Little Mole Ki Kahani in Hindi
इस लेख में आज मैं जो कहानी आप सबको बताने वाली हूँ उसका नाम है “नन्हाँ छछूँदर | Little Mole Story in Hindi” उम्मीद है आपको यह कहानी अच्छी लगेगी।
नन्हाँ छछूँदर
एक नन्हाँ छछूँदर अपनी माँ के साथ रहता था। उसकी माँ उसकी अच्छी तरह से देखभाल करती थी। वह छछूँदर बहुत छोटा था तो वह देख भी नहीं पाता था, इसलिए उसकी माँ हर बात पर उसका विश्वास नहीं करती थी।
एक बार नन्हें छछूंदर ने अपनी माँ से कहा. “माँ, मैं देख सकता हूँ।” उसकी माँ ने जब उसकी यह बात सुनी तो उसे बिलकुल भी विशवास नहीं हुआ। उसने अपने बच्चे की सच्चाई जानने के लिए उसकी परीक्षा लेने का निश्चय किया। माँ ने उसके सामने लोबान का ढेला रख दिया और उससे पूछा की वह क्या है।
नन्हाँ छछूँदर तुरंत बोला, “माँ, यह तो पत्थर है।” माँ को सच्चाई का पता लग गया। वह बोली, “अरे बेटे, तुम्हें न तो दिखाई देता है और न ही तुम सूँघ पाते हो। अपनी एक झूटी योग्यता की शान बताने के लिए तुमने अपनी एक और कमी उजागर कर दी।”
इस कहानी से सीख, Moral of The Story:
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमारे एक कमी को छुपाने के लिए हमें अपनी दूसरी कमी को उजागर नहीं कर देना चाहिए।
उम्मीद करता हूँ की आपको यह कहानी “नन्हाँ छछूँदर | Little Mole Story in Hindi” जरूर पसंद आई होगी। अगर पसंद आए तो इस कहानी को अपने सभी दोस्तों के साथ भी शेयर करें और नई नई कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें।
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