Skip to content

Kahani Ki Dunia

Iss Duniya Mein Jane Kuch Naya

Menu
  • Home
  • Hindi Stories
  • Full Form
  • Business Ideas
  • Contact us
  • Web Stories
Menu
Biography of Albert Einstein in Hindi

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi

Posted on October 12, 2020

 

Albert Einstein Biography in Hindi: जिस ब्यक्ति ने कभी गलती नहीं की उस ब्यक्ति ने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की ऐसा कहना है बिश्व के सबसे बुद्धिमान भ्यक्ति अल्बर्ट आइंस्टीन का जिन्होंने हमारे युग को इतना बिक्षित और डिजिटल बनाने में बोहोती महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अल्बर्ट आइंस्टीन मानब इतिहास के सबसे बुद्धिमान ब्यक्ति थे जो की बिशबी सदी के प्रारंभिक 20 बर्षो तक बिश्व के बिज्ञान जगत पर छाए रहे।

 

Contents

  • 1 अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi
    • 1.1 अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और जीबन कहानी – Birth and Life Story of Albert Einstein 
    • 1.2 अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु – Albert Einstein’s death
  • 2 यह भी पढ़े:-

अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी | Albert Einstein Biography in Hindi

 

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और जीबन कहानी – Birth and Life Story of Albert Einstein 

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को  Germany के Ulm शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन था जो की एक इंजीनियर और सेल्समेन थे। जब आइंस्टीन पैदा हुए थे उस समय उनका सिर उनके सरीर के हिसाब से बोहोत बड़ा था। शुरू से ही वे अन्य छोटे बच्चो से अलग था वे छोटे बच्चो की तरह बिलकुल सरारत नहीं किया करते थे और बोहोत शांत तरीके से रहते थे।  बच्चे जब पैदा होते है तो बोलने में 1 या 2 साल लगा देते है लेकिन उन्होंने लेकिन उन्होंने बोलने में 4 साल लगा दिया था और करीब 9 साल तक अच्छे से नहीं बोल पाते थे जिसकी बजह से उनके माता पिता उनके भबिष्य को लेकर चिंतित रहते थे।

 

आइंस्टीन को अपने उम्र के बच्चो के साथ खेलना बिलकुल पसंद नहीं था वे हमेशा अपने ही दुनिया में खोये रहते थे और उन्हें हमेशा Sunday का ही इंतजार रहता था क्युकी उनके पिता हर Sunday को उन्हें एक शांत जगह पर घूमने ले जाते थे और वहां जाकर पेड़ पोधो को देखते रहते थे और इस ब्रह्मांड के बारेमे सोचते रहते थे। उनके मन में हमेशा यह बात चलती रहती थी की यह दुनिया चलती कैसे है।

 

  • 12th में फ़ैल होने वाले Emiway Bantai की जीवनी | Emiway Bantai Life Story In Hindi

 

अपनी कमियों और अच्छे से न बोल पाने की बजह से उन्होंने स्कूल जाना बोहोत लेट कर दिया था और उन्हें स्कूल एक जेल की तरह लगता था। उन्हें लगता था की स्कूल एक ऐसी जगह है जहां कोई भी आज़ाद नहीं है, इस सोच के पीछे एक कारन भी था वे अपने टीचर्स के बताई गयी बातों को आसानी से मानते नहीं थे क्युकी उन्हें लगता था की टीचर्स उन्हें जो पढ़ाते है वे अधूरा होता है और इसलिए वे अपने टीचर्स से बोहोत अजीब अजीब सवाल पूछते थे जिससे टीचर्स उनके ऊपर बोहोत चिड़े हुए रहते थे और सभी टीचर्स उन्हें मंदबुद्धि कहने लगते थे।

 

बारबार मंदबुद्धि कहने के कारन आइंस्टीन को लगा  बुद्धि अभी भी बिक्शित नहीं हुयी है। एकबार बात बात में उन्होंने अपने टीचर्स से कहा की सिर में अपने  का बिकाश कैसे कर सकता हु तब टीचर ने कहा अभ्यास ही सफलता का ,मूल मंत्र है।टीचर के उन बातों को आइंस्टीन ने अपने दिमाग में बैठा लिया और यह निश्चित किया की अभ्यास के बल पर वे एकदिन सबसे आगे बढ़कर दिखाएंगे। उसके बाद से उनकी जिंदगी ही बदल गयी और अपने कठिन परिश्रम और अभ्यास की मदद से उन्होंने गणित और बिज्ञान में महारत हासिल कर लिया जिसके बाद उन्होंने बोहोत सारे अद्भुद खोज किये। उन्होंने दिखा दिया की एक मंदबुद्धि ब्यक्ति भी मेहनत, हिम्मत और लगन के बलपर इस संगसर में कुछ भी कर सकता है।

 

  • Bollywood की Queen कंगना रनौत की जीवनी | Biography In Hindi

 

अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही पूरी रिसर्च को सोचकर पूरा प्लान तैयार कर देते थे जो। अल्बर्ट आइंस्टीन को इजराइल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताब भी दिया गया था लेकिन इन्होने मना कर दिया। अमेरिकी सरकार आइंस्टीन के टैलेंट से इतना डर गए थे की उनके पीछे जासूस रखते थे ताकि उनके रिसर्च का कोई गलत पभाब न हो सके जो की देश के लिए हामिकारक हो, यहाँ तक की एक पैथोलॉजिस्ट ने आइंस्टीन के 100 परिछन के दौरान उनका दिमाग चुरा लिया था ताकि वे उनके बुद्धिजीबी होने का पता लगा सके।

 

आइंस्टीन ने मानबता की भलाई और मनुष्य का जीबन अधिक सफल बनाने के लिए अपना पूरा जीबन समर्पित का दिया।

 

  • Sushant Singh Rajput Suicide | Life Story In Hindi

 

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु – Albert Einstein’s death

18 अप्रैल 1955 को 76 बर्ष के उम्र में अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु हो गयी।

 

यह भी पढ़े:-

  • एक मजदूर ने खड़ी कर दी 1600 करोड़ की कंपनी
  • Rashmika Mandanna की सफलता कहानी 
  • Tom And Jerry Success Story In Hindi
  • एक कौवे की कहानी 
  • जिंदगी की कीमत
  • एक बाज की प्रेरक कहानी

 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Post

  • NIOS Full Form: NIOS Board क्या है पूरी जानकरी हिंदी में
  • Top 5 High Salary Banking Courses in Hindi | Best Banking Jobs After 12th
  • KVPY Exam क्या है | What is KVPY Exam in Hindi
  • What is No Cost EMI in Hindi | No Cost EMI क्या होता है
  • NASA Scientist कैसे बने | How to Become a NASA Scientist
©2023 Kahani Ki Dunia | Design: Newspaperly WordPress Theme