Contents
Farmer and Cow Panchatantra Story in Hindi
किसान और गाय
एक समय की बात है, जब एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था, जिसका नाम था धर्मपाल। धर्मपाल खेती-बाड़ी करके खुद फसल उगाता था। उसके पास कुछ पशु भी थे जैसे मुर्गी, सूयर, बकरा और एक बड़ी सी गाय जिसको वह बहुत ज्यादा पसंद करता था। गाय से उसको काफी प्यार था क्यूंकि वह हर रोज बहुत सारा दूध देती थी। धर्मपाल की कमाई ज्यादातर गाय की दूध से ही मिलती थी। इसलिए वह चाहता था की उसकी गाय हमेशा स्वस्थ रहे।
एक दिन, जब धर्मपाल खेत में काम कर रहा था, उसका बेटा रोते हुए उसके पास आया। उसके बेटे ने उससे कहा की उनकी गाय बहुत बीमार है, वह जमीन पर पड़ी है और दूध भी नहीं दे रही है। यह सुन किसान तुरंत घर की ओर गया और देखा की उनकी गाय बहुत कमजोर हो गई है। जब उसने दूध निकालने की कोशिश की तो दूध भी नहीं निकला। किसान बहुत ही परेशान हो गया।
किसान को लगा कि अब गाय ठीक नहीं हो पाएगी तो उसने गाय को खड़ा करके वन की ओर चलाते गया। गाय ने बहुत दूध दिया लेकिन अब वह किसान के लिए बेकार हो चुकी थी। जंगल के भीतर पहुँचने के बाद किसान ने गाय को खुला छोड़ दिया और वहाँ से चला गया। बेचारी गाय अकेली और असहायक खड़ी रही। थोड़ी देर बाद गाय जंगल से डरने लगी और वहाँ से निकलने की रास्ता ढूंढने लगी। वह अपनी हिम्मत जुटाकर चलने लगी।
बहुत देर बाद, आखिरकार वह एक खुली जगह पर पहुँच ही गई पर उसको पता ही नहीं कि वह कहाँ आ गई। अचानक से उसने एक छोटा सा घर देखा और जल्दी उसकी और चलने लगी। घर पर पहुँचते ही वह थकावट के कारन दरवाजे के सामने बेहोश गिर पड़ी। यह एक गरीब आदमी माधौ का घर था। सुबह सभेरे माध-सभेरे माधौ घर आया तो उसने गाय को अपने दरवाजे पर देखा।
गाय बहुत बीमार लग रही थी और माधौ को उसकी यह हालत देखकर बहुत दुख हुआ। माधौ ने उसकी ठीक तरह से देखभाल की और जल्दी ही वह ठीक हो गई। गाय ने फिरसे दूध देना शुरू कर दिया और माधौ उस दूध को बेचकर ढेर सारा धन कमाने लगा।
जल्दी ही उस गाय की चर्चा हर जगह होने लगी। जब धर्मपाल ने यह सुना तो वह माधौ के पास आया और उससे गाय वापस करने को कहा। माधौ ने गाय वापस करने से इन्कार कर दिया। वे दोनों अपना झगड़ा गाँव के मुखिया के पास ले गए। मुखिया ने दोनों किसानों को सामने खड़ा किया और बीच में गाय को छोड़ दिया।
गाय तुरंत जाकर माधौ के पास खड़ी हो गई। मुखिया ने निर्णय सुनाया कि गाय अब माधौ की है क्यूंकि उसी ने उसकी जरुरत के समय देखभाल कि और उसे प्यार-दुलार दिया।
इस कहानी से सीख, Moral of The Story:
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कठिन समय में अपने वरदान को ऐसे ही जाने न दे, आपके पास जो है उसको हमेशा महत्व दे।
आपको यह कहानी “पंचतंत्र की कहानी | किसान और गाय | Farmer and Cow Panchatantra Story in Hindi “ कैसी लगी निचे कमेंट जरूर करें और अच्छा लगे तो सबके साथ शेयर भी करें और इसी तरह के मजेदार कहानियां पढ़ने के लिए हमारे इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर कीजिए।
यह भी पढ़े:-
- स्वार्थी मित्र | Selfish Friend Panchatantra Story In Hindi
- मगरमच्छ और ब्राह्मण | Crocodile And Brahmin’s Panchatantra Story In Hindi
- सियार पंडित की पाठशाला | Jackal Pandit’s School Panchatantra Story In Hindi
- सारस और केकड़ा | Cranes And Crab Panchatantra Story In Hindi
- सियार और ढोल | Jackal And Drum Panchatantra Story In Hindi
- जादुई मुर्गी | Magic Chicken Panchatantra Story In Hindi