Motivational Story For Success in Hindi
सबसे बड़ा धन
काफी समय पहले एक राजा जंगल में शिकार करने गया था। बरसात का मौसम होने के कारन यह अंदाज़ लगाना बहुत मुश्किल हो गया था की कब अचानक बारिश होने। और हुआ भी यही। अचानक आकाश में बादल छा गए और बारिश होने लगा। सूरज डूब गया और धीरे धीरे अँधेरा छाने लगा। अँधेरे में राजा अपने महल का रास्ता भूल गया और अपने सिपाहियों से अलग हो गया। भूक, प्यास और थकावट से राजा काफी परेशान हो रहा था।
कुछ ही देर बाद राजा को सामने तीन बच्चे खेलते हुए नजर आए। तीनों बच्चे काफी अच्छे दोस्त लग रहे थे। उन्हें देखकर राजा ने उन्हें अपने पास बुलाया। राजा ने कहा, “सुनो बच्चो, जरा यहाँ आयो।”
यह सुनकर बच्चे उनके पास आए। राजा ने बच्चो से पूछा, “क्या तुम कही से थोड़ा भोजन और जल ला सकते हो? मैं बहुत भूका हूँ और प्यास भी लग रही है।”
बच्चो ने कहा, “जी जरूर, हम अभी घर जाकर आपके लिए कुछ ले आते है।”
तीनो बच्चे गांव की ओर भागे। और तुरंत कुछ भोजन और जल लेकर आ गए। राजा बच्चो के उत्साह और प्रेम को देखकर बहुत प्रसन्न हुए। तो राजा ने बच्चो से पूछा, “प्यारे बच्चो तुम लोग जीबन में क्या करना चाहते हो। मैं तुम सब की मदद करना चाहता हूँ।”
यह बात सुनकर बच्चे काफी देर तक सोचते रहे। फिर उनमे से एक बच्चे ने कहा, “मुझे धन चाहिए। मैंने कभी दो वक़्त की रोटी नहीं खाई। कभी अच्छे कपड़े नहीं पहने। इसलिए मुझे केबल धन चाहिए। ताकि मैं अच्छा खाना और अच्छे कपड़े पहन सकूँ।”
इसपर राजा मुस्कुराते हुए बोले, “ठीक है, मैं तुम्हे इतना धन दूंगा की जीबनभर सुखी रहोगे।”
यह सब सुनकर बच्चे के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
दूसरे बच्चे की बारी थी। तो राजा ने उससे भी पूछा, “तुम्हे क्या चाहिए?”
बच्चे ने कहा, “क्या आप मुझे एक बहुत बड़ा बंगला और घोड़ा गाड़ी देंगे।”
इसपर राजा ने कहा, “जरूर, मैं तुम्हे एक आलीशान बांग्ला और घोड़ा गाड़ी दूंगा।”
अब तीसरे बच्चे की बारी थी। तो उसने कहा , ” मुझे न धन चाहिए और न घोडा गाड़ी चाहिए। मुझे आप ऐसा आशिर्बाद दीजे जिससे मैं पढ़लिखकर बिद्बान बन सकूँ। और शिक्षा समाम्प्त होने पर मैं अपनी देश का सेवा कर सकूँ।”
तीसरे बच्चे की इच्छा सुनकर राजा उससे काफी प्रभाबित हुए। राजा ने उस बच्चे के लिए उत्तम शिक्षा का प्रबंध किया। वह बच्चा बोहुति मेहनती था। इसलिए दि-रात एक करके वह पढ़ाई करता था। और एक दिन, बहुत बड़ा विद्वान बन गया। और समय आने पर राजा ने उसे अपने राज्य में मंत्री पद पर नियुक्त कर दिया।
एक दिन, राजा को अचानक बर्षो पहले घटी उस घटना की याद आ गई। उन्होंने मंत्री से कहा, कई सालों पहले तुम्हारे साथ जो दो बच्चे थे अब उनका क्या हालचाल है? मैं चाहता हूँ की मैं एक बार फिर तुम तीनों से मिलु। इसलिए तुम कल तुम्हारे दोनों मित्रों को भोजन पर आमंत्रित कर लो। ”
मंत्री ने अपने दोनों मित्रों को सन्देश भिजवा दिया। और अगले दिन, सभी एक साथ राजा के सामने उपस्तिथ हुए।
राजा ने कहा, “आज तुम तीनों को फिरसे एक साथ देखकर मैं बहुत खुश हूँ।”
राजा ने मंत्री के कंधे पर हाथ रखकर कहा, “इनके बारेमे तो मैं जानता हूँ पर तुम दोनों अपने बारेमे बताओं।”
जिस बच्चे ने धन माँगा था वह बहुत दुखी होते हुए बोला, “राजा साहब, मैंने उस दिन आपसे धन मांगकर बड़ी गलती कि। इतना सारा धन पाकर मैं आलसी बन गया। और बहुत सारा धन बेकार चीजों में खर्च कर दिया। मेरा बहुत सा धन चोरी भी हो गया। और कुछ बर्ष पहले मैं वापस उसी स्तिथि में पहुंच गया जहाँ पर आपने मुझे देखा था। ”
अब बंगला गाड़ी मांगने वाला बच्चा भी रोते हुए बोला, “महाराज, मैं बड़े ठाट से अपने बंगले में रह रहा था। पर बर्षो पहले आई बाढ़ में मेरा सब कुछ बर्बाद हो गया। और मैं भी अपने पहले जैसे स्तिथि में ही पहुंच गया। ”
सबकी बातें सुनने के बाद राजा बोले, “इस बात को अच्छी तरह गांठ बांधलो, धन संपत्ति सदा हमारे पास नहीं रहते। पर ज्ञान जीबनभर मनुष्य के काम आता है। और उसे कोई चुरा भी नहीं सकता। शिक्षा ही मनुष्य को बिद्बान और बड़ा आदमी बनाता है। इसलिए सबसे बड़ा धन ज्ञान और विद्या है। पहले इसे हासिल करो उसके बाद धन अपने आप आ जायेगा।”
तो दोस्तों आपको यह प्रेरक कहानी Motivational Story in Hindi “सबसे बड़ा धन | Powerful Motivational Story For Success in Hindi” पढ़कर कैसी लगी, कमेंट के जरिये जरूर बताइयेगा दोस्तों। अगर आपको और भी और भी प्रेरक कहानियां (Motivational Story in Hindi) पड़नी है तो इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें।
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