आज जो कहानी मैं इस लेख में बताने जा रही हूँ उसका नाम है ” गधे के पास दिमाग नहीं होता | Donkeys Don’t Have Brains Story in Hindi”
गधे के पास दिमाग नहीं होता
जंगल का राजा शेर बूढ़ा हो चूका था। कमज़ोर हो जाने के कारण वह शिकार तक नहीं कर पाता था। उसने लोमड़ी को बुलवाया और कहा, “मैं तुम्हे अपना मंत्री बनाता हूँ। तुम जंगल के मामलों मुझे सलाह दिया करो और प्रतिदिन मेरे लिए एक जानवर भी खाने के लिए लाया करो।”
लोमड़ी बाहर चली गई। रास्ते में उसे एक गधा मिला। वह गधे से बोली, “तुम बहुत भाग्यशाली हो। अपने राजा ने तुम्हे मंत्री बनाने का निश्चय किया है।” गधा बोला, “मुझे तो शेर से डर लगता है। वह मुझे मार डालेगा और खा जाएगा। और वैसे भी मैं मंत्री बनने योग्य नहीं हूँ!”
चालक लोमड़ी हँसने लगी और बोली, “अरे, तुम्हे अपने गुणों का पता नहीं है! तुम्हारे अंदर बहुत सारे अच्छे-अच्छे गुण हैं। हमारा राजा तुमसे मिलने के लिए बेचैन है। उसने तुम्हे इसलिए चुना है क्यूंकि तुम बुद्धिमान, विनम्र और परिश्रमी हो। अब मेरे साथ चलो और राजा से मिल लो। वह तुमसे मिलकर बहुत प्रसन्न होगा।”
गधा लोमड़ी की बातों में आ गया और लोमड़ी के साथ चलने के लिए तैयार हो गया।
जैसे ही वह लोग गुफा में घुसे, शेर गधे पर झपट पड़ा और उसे तुरंत मार डाला।
शेर ने चालाक लोमड़ी को धन्यवाद किया और प्रसन्नतापूर्वक खाना खाने को तैयार हो गया। जैसे ही शेर भोजन करने को हुआ, वैसे ही लोमड़ी बोल पड़ी, “महाराज, मैं जानती हूँ की आप बहुत भूखे हैं और आपके भोजन का समय भी हो चूका है, लेकिन राजा को तो नहा-धोकर भोजन करना चाहिए।” शेर को यह बात पसंद आई। वह बोला, “तुम सही कहती हो। मैं अभी जाकर नहाके आता हूँ। तुम मेरे भोजन पर निगाह रखना।”
लोमड़ी चुपचाप बैठी शेर के भोजन को देखने लगी। उसे भी बहुत भूख लगी थी। उसने अपने आपसे कहा, “सारी मेहनत तो मैंने की है। माँस के सबसे अच्छे हिस्से पर तो मेरा हक़ बनता है।” ऐसा सोचकर, उसने गधे का सिर खोल डाला और उसका दिमाग खा गई। जब शेर लौटा तो उसकी निगाह गधे पर पड़ी। उसे लगा की गधे का कुछ हिस्सा कम है। उसने ध्यान से देखा तो उसे समझ में आया कि गधे का सिर खुला हुआ है। उसने लोमड़ी से पूछा, “यहाँ कौन आया था? इस गधे के सिर को क्या हो गया?”
लोमड़ी एकदम से भोली बन गई। उसने बातें बनाते हुए शेर से कहा, “महाराज, जब आपने गधे को मारा था, तो उसके सिर पर आपने जोर से पंजा मारा था। इसी से उसका सिर खुल गया था।” शेर उसके जवाब से संतुष्ट हो गया और भोजन करने बैठ गया। अचानक, वह फिरसे चिल्ला पड़ा, अरे, इस गधे का दिमाग कहाँ गया? मैं तो सबसे पहले इसका दिमाग ही खाना चाहता हूँ!” लोमड़ी मुस्कुराते हुए बोली, “महाराज, गधों के पास दिमाग होता ही नहीं है। अगर इसके पास दिमाग होता तो वह आपका शिकार बनने के लिए आता ही नहीं!”
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