10 Best Panchatantra Stories in Hindi
आज मैं आपको सुनाने वाली हूँ पंचतंत्र की 10 मजेदार कहानियां जो की बहुत मजेदार है और यह कहानियां हमें हमारे जीवन में एक अच्छा सबक भी सिखाती है। पंचतंत्र की कहानियां खासकर बच्चों के लिए है ताकि वह इन कहानियों को सुनकर अपने मन में एक मूल्यवान सबक प्रदान कर सकें।
1. मुर्गी और बाज – Hen and Eagle Panchatantra Stories
एक बार एक बाज और एक मुर्गी आपस में बातें कर रहे थे। बाज ने मुर्गी से कहा, “तुम सबसे अधिक अहसानफरामोश पक्षी हो।” मुर्गी ने गुस्से से पूछा, “ऐसा क्यों कह रहे हो?” बाज नेजवाब दिया, “तुम्हारा मालिक तुम्हें खाना खिलाता है लेकिन जब वह तुम्हें पकड़ने के लिए आता है, तो तुम इस कोने से उस कोने तक उड़ने लगती हो। मैं तो जंगली पक्षी हूँ, फिर भी मैं दयालु लोगों का ख्याल रखता हूँ।”
मुर्गी धीरे से बोली, “अगर तुम किसी बाज को आग पर भूनते हुए देखो, तो तुम्हे कैसा लगेगा? मैंने यहाँ सेकड़ो मुर्गे-मुर्गियों को आग पर भुने जाते हुए देखा है। अगर तुम मेरी जगह होते, तो तुम भी अपने मालिक को कभी अपने पास नहीं आने देते। मैं तो सिर्फ इस कोने से उस कोने तक उड़ती ही हूँ, पर तुम तो पहाड़ियों पर उड़ते फिरते।
2. चूहा बन गया शेर – Rat Becone Lion Panchatantra Stories
एक दिन, एक साधु ने देखा कि एक बिल्ली चूहे को खदेड़ रही थी। साधु ने अपने अलौकिक शक्तियों से उस चूहे को बिल्ली बना दिया और उसकी जान बच गई। एक दिन उस बिल्ली के पीछे एक कुत्ता दौड़ पड़ा। अब साधु ने उसको कुत्ता बना दिया। एक बार, उस कुत्ते पर शेर ने हमला कर दिया। फिर साधु ने तुरंत उस कुत्ते को शेर बना दिया।
जो गाँव वाले इस नए शेर का रहस्य जानते थे, वे उसका मजाक उड़ाते थे। उनके लिए वह एक पिद्दी-सा चूहा ही था, जो शेर बना फिरता था! अब इस शेर ने सोचा कि जब तक यह साधु जीवित रहेगा, सब लोग उसका ऐसा ही मजाक उड़ाते रहेंगे।
साधु ने इस शेर को अपनी ओर आते देखा। साधु उसका इरादा समझ चूका था। साधु बोला, “जाओ, तुम फिरसे चूहा ही बन जाओ। तुम अहसानफरामोश हो और शेर बनने लायक नहीं हो।” और इस प्रकार वह शेर फिर से सिकुड़कर दुबारा चूहा बन गया।
3. कुरूप पेड़ – Ugly Tree Panchatantra Stories
बहुत समय पहले,एक जंगल में बहुत सारे सीधे तने हुए, सुंदर-सुंदर पेड़ थे। उसी जंगल में एक पेड़ अलग-थलग सा था। उसका तना झुका हुआ और तना टेढ़ा -मेढ़ा था। उसकी डालियाँ भी टेढ़ी-मेढ़ी थी।
अपनी इस हालात की बजह से वह पेड़ काफी उदास रहता था। जब भी वह दूसरे पेड़ों की ओर देखता, तो आह भरने लगता, “काश, मैं भी बाकि पेड़ों की तरह सुंदर होता। भगवान ने मेरे साथ बड़ा अन्याय किया है।”
एक दिन, एक लकड़हारा उस जंगल में आया। उसकी निगाह उस टेढ़े-मेढ़े पेड़ पर पड़ी। वह तिरस्कार भरे स्तर में बोला, “ये टेढ़ा-मेढ़ा पेड़ मेरे किस काम का!” और तब उसने बाकि सारे सीधे और सुंदर पेड़ों को काट डाला।
तब उस टेढ़े-मेढ़े पेड़ को समझ में आया कि भगवान ने उसे टेढ़ा-मेढ़ा और कुरूप बनाकर उसके साथ कितना अच्छा किया क्यूंकि उसके इसी आकार की बजह से ही उसकी जान बच पाई।
4. कृतघ्न शेर – Thankless Lion Panchatantra Stories
एक बार एक शेर पिंजरे में फँस गया। उसने निकलने की बहुत कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। तभी, उसे बगल के रास्ते से गुजरता हुआ एक आदमी दिखा। शेर ने उससे सहायता माँगी और वादा किया कि वह बाहर निकलने पर उसे नहीं खाएगा। शेर की बात पर विश्वास कर, उस आदमी ने पिंजरा खोल दिया। शेर बाहर आ गया लेकिन बाहर आते ही वह अपना वादा भूल गया। अब वह उस आदमी को खाना चाहता था!
वह आदमी घबरा गया और अपनी जान बचाने का तरीका सोचने लगा। उसने सुझाव रखा कि वे अपने मामले को सुलझाने के लिए किसी की सहायता लेते हैं। वहीं से निकल रहे एक सियार से उन दोनों ने फैसला करने का अनुरोध किया। सियार बहुत चतुर था। उसने कहा कि जो-जो हुआ, वह सब उसके सामने फिरसे करके दिखाओ।
शेर फिर से पिंजरे में घुस गया और सियार के कहे अनुसार, उस आदमी ने जल्दी से पिंजरा बंद कर दिया और उस पर ताला लगा दिया! इसके बाद वह आदमी और वह सियार, दोनों वहाँ से भाग निकले और कृतघ्न शेर फिर से पिंजरे में बंद हो गया।
5. नीले सियार की कहानी – Blue Jackal Panchatantra Stories
एक बार एक सियार धोबी के घर में घुस गया और कपड़ों को रंगने के लिए नीले रंग से भरे बड़े हौद में छिप गया। जब वह बाहर निकला तो वह पूरा नीला हो चूका था!
जब सियार जंगल में वापस आया तो सारे जानवर उसे देखकर डर गए। उन्हें समझ में ही नहीं आया की यह अजीब जानवर कौन-सा है। सियार बोला, “डरने की कोई बात नहीं है। मुझे ईश्वर ने विशेष तौर पर बनाया है। उसने मुझे तुम लोगों का राजा बनाकर भेजा है।”
जंगल के सभी जानवरों ने उसे अपना राजा मान लिया। एक दिन, जब नीला सियार अपना दरबार लगाए बैठा था, तभी उसे कुछ और सियारों के हुआ-हुआ चिल्लाने की आवाजें सुनाई दी। अपने साथियों की आवाजें सुनकर वह इतने जोश में आ गया कि वह भी जोर-जोर से हुआ-हुआ चिल्लाने लगा।
सारे जानवर समझ गए कि उनका ये राजा कोई और नहीं, बल्कि सियार ही है। वे सब बहुत नाराज हुए। उन सबने मिलकर सियार की अच्छी पिटाई की और उसे वहाँ से भगा दिया।
6. भेड़िया और सारस – Wolf and Cranes Panchatantra Stories
एक दिन, एक भेड़िए को जंगल में बैल का गोश्त पड़ा मिला। उसने ललचाकर जल्दी से गोश्त खाना शुरू कर दिया। हड्डी का एक टुकड़ा उसके गले में फँस गया। उसे साँस लेने तक में मुश्किल होने लगी।
भेड़िए को याद आया कि पास ही एक सारस रहता है। भेड़िया सारस के पास गया और उससे सहायता माँगने लगा। भेड़िए ने सारस को इनाम देने का भी वादा किया।
सारस को भी उस पर दया आ गई। वह भेड़िए की सहायता करने के लिए तैयार हो गया। भेड़िए ने अपना मुँह पूरा खोल दिया और सारस ने आसानी से उसके गले में फँसी हड्डी अपनी लंबी चोंच से बाहर निकाल दी। इसके बाद सारस ने भेड़िए को उसका वादा याद दिलाते हुए उससे अपना इनाम माँगा।
भेड़िया मुकर गया और बोला, “कैसा इनाम? जब तुमने अपनी चोंच मेरे मुँह में डाली थी, तब मैं चाहता तो तुम्हें तभी खा जाता! तुम्हें तो मेरा आभारी होना चाहिए कि मैंने तुम्हे ज़िंदा छोड़ दिया।”
सारस कोई जवाब देता, उससे पहले ही स्वार्थी भेड़िया वहाँ से भाग चूका था।
7. सच्चा मित्र – True Friend Panchatantra Stories
बहुत समय पहले, एक पेड़ पर तोते का एक जोड़ा रहता था। उसी पेड़ पर एक बिल में एक बूढ़ा साप रहता था। साप बहुत कमजोर हो चूका था। वह अपने लिए शिकार की तलाश करने तक नहीं जा पाता था। तोते उसके बिल के पास कुछ खाना रख देते थे। साँप उन तोतों का बहुत आभार जताया करता था।
एक दिन, एक गिद्ध उन तोतों का शिकार करने के लिए उस पेड़ पर मँडराने लगा। तभी एक बहेलिया वहाँ आया। उसने तीर से एक तोते पर निशाना लगाया।
जब साँप को यह पता चला कि उसका मित्र संकट में है, तो उसने बहेलिया के पैर में काट लिया। साँप के काटने से बहेलिया का हाथ हिल गया और उसका निशाना चूक गया। बहेलिया का तीर सीधा मँडरा रहे गिद्ध को जा लगा।
साँप ने अपने मित्र की जान बचाकर यह साबित कर दिया कि वह सच्चा मित्र है।
8. गधे ने गाया गाना – Donkey Sang Panchatantra Stories
एक बार की बात है, एक बूढ़ा और कमजोर गधा था। एक बार रात में, गधे को एक सियार मिला। दोनों मित्र बन गए और साथ-साथ खाने की तलाश में जाने लगे।
अगली रात को वे दोनों ककड़ी के एक खेत में गए। वहाँ दोनों ने भरपेट ककड़ियाँ खाई। अब वे दोनों रोज रात को उस खेत में जाने लगे। एक रात, गधे ने सियार से कहा, “मेरा गाना गाने का मन कर रहा है।” सियार ने कहा ,”अरे भैया, ऐसा मत करो। इस खेत का मालिक तुम्हारी तेज आवाज जरूर सुन लेगा और लाठी लेकर यहाँ आ धमकेगा। यह तो जानते ही हो न, कि हम यहाँ चोरी से आए हैं।”
उधर, गधा अपनी मित्र की बात सुनने को तैयार नहीं था। सियार ने खतरा समझकर वहाँ से भागने में ही भलाई समझी। गधे की कर्कश आवाज सुनकर किसान वहाँ आ पहुँचा और अपने खेत में गधे को घुसा देखकर उसकी अच्छी पिटाई की!
9. बुरी संगत – Bad Company Panchatantra Stories
एक बार की बात है, एक किसान कौओं से बहुत परेशान था। दुष्ट कौए आते और रोज उसकी फसल खा जाते। उन कौओं को भगाने के लिए किसान ने खेत में कुछ बिजूका भी लगाए लेकिन कौए इतना चालाक थे कि वे बिजूकों को भी नोंच-फाड़ देते थे।
एक दिन, किसान ने अपने खेत में जाल फैला दिया। जाल के ऊपर उसने अनाज फैला दिया। कौए जाल में फँस गए। जाल में फँसे कौओं ने किसान से दया की भीख माँगी लेकिन किसान बोला, “मैं तुम लोगों को ज़िंदा नहीं छोड़ूँगा।” अचानक किसान को एक दर्दभरी आवाज सुनाई दी। उसने ध्यान से जाल में देखा। उसे दिखाई दिया की कौए के साथ जाल में एक कबूतर भी फँसा है।
किसान कबूतर से बोला, “तुम इन दुष्ट कौओं के साथ क्या कर रहे थे? अब तुम भी अपनी इसी बुरी संगत की बजह से अपनी जान गवाँ बैठोगे।” और फिर किसान ने उन कौओं और कबूतर को अपने शिकारी कुत्तों को खिला दिया। किसी ने सच ही कहा है, बुरी संगत हमेशा हानिकारक होती है।
10. कुत्ता चला विदेश – Dog Runs Abroad Panchatantra Stories
एक नगर में चित्रांगन नामक एक होशियार कुत्ता रहता था। एक साल उस नगर में भयानक अकाल पड़ा। चित्रांगन को खाने केलाले पड़ गए। परेशान होकर वह कहीं दूर के नगर में चला गया। नई जगह पर खाने की कोई कमी नहीं थी। वह एक घर के पिछवाड़े में रहता और वहाँ मनपसंद खाना खाता।
एक दिन, कुछ वहीं के कुत्तों ने उसे देख लिया। उसे देखते ही वे समझ गए कि यह कुत्ता तो बाहर से आया है। उन कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। सारे कुत्ते उस पर भौंकते हुए टूट पड़े और उसे जगह-जगह से बुरी तरह घायल कर दिया।
आखिरकार, किसी तरह से वह उन कुत्तों के चंगुल से छूट पाया। अब वह सोचने लगा, यह जगह छोड़ देने में ही भलाई है। मेरे नगर में भले ही अकाल पड़ा हो, लेकिन कम से कम वहाँ मेरे साथी तो हैं।”
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