Skip to content

Kahani Ki Dunia

Iss Duniya Mein Jane Kuch Naya

Menu
  • Home
  • Hindi Stories
  • Full Form
  • Business Ideas
  • Contact us
  • Web Stories
Menu
जब गायब हो गई पूरी की पूरी रेल गाड़ी | Real Story Of Ghost Train In Hindi

जब गायब हो गई पूरी की पूरी रेल गाड़ी | Real Story of Ghost Train in Hindi

Posted on March 13, 2021

 Real Story of Ghost Train in Hindi:  दोस्तों यह सृष्टि रहस्यों से भरी हुई है अगर हम ध्यान दें तो हर देश में एक से बढ़कर एक रहस्य मौजूत है। ज़्यादातर मामलो में लोग अपने साथ घटी रहस्यमय घटनाओ के बारे में बताते हैं और बाकि लोग उसे कल्पना मानकर छोड़ देते हैं। लेकिन कई रहस्य ऐसे भी होते हैं जिनकी गवाही हज़ारो लोग देते हैं। ऐसी घटनाओ को कल्पना मानकर छोड़ देना बेहद मुश्किल होता है। दोस्तों आपने ऐसे बंगलो और रेलवे स्टेशन के बारे में सुना होगा जो हॉन्टेड माने जाते हैं लेकिन आज मैं आप सबकोएक ऐसी रहस्यमय कहानी सुनाने जा रही हूँ जहाँ एक पूरी की पूरी ट्रैन हॉन्टेड साबित हुई। इस लेख में हम जानेंगे एक ऐसी रहस्यमय ट्रैन के बारे में जो अपने मंजिल तक पहुँचने से पहले ही हमेशा के लिए गायब हो गई।

 

 Real Story of Ghost Train in Hindi

 

यह समय है 1911 का जब दुनिया में काफी सुकून और शांति थी। लोग अपना जीवन ख़ुशी से व्यतीत कर रहे थे और सभी देश प्रगति कर रहे थे लेकिन उस काल में कई ऐसी रहस्य्मय घटनाएं भी हुई हैं जो आज एक बड़ी पहिली बनी हुई हैं।

 

`1912 में डूबा RMS टाइटैनिक के डूबने से एक साल पहले इटली के जैनिटी कंपनी ने एक ट्रैन का निर्माण किया। यह एक रेलवे कंपनी थी जिसने उस समय ट्रैन का एक नया मॉडल बनाया था जो यात्रियों को लक्सरी सुबिधा देने के साथ-साथ जल्दी अपने मंजिल तक पहुँचा सकता था।

 

जैनिटी कंपनी ने घोषणा की कि वह ट्रैन अपनी पहली यात्रा में सौ लोगों को फ्री राइड देगी। ट्रैन में खाने-पिने का सामान और सभी सुबिधाए मौजूत थी। गर्मियों के दिन थे। यह ट्रैन सौ पससंजर्स और छह रेलवे स्टाफ मेंबर को लेकर रोम शहर से यात्रा पर निकली। लोग हँसते-खेलते अपना सफर एन्जॉय कर रहे थे और ट्रैन का माहौल बहुत बढ़िया था।

 

ट्रैन को लोम्बार्ड टनल से भी गुजरना था जिसके लिए लोग काफी उत्साहित थे क्यूंकि वह टनल उस समय में बनाया गया सबसे बड़ा टनल था जिसकी लम्बाई लगभग आधा मिल थी। लोग बाहर से भी इस ट्रैन को गुजरते हुए देख रहे थे लेकिन जैसे ही ट्रैन लोम्बार्डी माउंटेन के पास पहुँची कुछ अजीब सा घटने लगा।

 

इससे पहले की ट्रैन टनल में जाती ट्रैन में से दो पैसेंजर बाहर कूद गए और ट्रैन उन्हें छोड़कर ही ट्रैन में चली गई। इसके बाद जो हुआ वह इटली का सबसे बड़ा रहस्य बनकर रह गया। ट्रैन टनल के एक तरफ से दाखिल हुई लेकिन दूसरी तरफ से बाहर नहीं निकली ,बाहर खड़े लोग और रेलवे स्टाफ हैरान हुए क्यूंकि ट्रैन बाहर निकली ही नहीं थी।

 

जब ट्रैन के लिए सहायता पहुँचाई गई तब लोगों की हैरानी और भी बढ़ गई क्यूंकि टनल के अंदर कोई ट्रैन थी ही नहीं। इसके बाद इस ट्रैन की बहुत खोज हुई लेकिन इस ट्रैन का कोई भी नामोनिशान नहीं मिल पाया। ट्रैन के जाँच के लिए एक कमिटी बनाई गई। जिस-जिस ने ट्रैन को देखा था उनसे पूछताछ की गई और रेलवे के सिग्नल मैन से भी पूछताछ हुई। कूल मिलाकर नतीजा यही निकला की लोम्बार्ड टनल तक इस ट्रैन को जाते हुए सबने देखा लेकिन उसके बाद इस ट्रैन को किसी ने भी देखा नहीं था।

 

मीडिया में खबरे छापी गई और ट्रैन की सभी ट्रैक्स पर तलाशी की गई। इस हादसे के कुछ दिन बाद दो लोग सामने आए जो मैक्सिको के रहने वाले थे। उन दोनों का दावा था कि वह भी उस पसंजर्स में शामिल थे। ट्रैन से जो 2 लोग कूद गए थे यह वही थे उन्होंने बताया कि ट्रैन में दाखिल होने से पहले उन्हें जोरदार आवाज सुनाई दी और चारो तरफ सफेद सा धुआँ छा गया था। उन दोनों को कुछ गड़बड़ लगी और वह दोनों ट्रैन से कूद गए थे लेकिन उन दोनों की मानसिक स्तिथि काफी बिगड़ चुकी थी।

 

पहले तो लोगों को उनके बात पर यकीं नहीं हुआ लेकिन जब रिकार्ड्स चेक किये गए तो पता लगा कि वे भी इस ट्रैन के यात्री थे। फिर उस टनल की अच्छी तरह जाँच हुई लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ। मैक्सिको से एक डॉक्टर सामने आई जिसने दावा किया कि इस एक्सीडेंट के कुछ दिन बाद उनके क्लिनिक  में 104 लोग आए थे जिनकी मानसिक स्तिथि ख़राब थी। सबके सब अजीब बर्ताव कर रहे थे और अपने अस्तित्व के बारे में  ठीक से बता नहीं पा रहे थे।

 

उन लोगों ने किसी ट्रैन का जिक्र किया था लेकिन उनकी मानसिक स्तिथि को देखकर उन्हें सीरियस नहीं लिया गया। कुछ दिन बाद यह 104 लोग फिरसे गायब हो गए और इनका कोई सुराग कभी नहीं मिला। रहस्य उलझता ही जा था और फिर अचानक जैनिटी कंपनी के इसी मॉडल को अलग-अलग शहरों में देखने के दावे किये गए कभी रोम में, कभी मैक्सिको में, कभी रशिया में तो कभी जर्मनी में। यहाँ तक तो बात ठीक थी लेकिन 1911 के करीब 71 साल पहले सन 1840 में जैनिटी कंपनी के इसी ट्रैन को मैक्सिको में देखने का दावा किया गया।

 

1911 में जैनिटी कंपनी ने इस ट्रैन का मॉडल पहलीबार बनाया था। ट्रैन 106 मेंबर्स को लेकर चली थी। जो दो लोग टनल के पहले ट्रैन से कूद गए और उन्होंने आकर बयान दिया यह सभी बातें सच हैं। वह 104 लोग जो डॉक्टर के क्लिनिक पहुँचे उनका कोई पता नहीं चल पाया। ट्रैन टनल में दाखिल हुई और लोगों ने उसे दाखिल होते देखा लेकिन ट्रैन दूसरी तरफ बाहर नहीं आई यह बात भी सच है पर उसके बाद ट्रैन आज तक नहीं मिली। इटली के रेलवे डिपार्टमेंट में यह सारि जानकारी आज भी मौजूत हैं।

 

टनल में जाने के बाद ट्रैन के साथ क्या हुआ यह एक रहस्य है और इटली का यह रहस्य दुनिया के सबसे बड़े रहस्यों में से एक माना जाता हैं।

 

उम्मीद करता हूँ आपको यह लेख “जब गायब हो गई पूरी की पूरी रेल गाड़ी | Real Story of Ghost Train in Hindi” पसंद आई होगी और अगर अच्छा लगे तो कमेंट जरूर करिए।

 

यह भी पढ़े:-

  • अलादीन और जादुई चिराग की असली कहानी
  • शैतान लुसिफर की असली कहानी
  • ईसा मसीह की असली कहानी
  • रावण की असली कहानी
  • मम्मी की असली कहानी

 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Post

  • NIOS Full Form: NIOS Board क्या है पूरी जानकरी हिंदी में
  • Top 5 High Salary Banking Courses in Hindi | Best Banking Jobs After 12th
  • KVPY Exam क्या है | What is KVPY Exam in Hindi
  • What is No Cost EMI in Hindi | No Cost EMI क्या होता है
  • NASA Scientist कैसे बने | How to Become a NASA Scientist
©2023 Kahani Ki Dunia | Design: Newspaperly WordPress Theme