझ गया। इसलिए मुझे विश्वास है वह डाकू अब सुधर गया होगा।
शिष्य – यह तो मैंने सोचा ही नहीं था।
- घोड़े और गधे की कहानी | Donkey And Horse Story In Hindi
और हुआ भी बिलकुल ऐसा ही था। एक दिन संत प्रवचन के लिए एक गाँव में गए थे। तभी उसी गाँव में रहने वाला वह डाकू उन्हें मिलने आ गया।
डाकू – बाबा, आपके कारण मैं सुखी हो गया हूँ बाबा। उस दिन से आज तक मैंने एक भी चोरी नहीं की। कुछ दिन खाली पेट रहा हूँ लेकिन अब बहुत कष्ट उठा रहा हूँ और इसी कष्ट में ही बहुत बड़ा सुख है। देखिए इसका मैं आज अनुभव ले रहा हूँ और यह सिर्फ आप ही के कारण हुआ है बाबा।
पहले डाकू और अब एक परिवर्तित सदाचारी इंसान की बातें सुनकर संत और उसका शिष्य एक दूसरे को ख़ुशी से देखने लगे।
तो यह थी एक साधु और डाकू की कहानी। अगर आपको यह कहानी “साधु और डाकू | Monk And Robber Story in Hindi” अच्छी लगी हो तो इसे अपने सभी दोस्तों के साथ भी शेयर जरूर करें और हमारे इस ब्लॉग को भी सब्सक्राइब करें।
यह भी पढ़े:-
- भरोसा | A Short Hindi Moral Story On Believe
- साधु और तोता | Hindi Story Of A Monk And Parrot
- बिल्ली पालने का नतीजा! | Hindi Story Of A Cat
- अनमोल शिक्षा | Hindi Story On Priceless Lesson
- माँ का खत | Hindi Story Of Mother Letter
- सच्चा दोस्त और लालची दोस्त