बेबकूफ खरगोश की कहानी The Foolish Rabbit Story in Hindi
बेबकूफ खरगोश की कहानी
एक बार एक घने हरे जंगल में एक खरगोश रहता था। एक दिन खरगोश चैन से गहरी नींद में एक पेड़ के छाओ तले सो रहा था। अचानक एक जोरदार और भयंकर आवाज सुनकर खरगोश उठ आया। जब उसने अपनी चारों तरफ देखा तो उसे कोई नहीं दिखाई दिया। और उसकी नजर में भी कोई नहीं आया।
खरगोश ने सोचा, “सायद कोई भूचाल आने वाला है। और इसलिए मुझे वह जोरदार आवाज सुनाई दी।” यह सोचकर खरगोश बड़ी तेज वहाँ से भागने लगा। जब खरगोश दौड़ रहा था, तब एक हिरन ने उसे देखा।” हिरन ने खरगोश से पूछा, “क्या हुआ मेरे दोस्त।” खरगोश बोला, “भूकंप आने वाला है मेरे दोस्त। धरती फटने वाली है। इसलिए भाग रहा हूँ। तुम भी भागो मेरे साथ।”
हिरन ने कहा, “क्या धरती फटने वाली है! मुझे अपने दोस्तों को यह बतानी चाहिए। और उनको भी अपने साथ बुला लेना चाहिए।” खरगोश ने कहा, “चलो चलकर तुम्हारे दोस्तों को यह बताते थे। और उन्हें इस बारे में सूचित करते है।”
एक दूसरे को यह बोलकर दोनों अपने दोस्तों के पास भागने लगे। उसी दौरान एक हाथी, बंदर और एक गधे ने उन्हें दौड़ते हुए देखा।” हाथी ने उनसे पूछा, “क्या हुआ मेरे दोस्त? तुम लोग इतने भयभीत होकर भाग क्यों रहे हो?” हिरन ने कहा, “हाथी भाई, यह धरती फटने वाली है। हम अपने दोस्तों को यह खबर देने जा रहे है। तुम भी अपनी जान बचाने के लिए चलो हमारे साथ।”
वे सब भयभीत होकर टोली बनाकर भागने लगे। और तुरंत उस जगह से निकल जाना चाहते थे। इतने में एक बाघ ने उन्हें डरके मारे भागते हुए देखा। बाघ ने पूछा, “अरे क्या हुआ? तुम सब डरके मारे भाग क्यों रहे हो?” उन सबने कहा, “भागो बाघ भागो, कुछ ही समय में धरती फटने वाली है। इसलिए हम सब भाग रहे हैं, अपनी अपनी जान बचाने के लिए। तुम भी चलो हमारे साथ।”
जब सभी जानवर उस जगह से भाग निकलने वाले थे, तभी शेर ने झाड़ियों के बीच से छलान मारा। और उनके सामने आ खड़ा हो गया। उन सबने शेर को भी यह बात बताई। और शेर भी उनके साथ भाग चला।
सभी जानवर भाग ही रहे थे की उनके सामने हिरन आ गया। शेर ने हिरन से कहा, “धरती फटने वाली है चलो तुम भी हमारे साथ यहाँ से भाग चलो।” हिरन ने हँसकर जवाब दिया, “धरती फटने वाली है! किसने कहा?” शेर ने गुस्से में कहा, “तुम हँस क्यों रहे हो? क्या मेरी बातों का कोई मूल्य नहीं है तुम्हारे लिए।” हिरन ने कहा, “नहीं नहीं राजा जी मुझ पर दया कीजिए, मेरा वह मतलब नहीं था। लेकिन धरती क्या केवल एक ही स्थान पर फटती है? किसने देखा धरती फटते हुए?”
शेर बोला, “बाघ ने मुझे खबर दी कि धरती फटने वाली है।” इस तरह हर कोई एक दूसरे की तरफ इशारे करने लगे, जब तक वह खरगोश तक न पहुँचे।”
खरगोश ने फिर कहा, “मैं आप सबसे झूट क्यों बोलूँगा। मैं जब पेड़ के निचे गहरी नींद में सो रहा था, तब मैंने एक जोरदार और भयंकर आवाज सुनी। जब मैंने अपनी चारों तरफ देखा तो कोई नहीं था। इतनी जोरदार आवाज तो तब ही होती है न जब धरती फटने वाली होती है।”
खरगोश बड़ी ईमानदारी से सभी जानवरों को समझा रहा था। लोमड़ी बड़ी ध्यान से सब सुन रही थी।
लोमड़ी ने कहा, “ठीक है हम सब उस जगह चलते है जहाँ तुम सो रहे थे। और पता लगाते है की वह आवाज आई कहाँ से थी? तब हम सबको कारन पता चल जाएगा।”
सभी जानवर उस जगह पर पहुँचे जहाँ खरगोश सो रहा था। और चारों तरफ सबुद्ध ढूंढने लगे। उसी दौरान कही से एक जोरदार और भयंकर आवाज आई। जब यह सब तमाशा चल रहा था तब लोमड़ी अपने चारों ओर सुराग ढूंढ रही थी। उसने कुछ नारियल जमीन पर पड़े दिखे। ठीक उसी समय एक और नारियल पेड़ से निचे गिरा।”
लोमड़ी ने फिर सभी जानवरों से कहा ,”यह कोई धरती फटने की आवाज नहीं है, यह तो बस पेड़ से निचे नारियल पड़ने की आवाज है।” यह सुनकर सभी जानवर खरगोश के ऊपर हँसने लगे।
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