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पंचतंत्र की कहानी: ब्राह्मण और राक्षस

पंचतंत्र की कहानी: ब्राह्मण और राक्षस | Brahmin and Rakshas Panchatantra Story in Hindi

Posted on December 29, 2020

Contents

  • 1 Brahmin and Rakshas Panchatantra Story in Hindi
    • 1.1 ब्राह्मण और राक्षस पंचतंत्र की कहानी
    • 1.2 यह भी पढ़े:-
    • 1.3 और भी कहानियां पढ़े 

Brahmin and Rakshas Panchatantra Story in Hindi

इस कहानी का नाम है “पंचतंत्र की कहानी: ब्राह्मण और राक्षस” उम्मीद है आपको यह स्टोरी पसंद आएगी।

 

ब्राह्मण और राक्षस पंचतंत्र की कहानी

एक बार द्रोणा नाम का एक पंडित था, जिसने अपने जिंदगी के सारे सुख-साधन त्याग दिए थे। एक दिन उनका एक भक्त उनसे मिलने आया। भक्त ने देखा कि कैसे वह पंडित बहुत कमजोर भूखा था इसलिए पंडित को दो गाय के बच्चे दिए। पंडित ने भक्त को आशीर्वाद दिया। और उसे वहाँ से भेज दिया।

 

पंडित वे गाय के बच्चे अपने साथ ले गया। और फिर रोज उन्हें खाना देता, जैसे घी, मक्खन और भूसा जिससे वे स्वस्थ और बड़ी हो जाए। एक सुबह, एक चोर ने देखा कि कैसे वे गाय बड़ी और मोटी हो रही थी। उसने उन्हें रात में चुराने का सोचा।

 

उस रात वह पंडित के घर की ओर जा रहा था, तभी एक राक्षस वहाँ प्रकट हुआ और बोला, “मैं हूँ राक्षस सत्यवचन। तुम कौन हो?” चोर बोला, “मेरा नाम राकेश है। और मैं यहाँ दो मोटी गाय उस पंडित से चुराने आई हूँ।’ राक्षस बोला, ‘अच्छा, चलो हम दोस्त बन जाते हैं। मैं बहुत भूखा हूँ, तो मैं उस पंडित को खा लूँगा तभी तुम गाय को चुरा लेना।” चोर बोला, “हाँ ठीक है।”

 

चोर और सत्यवचन पंडित के घर पहुँचे। और उसके घर में झाँके। उन्होंने उसे सोते देखा। और सत्यवचन तो उसे खाने का इंतजार कर रहा था। जब उन्होंने पंडित को खर्राटे लेते हुए देखा, तो वे घर में घुस गए। राक्षस बोला, “चलो अब मैं इसे खाऊँगा, मैं बहुत भूखा हूँ। फिर चोर बोला, “नहीं नहीं, हमें थोड़ा इंतजार करना चाहिए। मैं पहले गाय चुराऊँगा, नहीं तो पंडित उठ जाएगा।” राक्षस बोला, “नहीं, अगर गाय ने आवाज किया तो मैं पंडित को खा नहीं पाऊँगा।”

 

इस तरह दोनों आपस में बहस करने लगे। और इतने में पंडित की नींद खुल गई।” पंडित बोला, “कौन हो तुम लोग?” चोर ने कहा, “पंडित जी, यह राक्षस आपको खाने आया है।” सत्यवचन बोला, “नहीं नहीं, यह चोर तुम्हारी गाय को चुराने आया है।” पंडित बहुत डर गया। और उसने भगवान से उसे बचाने के लिए प्रार्थना की। और फिर अचानक से राक्षस गायब हो गया।

 

पंडित ने फिर लाठी उठाई। और उस बुरे चोर को भगा दिया।

 

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