Two Lazy Brothers Hindi Story
दो आलसी भाई
एक राज्य में रमेश और सुरेश नाम के दो भाई रहते थे। वह दोनों बचपन से ही कामचोर थे। उनकी कामचोरी का कारन उनका आलस था। जब भी उन्हें कोई काम करने को बोला जाता, तब दोनों आलस के मारे सो जाते। रमेश और सुरेश की माँ उन दोनों से तंग आ चुके थे। उनकी माँ को यह समझ नहीं आ रहा था की वह ऐसा क्या करे जिससे उनके दोनों बेटे आलस को त्यागकर मेहनत करना शुरू करदे।
एक दिन, रमेश और सुरेश आम के पेड़ के निचे आराम कर रहे थे। कुछ समय के बाद उन दोनों के बीच पेड़ से एक आम गिरा। क्युकी उन दोनों को ही बहुत सुस्ती आ रही थी इसलिए दोनों में से किसी ने भी आम उठाने की प्रयास नहीं की। वह दोनों बस लेटे लेटे ही आम को देखते रहे।
थोड़ी देर बाद, वहां से उनके राज्य का मंत्री गुजर रहा था। मंत्री को जाते देखकर रमेश ने मंत्री को बोला, “अरे मंत्री जी जरा सुनिए। हमे आपकी थोड़ी सी मदद चाहिए।”
मंत्री बोला, “कैसी मदद?” रमेश बोला, “मंत्री जी अगर हो सके तो क्या आप मेरे हाथ में यह आम थमा सकता है?”
रमेश की बात मंत्री को अटपटी लगती है। मंत्री रमेश से पूछता है, “अरे भाई, भला यह कैसा काम हुआ? आम तुम्हारे सामने ही तो पड़ा है, तुम खुद ही ले लो।”
रमेश बोला, “नहीं हो पायेगा मंत्री जी। बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।”
मंत्री ने कहा, “यह कैसी मेहनत हुई भला। तुमसे दो कदम भी नहीं चला जाता क्या?”
सुरेश ने कहा, “हाँ मंत्री जी। यही तो परेशानी है। चलना फिरना किसको पसंद है। आप केबल हमे यह आम पकड़ा दीजिए।”
रमेश और सुरेश की इस स्वभाव को देखकर मंत्री को बहुत गुस्सा आ गया। वह रमेश और सुरेश को बिना अम्म दिए ही चला जाता है। रमेश और सुरेश आलस दिखाकर वही के वही पड़े रहे। मंत्री रमेश और सुरेश के घर गया और उनकी माँ से मिला।
उसकी माँ ने कहा, “मैं बहुत परेशान हूँ मंत्री जी। मुझे समझ नहीं आता की मैं कैसे इन दोनों को सुधारूं। अगर यह दोनों मेहनत करने से यही कतराते रहे तो पता नहीं इनका जीबन में क्या होगा?”
मंत्री बोला, “आप चिंता न करे। अगर मुझे इन दोनों के बारेमे पहले पता होता तो मैं कब का कुछ उपाय सोचता लेता। आप कल अपने दोनों बेटो को महल में भेज दीजिएगा। ”
रमेश और सुरेश की माँ उन दोनों को महल जाने के लिए बोलती है। अगले सुबह ही वह दोनों महल में जाकर राजा के सामने पेश होते है।
राजा रमेश और सुरेश से कहता है, “तुम दोनों के लिए मेरे पास एक खास काम है।”
दोनों भाई कहते है, “क्या महाराज ?”
राजा कहता है, “तुम दोनों कल से राजमहल के एक क्षेत्र की रखवाली करोगे। क्युकी तुम दोनों को ज्यादा मेहनत वाले काम पसंद नहीं है इसलिए यह काम तुम दोनों के लिए अच्छा है।”
दोनों भाई कहते है, “ठीक है महाराज, जैसी आपकी आज्ञा।”
मंत्री कहता है, “परन्तु धियान रखना की जहाँ तुम रखवाली करने जा रहे हो वहां बहुत से कीमती सामान है। ”
यह सुनकर दोनों भाई कहते है, “ठीक है मंत्री जी।”
दूसरे दिन, रमेश और सुरेश पहरेदार बनकर रखवाली करते करते सो जाते है। पर अपने स्वभाब के अनुरूप दोनों बैठे बैठे सो जाते है। उनकी लापरवाही के चलते महल में चोरी हो जाती है।
अगली सुबह जब दोनों उठते है तो मंत्री को अपने सामने खड़ा होते हुए देखता है। मंत्री गुस्से से बोलता है, “आलसियों एक छोटा सा काम दिया था तुम्हे, वह भी ढंग से नहीं कर पाए। अब तुम दोनों मेरे साथ चलो। तुम्हे तुम्हारे गलती के लिए सजा दी जाएगी। राजमहल का बहुत नुकशान हुआ है। तुम दोनों को मृत्युदंड मिलेगा।”
यह सुनकर रमेश और सुरेश दोनों बुरी तरह से डर जाते है। जैसी ही उन दोनों को राजा के सामने पेश किया गया, वह दोनों राजा के सामने गिड़गिड़ाने लगे और कहने लगे, “हमें शमा कर दीजिए महाराज, हमसे बहुत बड़ी भूल हो गई है। अगर हम आलस नहीं दिखाते और पूरी ईमानदारी से अपना काम करते तो चोरी नहीं होती। हम दोनों बादा करते है की आज के बाद कभी भी आलस नहीं करेंगे।”
राजा दोनों की बातें सुनकर उन्हें शमा कर देते है।
शिक्षा – दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की “हमें कभी भी आलस नहीं करना चाहिए।”
तो दोस्तों आपको यह कहानी “दो आलसी भाई | Two Lazy Brothers Hindi Story | Moral Stories in Hindi” कैसी लगी निचे एक कमेंट जरूर करें और अगर आप इसी तरह और भी कहानियां पढ़ना चाहते है तो फिर हमारे इस ब्लॉग को भी सब्सक्राइब करें।
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