Who is Great Story in Hindi
महान कौन
एक गांव में किसी किसान का नदी के तट पर खेत था। उस खेत में एक आम का और दूसरा नीम का झाड़ उगे। इन दोनों पेड़ो को उगता हुआ देखा किसान ने आम के पेड़ को पानी डालकर और अच्छा देखभाल करकर उसका पोषण करने लगा लेकिन वह नीम के पेड़ की तरफ ध्यान नहीं देता था। आम के पेड़ को लगा की वह बहुत महान है इसीलिए किसान उसकी देखभाल कर रहा है इससे उसका थोड़ा घमंड भी बड़ा।
समय के साथ साथ आम का पेड़ और नीम का पेड़ बड़े बृक्ष बन गए। दोनों बृक्ष हरा भरा बन गए। आम के पेड़ को मीठे फल आने लगे और नीम को कड़वे फल आने लगे। आम के फल मीठे होने की बजह से लोग उसकी तारीफ करने लगे जिससे आम का घमंड और भी बढ़ गया और नीम से बात करना ही छोड़ दिया।
यह सब देखकर नीम कहता है, “क्यों आम तुम मुझसे पहले जैसे बात करना ही छोड़ दिया।”
तब आम जवाब देता है, “तुम्हारे और मेरे में समानता है क्या और तुम जैसो से क्या करूँ, मीठे फल देने वाला मैं कहा और बिना किसी काम का कड़वा फल देने वाला तू कहाँ, तुम जैसो से मेरी क्या दोस्ती।”
तब नीम कहता है, “तुम्हारा फल मीठे होने का गर्भ मत रखो। बाजार में मेरे बीज के बहुत मांग है और तुम जैसे घमंडी से दोस्ती करना मुझे जरुरत भी नहीं है।”
इस तरह रोज इन दोनों की बातें सुनकर इन दोनों के बीच रहा पपीता का पेड़ कहने लगा, “अरे, अव बस भी करो तुम्हारे लड़ाई झगड़े। मैं अव और सुनना नहीं चाहता।”
इसके तुरंत बाद आम कहता है, “अरे इसमें छिड़ने की कौनसी बात है। हम यह तेइ नहीं कर पा रहे है की हम में से महान कौन है?”
इसे सुनकर नीम ने पपीता से कहा, “अव तो आप ही कहिए की हम दोनों में से महान कौन है? इससे इस झगडे का हल भी मिल जाएगा।”
नीम की बातें सुनकर पपीता कहने लगा, “अरे मूर्खो इसमें कोई बड़ा और छोटा होने की बात ही कहाँ। हम पेड़ो में कुछ विशेषता होती है। हम सब में कुछ न कुछ विशेष गुण होता ही है इसलिए तुम लोग झगड़ा करना बंध करदो।” ऐसा कहकर उन्हें मनाने लगा।
फिर भी आम अपनी बात पर अड़ा रहा और कहने लगा, “लेकिन हम दोनों में महान कौन?”
इसपर पपीता कहता है, “अच्छा ठीक है, अव तुम बार बार पूछ रहे हो इसलिए कहता हूँ लेकिन मेरे बोलने से तुम्हे दुखी नहीं होना चाहिए।’
आम और नीम पपीता की बात मान गए।
पपीता कहने लगा, “मेरे नजर में तो नीम ही महान बृक्ष है।”
आम ने कहा, “तुम ऐसा कैसे कह सकते हो?’
पपीता बोला, “मीठे और रसीले फल को खाने में सब पसंद करते है। खाने वाले लोगो ,को तुम स्वाद और तृप्तता दे सकते हो लेकिन नीम के फल खाने में कड़वे लगते है परंतु औषधि से युक्त उसका बीज लोगो के कई सारे बीमारिया दूर करने में मदद करता है। ऐसे अच्छे गुणों से युक्त नीम को ही मैं महान बृक्ष मानता हूँ।” ऐसा कहकर पपीता ने अपनी राय बताई।
इसके तुरंत बाद आम ने कहा, “अरे मुझे सब पता है तुम मुझसे नफरत करते हो इसलिए तुम नीम को महान बना रहे हो इसलिए मैं तुम्हारी बातो को नहीं मानूंगा।”
समय बीतता गया। कुछ साल बाद आम के पेड़ को कीट लग गए। आम को लगे कीट को किसान ने देखा। किसान ने तुरंत निचे पड़े हुए नीम के बीज को पीसकर आम के जड़ो में लगा दिया जिससे आम को लगे कीट दूर होकर कुछ दिन बाद फिर वह बृक्ष हरा भरा हो गया। तब आम के आंख खुल गए।
पपीते के कहने के अनुसार मिठास देने में महानता नहीं बल्कि स्वस्थ दिलाने में महानता है इस बात को समझकर आम फिर पहले जैसा नीम के साथ अपनी दोस्ती निभाई।
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