Imandar Aur Beiman Kahani In Hindi
ईमानदार और बेईमान
राहुल और मनोज नाम के दो बच्चे थे। दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे और क्लास ख़त्म होने के बाद दोनों साथ ही घर लौटते थे क्यूंकि वह दोनों एक-दूसरे के पडोसी थे। दोनों साथ में खेला करते थे।
एक दिन की बात है राहुल और मनोज दोनों शाम के वक्त मिले। मनोज ने कहा, “राहुल देखो मेरे पास कितनी सारी टॉफिस हैं। मेरे मामा मेरे लिए बहुत सारी टॉफिस लेकर आएं हैं।” राहुल बोला, “अरे बाह! मेरे पास तो कोई टॉफ़ी नहीं हैं। अगर तुम अपनी सारी टॉफिस मुझे दोगे तो मैं तुम्हे मेरे मार्वेल्स के सारे कलेक्शंस दूँगा।”
मनोज सोचने लगा , “वैसे भी मामा ने बहुत सी टॉफिस लाए हैं मैं एक काम करता हूँ उसे यह टॉफिस देकर उसके सारे मार्वेल्स ले लेता हूँ लेकिन यह वाली तो मैं अपने लिए ही रखूँगा क्यूंकि यह मेरी पसंदीदा हैं।” यह सोचकर मनोज ने एक टॉफी रख ली और बाकि के सब राहुल को देकर उसका पूरा मार्वेल्स का कलेक्शन ले लिया और फिर दोनों अपने-अपने घर चले गए।
रात में मनोज ने वह टॉफी निकाली लेकिन तभी वह सोचने लगा, “जैसे मैंने यह टॉफी रख ली वैसे राहुल ने भी अपने लिए कुछ मार्वेल्स रख लिए होंगे। हाँ जरूर हो सकता है।” यह सोच-सोचकर मनोज वह टॉफी खा नहीं पाया और रातभर उन मार्वेल्स के बारे में सोचता रहा।
अगले दिन मनोज राहुल के पास गया और राहुल से कहा, “कल मैंने यह टॉफी अपने लिए रख ली थी क्या तुमने भी कुछ मार्वेल्स अपने लिए रखे थे।” राहुल ने कहा, “नहीं, मैंने तो अपनी सारी मार्वेल्स तुम्हे दे दी।”
मनोज को अपनी गलती समझ आ गई और उसने वह टॉफी भी राहुल को दे दी।
इस कहानी से सीख, Moral of The Story:
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि बेईमान को हर जगह बेईमान ही दीखते हैं इसलिए बेईमानी नहीं करनी चाहिए।
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