आज इस लेख में मैं आप सबको बताने वाली हूँ शैतान लूसिफर की असली कहानी के बारे में कि कैसे एक एंजेल्स ने धीरे-धीरे शैतान का रूप ले लिया और क्यों उसे शैतान का देवता माना जाने लगा।
शैतान लूसिफर की असली कहानी
दो ही सह है जो खुद में दुनिया के औचत्य को समाये हुए हैं, इस्वर और शैतान। ईश्वर, जो अच्छाई और पाजिटिविटी का प्रतिक है और शैतान जो बुरी और नेगेटिविटी का प्रतिक है। जो लोग ईश्वर को मानते हैं उन्हें अच्छे लोगों की श्रेणी में रखा जाता है और जो लोग शैतान को मानते हैं उन्हें बुरा माना जाता है।
बाइबल के अनुसार अच्छाई के देवता को God यानि ईश्वर कहा जाता है और बुराई के देवता को लूसिफर या शैतान कहा जाता है। दुनिया में ऐसे बहुत से लोगों के होने का दावा किया जाता है जो शैतान के अनुयायी होते हैं। ऐसे लोगों का एक सीक्रेट सोसाइटी से जुड़े होने का भी आशंका जताई जाती है। इस सोसाइटी का नाम है Illuminati (इल्लुमिनाटी) . Illuminatis के बारे में ऐसा माना जाता है कि यह शैतान यानि लूसिफर को मानते हैं और लूसिफर के बताए सिद्धांतो का पालन करते हैं और बदले में लूसिफर उन्हें बेशुमार दौलत और शोरत से लवरेज करता है। ऐसे लोग अपनी असली पहचान को छुपाए रखते हैं।
ईश्वर ने इस सृष्टि का सृजन करने से पहले हेवेन यानि स्वर्ग का निर्माण किया और वहाँ रहने के उन्होंने एंजेल्स (Angels) को बनाया। इनमे से मुख्य एंजेल्स को आर्केंजल्स का नाम दिया गया जिन्हे ईश्वर के प्रचारकों में सबसे ऊँची पदवी प्राप्त थी। इन आर्केंजल्स से प्रमुख आर्कएंजेल का नाम था लूसिफर (Lucifer), जो बाकि के आर्केंजल्स से सबसे ज़्यादा सुंदर, सबसे ज़्यादा शक्तिशाली और बुद्धिमान था।
लूसिफर ईश्वर की उस वक्त की बनाई गई सबसे श्रेष्ठ रचना थी। पुरे ब्रह्मांड में ऐसा कोई भी नहीं था जो लूसिफर की बराबरी कर सकता हो। वह ईश्वर का एक परफेक्शन था। इस बात का घमंड खुद लूसिफर को भी था कि वह बाकई हेवेन पर मौजूत सभी आर्केंजल्स से श्रेष्ठ है और इसी बजह से लूसिफर के अंदर धीरे-धीरे घमंड बढ़ने लगा और फिर लूसिफर को यह तक लगने लगा कि वह इतना ओतुल्य है कि उसे God यानि ईश्वर के स्थान पर होना चाहिए।
लूसिफर के अंदर खुद ईश्वर की पदवी हासिल करने की इर्षा जागने लगी। लूसिफर की इसी घमंड, इर्षा और लालच के साथ सबसे पहले पाप ने जन्म लिया। अपने इस लक्ष के प्राप्ति के लिए लूसिफर ने हेवेन के अन्य आर्केंजल्स को भी ईश्वर के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। बहुत से आर्केंजल्स जो लूसिफ़र को पसंद करते थे, वह लूसिफर के साथ हो गए। लेकिन कुछ एंजेल्स तब भी ईश्वर के प्रति ईमानदार बने रहे और इसके बाद हेवेन पर कब्जे के लिए एक घमासान युद्ध शुरू हुआ जिसमें लूसिफर के बिरुद्ध और ईश्वर की ओर से सेंट माइकल ने अगुवाई की और लूसिफर अपने सारि कोशिशें के बावजूद यह युद्ध हार गया।
ईश्वर ने यह साबित कर दिया की वे ही सबसे श्रेष्ट हैं क्यूंकि उन्होंने लूसिफर जैसे सबसे शक्तिशाली आर्केंजल्स को बिना युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिए ही हरा दिया था। लूसिफर और उसके साथियों को स्वर्ग से बाहर निकाल दिया गया और अब लूसिफर ईश्वर की सबसे अच्छी और सबसे प्रिय रचना नहीं रही थी क्यूंकि इस युद्ध के बाद ईश्वर ने इंसानो का सृजन किया और सबसे पहले एडम और ईव को इस दुनिया में रहने के लिए भेजा। इन दोनों ने ही दुनिया में जीवन की शुरुवात की।
इसी बीच अब लूसिफर ईश्वर के चहेता आर्कएंजेल होने का सौभाग्य खो चूका था और इसी के साथ लूसिफर हेवेन में वास करने की योग्यता खो बैठा फिर हेवेन से धरती पर आ गिरा। तभी से लूसिफर को The Fallen Angel के नाम से जाना जाने लगा। ऐसा माना जाता है जबकि लूसिफर एक बुरी आत्मा बन चूका था और अब वह धरती पर आ चूका था। लूसिफर की धरती पर मौजूदगी ही धरती की सारे पापो की शुरुवात थी। तभी से लूसिफर बुराई का देवता बन गया और अपने अनुयाइयों को अपने बताए रास्ते पर चलने की सिख देने लगा। बदले में अपने अनुयाइयों को बेशुमार दौलत और सोहरत देने का वादा भी किया। तभी से लोग लूसिफर की पूजा करने लगे और इस दुनिया में बुराई का फेलाब बढ़ता चला गया।
आज भी लोगों का एक बड़ा जत्था ऐसा है जो लूसिफर को अपना आका मानते हैं और लूसिफर की पूजा करते हैं। वर्टिकल में एक ऐसा चर्च भी मौजूत हैं जहाँ लूसिफर नाम के इस शैतान की पूजा की जाती है। लूसिफर की पूजा करने वाले यह लोग अपनी पहचान को छुपाकर रखते हैं। एक कांस्पीरेसी थ्योरी यह भी है कि लूसिफर की पूजा करने वाले यह लोग एक सीक्रेट सोसाइटी का हिस्सा है। इस सीक्रेट सोसाइटी के सदस्य में दुनिया के कुछ सबसे शक्तिशाली, प्रभावी और प्रसिद्ध लोग शामिल हैं। इन लोगों ने बहुत तेज गति से सोहरत की बुलंदियों को छुआ है।
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