हमेशा सीखते रहो Motivational Story in Hindi
हमेशा सीखते रहो – Motivational Story in Hindi
एक बार गाँव के दो व्यक्तियों ने शहर जाकर पैसा कमाने का निर्णय लिया। शहर जाकर कुछ दिनों तक इधर-उधर छोटा-मोटा काम कर दोनों ने कुछ पैसे जमा किए और फिर उन पैसो से अपना-अपना व्यवसाय प्रारंभ किया। दोनों का व्यवसाय चल पड़ा। दो साल में ही दोनों ने अच्छी खासी तरक्की कर ली।
व्यवसाय को फलता-फूलता देख पहले व्यक्ति ने सोचा कि अब तो मेरा काम चल पड़ा है। अब तो मैं तरक्की की सीढियाँ चलता चला जाऊँगा। लेकिन उसके सोच के विपरीत व्यापारी उतार चढाव के कारण उसे उस साल अत्यधिक घाटा हुआ।
अब तक आसमान में उड़ रहा वह व्यक्ति यथार्त के धरातल पर आ गिरा। वह उन कारणों को तलाशने लगा जिसकी बजह से उसका व्यापार घट गया। सबसे पहले उसने उस दूसरे व्यक्ति की व्यापार की स्तिथि के बारे में पता लगाया जिसने उसके साथ ही व्यापार आरंभ किया था।
वह यह जानकर हैरान रह गया कि इस उतार चढाव के दौर में भी उसका व्यवसाय मुनाफे में हैं। उसने तुरंत उसके पास जाकर उसका कारण जानने का निर्णय लिया।
अगले ही दिन, वह दूसरे व्यक्ति के पास पहुँचा। दूसरे व्यक्ति ने उसका खूब आदर- सत्कार किया और उसके आने का कारण पूछा। पहला व्यक्ति बोला, “दोस्त, इस वक्त बाजार में मेरे व्यवसाय को बहुत नुकसान हुआ। बहुत घाटा झेलना पड़ा। तुम भी तो इसी व्यवसाय में हो, तुमने ऐसा क्या किया कि इस उतर चढाव के दौर में भी तुमने मुनाफा कमाया?”
यह बात सुनकर दूसरा व्यक्ति बोला, “भाई मैं तो सिर्फ सीखता जा रहा हूँ, अपनी गलती से भी और साथ ही दुसरो के गलती से भी। जो समस्या सामने आती है उसमें से भी सिख लेता हूँ। इसलिए जब दोबारा वैसी समस्या सामने आती है तो उसका सामना अच्छे से कर पाता हूँ और उसके कारन मुझे नुकसान नहीं उठाना पड़ता। बस यह सिखने की प्रगति ही है जो मुझे जीवन में आगे बढाती ही जा रही हैं।”
दूसरे व्यक्ति की बात सुनकर पहले व्यक्ति को अपनी भूल का अहसास हुआ। सफलता की मद में वह अति आत्मविश्वास से भर उठा था और सीखना छोड़ दिया था। वह वहाँ से प्रण करके वापस आया कि वह कभी सीखना बंद नहीं करेगा। उसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और तरक्की की सीढ़ियां चढ़ता चला गया।
तो दोस्तों इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि जीवन में कमियाभ होना है तो इसे पाठशाला मान हर पल सीखते रहिए क्यूंकि यहाँ नित्य नया परिवर्तन और नए विकाश होते रहते हैं। यदि हम खुद को सर्वज्ञाता समझने की भूल करेंगे तो जीवन की दौर में पिछड़ जाएंगे क्यूंकि इस दौर में जीतता वही है जो लगातार दौड़ता रहता है और जिसने दौड़ना छोड़ दिया उसकी हार निश्चित है। इसलिए हमेशा सीखते रहिए फिर देखिए कोई बदलाव या उतार चढाव आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता।
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