Krishna’s Coin Story in Hindi
-:कृष्ण का सिक्का:-
एक गाँव में एक गरीब साधु रहते थे। वह भगवान कृष्ण के बहुत बड़े भक्त थे। वह घर घर जाकर लोगों से भिक्षा माँगते थे। लोग उन्हें पैसे या भोजन देते थे और वह उन्हें आशीर्वाद।
भगवान कृष्ण ने एकदिन उनके परीक्षा लेने का निर्णय लिया। एक दिन जब वह साधु नदी के किनारे चल रहे थे तभी उन्हें सोने के सिक्को से भरी हुई एक पोटली मिली। वह बहुत खुश हो गए और पोटली अपने पास रखने का निर्णय लिया।
घर वापस जाते समय उन्हें रस्ते में एक भिखारी दिखा। भिखारी ने भोजन या पैसे की भीख माँगी पर साधु ने उसे कुछ भी नहीं दिया। वह जब वापस चल रहे थे थोड़ी ही दूर साधु को एक चमकता हुआ हिरा दिखाई दिया। उन्होंने अपने आप से कहा, “बाह! कितना अच्छा दिन ही। पहले सोने का सिक्का और अब यह हीरा।”
साधु जैसे ही हीरा लेने के लिए निचे झुके, एक चोर ने पीछे से आकर उन पर छलान लगाई और सोने के सिक्को से भरी हुई पोटली खींचकर वहाँ से भाग गया। असलमे वह हीरा बस एक काँच का टुकड़ा था जो चोर ने जानबूझकर उस साधु को फँसाने के लिए वहाँ रखा था।
साधु बहुत दुखी हो गए। साधु वापस अपने घर की ओर चलने लगे। भगवान कृष्ण ने एक साधारण मनुष्य का अवतार लिया और साधु से मिलने का निर्णय लिया। वह साधु से मिले और उन्होंने साधु को एक सिक्का दिया और कहा, “कृपा करके मेरे इस सिक्के को स्वीकार लीजिए।”
साधु ने उस सिक्के को स्वीकार लिया और कृष्ण भगवान वहाँ से निकल गए। साधु को विचार आया, “यह क्या है? इससे मैं क्या कर लूंगा? मुझे नहीं लगता यह सिक्का मेरे कोई काम का है।”
घर जाते समय साधु को रास्ते में एक मछुआरा मिला। मछुआरे के जाल में दो मछलियाँ फँसी हुई थी। साधु को उन पर बहुत दया आई इसलिए उन्होंने मछुआरे से कहा , “मैं तुम्हे यह सिक्का देता हूँ तुम मुझे यह दो मछलियाँ दे दो।”
मछुआरा मान गया। साधु ने तुरंत उन मछलियों को पानी से भरे हुए मटके में रख दिया। उन्होंने सोचा वह दूसरे दिन नदी में जाकर इन मछलियों को पानी में छोड़ आएँगे।
दूसरे दिन जब वह नदी के पास मछलियों को छोड़ने गए उन्होंने जो देखा वह एकदम आश्चर्यचकित हो गए। नदी में तो हीरे थे। साधु बहुत ही खुश हो गए पर उन्हें कुछ समझमे नहीं आया कि यह सब क्या हो रहा है? उन्होंने भगवान कृष्ण से प्रार्थना की।
उनके प्रार्थना से भगवान कृष्ण उनके सामने आए। उन्होंने कृष्ण भगवान से कहा, “यह सब क्या हो रहा है? मुझे कुछ भी समझमे नहीं आ रहा।”
कृष्ण भगवान ने कहा, “मछलियाँ जब पानी में थी तब वह भूल से हीरो को निगल चुकी थी। अब तुम्हे हीरे मिले क्यूंकि तुमने उनकी जान बचाई।”
साधु के आँख में पानी आ गया और उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को धन्यवाद कहा। भगवान कृष्ण ने कहा, “तुम्हे सोने के सिक्को से भरी हुई पोटली मिली पर फिर भी तुमने उस भिखारी की मदद ही नहीं की। तुम्हारे उस हीरे की लालच से तुमने उन सोने के सिक्को को भी खो दिया। हमेशा दुसरो की मदद करनी चाहिए और कभी भी लालच नहीं करना चाहिए।”
साधु ने भगवान कृष्ण को वचन दिया कि वह हमेशा दुसरो की मदद करेंगे और कभी भी लालची नहीं बनेंगे।
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हेलो दोस्तो मेरा नाम सोनाली बाउरी है और मैं इस साइट की Author हूँ। मैं इस ब्लॉग Kahani Ki Dunia पर कहानियों से सम्बंधित पोस्ट लिखती हूँ जैसे की हिंदी कहानी , प्रेरणादायक कहानी, अकबर-बीरबल और तेनलिरामा की कहानी और भी अनेक प्रकार की कहानियां।