Skip to content

Kahani Ki Dunia

Iss Duniya Mein Jane Kuch Naya

Menu
  • Home
  • Hindi Stories
  • Full Form
  • Business Ideas
  • Contact us
  • Web Stories
Menu
मुर्ख मित्र | राजा और बंदर | The King And The Foolish Monkey Story in Hindi

मुर्ख मित्र | राजा और बंदर | The King And The Foolish Monkey Story in Hindi

Posted on January 4, 2021

Contents

  • 1 The King And The Foolish Monkey Story in Hindi
    • 1.1 मुर्ख मित्र की कहानी 
    • 1.2 इस कहानी से सीख, Moral of The Story:
    • 1.3 यह भी पढ़े:-
    • 1.4 और भी कहानियां पढ़े 

The King And The Foolish Monkey Story in Hindi

इस लेख में मैं आपसे जो कहानी शेयर करने जा रही हूँ वह कहानी है “मुर्ख मित्र | राजा और बंदर | The King And The Foolish Monkey Story in Hindi” मुझे उम्मीद है आपको यह कहानी अवश्य पसंद आएगी।

 

मुर्ख मित्र की कहानी 

प्राचीनकाल की बात है, एक बार एक राजा था। वह बहुत शांत और निर्मल रहता था। वह अपने कर्तव्य को अच्छी तरह से निभाता था और राज्य में सबको खुश रखता था। उसी राज्य में एक बंदर भी रहता था। वह बंदर बहुत ही नटखट था और लोगों को अपनी नटखट चाल से परेशान करता रहता था।

 

एक दिन राजा शिकार करने जंगल में गया था। और दुर से बंदर पेड़ पर बैठे चिल्लाकर कुछ बोलने की कोशिश कर रहा था। राजा बोला, “हे बंदर क्या हुआ है? क्यों ऐसे चिल्ला रहे हो?” बंदर ने इशारे से राजा को आगे बढ़ने से मना किया। क्युकी आगे बहुत सारे जहरीले साँप थे, जो राजा को खतरा पहुँचा सकता था। राजा ने आगे बढ़कर देखा तो वहाँ बहुत सारे साँप थे। राजा उसी वक़्त पीछे हट जाता है और अपनी जान बचा लेता है।

 

उसके बाद राजा बंदर के साहस से खुश होकर कहता है, “हे बंदर, आज तुमने मेरी जान बचा ली। इसके इनाम में मैं तुम्हे अपने महल में स्वागत करता हूँ। और महल में रोज फल भी दिलाने का वादा करता हूँ। अगर तुम सहमत हो तो तुम मेरे साथ चल सकते हो।” राजा के ऐसे कहने के बाद बंदर राजा की बात मान जाता है और उसके साथ महल में चला जाता है।

 

ऐसे कुछ दिन गुजर गए। और वह बंदर राजा का एक अच्छा मित्र बन गया। और वह रोज राजा की सेवा करता था। यह देखकर राज्य के कुछ मंत्री ने राजा को बताया कि बंदर पर ज्यादा भरोसा न करे। लेकिन राजा को यह बात पसंद नहीं आई और वह अपने मंत्रियों से ही नाराज रहे।

 

एक दिन दोपहर का समय था। राजा अपने कमरे में आराम कर रहा था। और बंदर राजा की पंखा झपककर सेवा कर रहा था। उसी समय बंदर ने देखा कि एक मक्खी आकर राजा की छाती पर बैठी। बंदर ने मक्खी को हटाने की बहुत कोशिश की। लेकिन बंदर के इतना हटाने पर भी मक्खी वहाँ से नहीं गई। फिर बंदर ने मक्खी को पंखे से हटा दिया।

 

कुछ समय बाद मक्खी दोबारा आकर राजा के पैर पर बैठ गई। बंदर ने फिर उसे अपने हाथ से भगा दिया। कुछ देर बाद मक्खी फिर आकर राजा के छाती पर बैठी। इस बार बंदर बहुत ज़ादा क्रोधित हो गया। और उसने मन बना लिया कि इस मक्खी को मार देना ही इस परेशानी का हल है। बंदर ने उसी समय फलों की टोकरी से चाकू को उठाया और सीधे उस मक्खी की ओर चाकू चला दिया। मक्खी तो नहीं मरी, परंतु चाकू जाकर सीधा राजा के छाती पर लगा। और राजा वही मर गया।

 

इस कहानी से सीख, Moral of The Story:

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि एक मूर्ख दोस्त अपने दुश्मन से भी जादा नुकसान पहुँचा सकता है।

 

उम्मीद करता हूँ की आपको यह कहानी “मुर्ख मित्र | राजा और बंदर | The Monkey And The Foolish Monkey Story in Hindi” जरूर पसंद आई होगी। अगर पसंद आए तो इस कहानी को अपने सभी दोस्तों के साथ भी शेयर करें और नई नई कहानियां पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें।

 

यह भी पढ़े:-

  • दो लड़ने वाले भेड़ों की कहानी | Two Fighting Sheep Story In Hindi
  • लोमड़ी और अंगूर की कहानी | Fox And The Grapes Story In Hindi
  • हिरण और शिकारी की कहानी | Deer And Hunter Story In Hindi
  • कछुआ और खरगोश की कहानी | Turtle And Rabbit Story In Hindi
  • शहरी चूहा और देहाती चूहा | Town Mouse And Country Mouse Story In Hindi
  • धूर्त लोमड़ी की कहानी | Dhurt Lomdi Ki Story In Hindi

 

और भी कहानियां पढ़े 

बंदर और घंटी
उल्लू का राजतिलक
शिकारी और खरगोश
हाथी और चूहे
कौन अच्छा कौन बुरा

 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Post

  • NIOS Full Form: NIOS Board क्या है पूरी जानकरी हिंदी में
  • Top 5 High Salary Banking Courses in Hindi | Best Banking Jobs After 12th
  • KVPY Exam क्या है | What is KVPY Exam in Hindi
  • What is No Cost EMI in Hindi | No Cost EMI क्या होता है
  • NASA Scientist कैसे बने | How to Become a NASA Scientist
©2023 Kahani Ki Dunia | Design: Newspaperly WordPress Theme