ए.पी.जे अब्दुल कलाम की प्रेरणादायक कहानी Motivational Story of APJ Abdul Kalam in Hindi
ए.पी.जे अब्दुल कलाम की कहानी
दोस्तों यह तब की बात है जब 2005 में इंडिया के एक लीजेंड स्विट्जरलैंड गए थे अपने एक टूर के लिए। 26 मई 2005 को वह स्विट्जरलैंड में लैंड हुए थे। स्विट्जरलैंड से लौटने के बाद उनके याद में, उनके सम्मान में स्विट्जरलैंड गवर्नमेंट ने 26 मई को साइंस डे डिक्लेअर कर दिया था। दोस्तों आप जरूर समझ चुके होंगे कि मैं किसके बारे में बात कर रहा हूँ। आज हम इस लेख बात करेंगे हुमारते मिसाइल मैन APJ Abdul Kalam के बारे में। उनकी लाइफ की कुछ जर्नी और असेही कुछ इंट्रेस्टिंग किस्से आज मैं आपके साथ शेयर करूँगा।
APJ Abdul Kalam का जन्म तमिलनाडु के रामेस्वरम शहर के एक छोटे से गाँव धनुषकोड़ी में एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था, जहाँ उनके पिता एक छोटी सी नाउ चलाया करते थे जिससे उनके फॅमिली को मुश्किल से दो वक्त की रोटी नसीव होति थी। उनके घर में कोई भी पड़ा-लिखा नहीं था। लेकिन उन्हें बचपन से ही पढाई-लिखाई का बहुत सोख था। गरीब होने के बावजूद उनकी फॅमिली उन्हें पढाई के लिए पूरी तरह से सपोर्ट करती थी। लेकिन APJ Abdul Kalam जी हर सुबह स्कूल जाने से पहले न्यूज़ पेपर बेचा करते थे ताकि उनकी फॅमिली पर उनके पढाई का ज़्यादा प्रेसर न आए।
स्कूल में उनके मार्क्स उतने अच्छे नहीं आते थे लेकिन वह हार्डवर्किंग स्टूडेंट्स में से एक थे। उनका हमेशा सिर्फ एक फोकस रहता था कि हर दिन कुछ नया सीखा जाए और इसलिए वह घंटो-घंटो तक पढाई किया करते थे। बचपन से ही वह इंडियन आर्म्ड फोर्सेस की पाइलट बनना चाहते थे इसलिए उन्होंने अपनी स्कूलिंग खत्म होने के बाद मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के तहत एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया।
यह किस्सा तब का है जब वह मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में पढ़ रहे थे। उस वक्त वह एक सीनियर क्लास प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे और उस प्रोजेक्ट के प्रोग्रेस को देखकर कॉलेज के टीचर उनसे बहुत गुस्सा हो गए। उन्होंने APJ Abdul Kalam सेकहा कि अगर 3 दिन ये प्रोजेक्ट कम्पलीट नहीं हुआ तो मैं तुम्हारा स्कॉलरशिप कैंसल कर दूंगा।
यह बात सुनकर APJ Abdul Kalam बहुत घबरा गए और उन्होंने दिन-रात बैठकर 3 दिन के अंदर प्रोजेक्ट को कम्पलीट कर दिया। यह देखकर उनके टीचर बहुत खुश हो गए और उन्होंने APJ Abdul Kalam जी से कहा कि मैं जनता था कि तुममे वह काबिलियत है, लेकिन मैं यह देखना चाहता था कि तुममे मुश्किल वक्त को सहने की क्षमता है या नहीं।
कॉलेज खत्म होने के बाद जब APJ Abdul Kalam जी ने इंडियन आर्म्ड फोर्स्ड में फाइटर पाइलट की पोस्ट के लिए अप्लाई किया तो उस वक्त सिर्फ आठ सीट खाली थी और बदकिस्मती से उनका 9th नंबर आया और वह आर्म्ड फोर्सेस के लिए सेलेक्ट नहीं हो पाए। उसके बाद से उन्होंने DRDO () जॉइन की। लेकिन वह DRDO में अपनी जॉब से खुश नहीं थे क्यूंकि उन्हें वहाँ कुछ नया सिखने नहीं मिलता था। तभी उनकी मुलाकात हमारे ISRO ( ) के फाउंडर विक्रम साराभाई जी से हुई। उनको APJ Abdul Kalam जी की मेहनत और हर वक्त कुछ नया सिखने की चाह बहुत पसंद आयी। और उसके बाद उनका DRDO से ISRO में ट्रांसफर हुआ।
ISRO में APJ Abdul Kalam इंडिया के सबसे पहले सक्सेसफुल सैटेलाइट लांच रोहिणी के प्रोजेक्ट डिरेक्टर थे। उसके बाद उन्होंने कई प्रोजेक्ट इनिशिएट किए। 1980 में पृथ्वी मिसाइल सक्सेसफुल लॉन्च करने के बाद उन्हें NASA ने जॉब ऑफर करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया।
पृथ्वी मिसाइल के सक्सेसफुल लॉन्च के बाद इंडियन कैबिनेट के तहत रिसर्च के लिए 3. 88 बिलियन के फंड्स अलाउड कर दिए गए जिसके बाद APJ Abdul Kalam ने उनके टीम के साथ मिलकर अग्नि,त्रिशूल, आकाश, नाग जैसे कई बड़े मिसाइल लॉन्च किए। उनके लीडरशिप के अंदर इंडिया को सबसे बड़ी कामियाबी तब मिली जब 1998 में इंडिया ने सीक्रेटली सारे नुक्लेअर बोम टेस्ट करके इंडिया को सारी दुनिया के सामने एक नुक्लेअर पावर घोषित कर दिया जिसके बाद APJ Abdul Kalam को मिसाइल मैन ऑफ़ इंडिया (Missile Man of India) के नाम से बुलाया गया।
2002 में APJ इंडिया के 11th प्रेसिडेंट बने। अपने प्रेसिडेंसियल टर्म के वक्त जब वह केरेला विजिट के लिए गए थे उस वक्त उन्होंने दो लोगों को केरेला के राजभवन में एस ए प्रेसिडेंटिअल गेस्ट इनभाइट किया था। वह दो लोग कोई बड़े सेलिब्रिटी नहीं थे बल्कि एक चपरासी और एक छोटे से होटल का मालिक था।
असाही एक किस्सा 2005 का है जब उनकी फॅमिली राष्ट्रपति भवन में रहने आई थी। लगभग दस दिन तक उनके फॅमिली के 52 लोग राष्ट्रपति भवन में थे और उनके जाने के बाद APJ Abdul Kalam जी ने 3 लाख 52 हज़ार अपनी फॅमिली के रहने और खाने का खर्चा सरकार को दिया। जब एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि आपने सरकार को पैसा क्यों दिया? तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा था, “सरकार मेरे रहने और खाने के पैसे देते हैं नाकि मेरे फॅमिली की।” और इसी खुद्दारी ने पूरी दुनिया को इनसे प्यार करने पर मजबूर कर दिया।
इनके पास जायदाद कोई नहीं था अपने किताबो के अलावा पर अपनी कहानी से और अपने कामो से यह मिसाइल मैन पूरी दुनिया के लिए मिसाइल बन गए।
तो फ्रेंड्स आपको ए.पी.जे अब्दुल कलाम की यह प्रेरणादायक कहानी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताए और अच्छा लगे तो शेयर भी जरूर करे।
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