The Diamond Ring Hindi Story
हीरे की अंगूठी
एक बूढ़े ब्यक्ति ने अपने पैसे और सोना अपने बेटों को दे दिया। उसने अपनी हिरे की अंगूठी दिखाई और अपने बेटों से कहा, ” मैं यह अंगूठी अभी नहीं दूंगा तुम्हे। बाहर जाओ और कुछ नैक काम करो। तब मेरे पास आना। मुझे अपने कर्म बताओं। फिर मैं आप में से किसी एक को यह हिरे की अंगूठी दूंगा। यह अंगूठी एक पुरष्कार होगा।”
बेटे बाहर चले गए। उन्होंने नेक काम किये। कुछ समय बाद, वे अपने पिता के पास लौट आए।
एक बेटे ने कहा, “पिताजी मुझे अंगूठी दे दो। मैंने एक महान और नेक काम किया हैं। एक आदमी ने अपना सारा पैसा मेरे पास छोड़कर गया। उन्होंने कई देशो की यात्रा की और फिर मेरे पास आए। वे अपना पैसा वापस चाहते थे। मैंने उसका पैसा उसे लौटा दिया।”
एक और बेटे ने कहा, “एक बच्छा नदी में गिर गया था। नदी का पानी बच्चे को बहाकर ले जा रहा था। मैं नदी में कूद गया। मैंने बच्चे को बचा लिया।
तीसरे बेटे ने कहा, “पिताजी कृपया मेरी बात सुने। मेरा शत्रु एक बिशाल चट्टान के किनारे पर सो रहा था। मैं उसके पास गया और उसे जगाया।”
पिता ने कहा, “सभी लोग अपने दोस्तों से बोहोत प्यार करते हैं। लेकिन आप अपने शत्रु से प्यार करते हैं। इस पुरष्कार के हक़दार तुम हो। यह अंगूठी ले लो।
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