Sabjiyon Ka Mahatva Story in Hindi
सब्जियों का महत्व
एक बार की बात है, कहीं दूर एक राज्य में एक राजकुमार रहता था। वह राजकुमार बहुत ही बहादुर, नर्मदिल और दयावान था। वह जल्द ही राजा बनने वाला था परंतु उसके दिमाग में बहुत सी बातें घूम रही थी।
आखिरकार एक दिन उसने राज्य के ज्ञानी पंडित को बुलाया। पंडित ने राजकुमार से कहा, “क्या बात है राजकुमार आप किस बात से परेशान हैं?” राजकुमार बोले, “पंडित जी आप तो जानते हैं कि मैं बहुत जल्द राजा बनने वाला हूँ पर पता नहीं मैं अच्छा राजा बनूँगा या नहीं, पता नहीं मेरे अंदर वह काबिलियत है की नहीं।”
पंडित ने कहा, “मैं मदद कर सकता हूँ। क्या आप सब्जियां खाते हैं?” राजकुमार ने कहा, “जी खाता हूँ।” पंडित बोला, “सायद आपने ध्यान नहीं दिया पर वह हमें बहुत कुछ सीखा सकते हैं राजकुमार। उन्ही में आपका जवाब छुपा है।”
राजकुमार को पंडित की बात समझमे नहीं आया। पंडित ने कहा, “कभी-कभी आपको बैंगन की तरह बनना चाहिए। उसकी तरह बैंगनी रंग और सर पर ताज पहने हुए पर आपको कद्दू की तरह भी होना चाहिए जो हमेशा जमीन से जुड़ा रहे। भिंडी की तरह हमेशा खड़े रहो खूबसूरत, पतली और लंबी और आलू की तरह हमेशा अच्छा व्यबहार करो सभी के साथ जल्दी घुल मिल जाओ। मुजरिमो के लिए तुम्हे करेला बनना चाहिए तुम्हारे फैसले सच और कड़वे होने चाहिए और अच्छे लोगों के लिए जिमीकंद जैसे बन जाओ हमेशा उनके लिए मीठे बनकर रहो। कभी-कभी हरे मटर की तरह बनो तुम्हारी ताकत तुम्हारी प्रजा है और कभी-कभी तुम बिलकुल अकेले रहोगे पर ताकतपर बिलकुल खीरे की तरह। चुकंदर की लाल-लाल जूस की तरह तुम्हारी बातें सबका दिल जीत ले और अपने बड़े और गुरुओं के सामने मूली की तरह तुम बिलकुल साफ रहो। कभी-कभी प्याज की खुसबू की तरह अपने दुश्मनो को रुला देना। दयालु गोभी की तरह हमेशा अपने प्रजा को खुश रखना।”
राजकुमार ने कहा, “बाह! क्या सिख दी है आपने पंडित जी। इससे मेरी मुस्किले दूर हो जाएगी।”
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