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मेहनत का फल | Mahanat ka Fal | Short Moral Story in Hindi

मेहनत का फल | Mahanat ka Fal | Short Moral Story in Hindi

Posted on October 5, 2020

Mahanat ka Fal Moral Story in Hindi

 

मेहनत का फल

 

दो जिगरी दोस्त थे, सूरज और मनोज। दोनों दोस्त बेरोजगार थे। उन्होंने अपने परिचित गुरूजी से अपनी परेशानी बताई। और कहा, “गुरूजी हमे कुछ पैसे उधार दीजिए, ताकि हम दोनों कुछ काम-धंदा शुरू कर सके। ”

 

गुरूजी ने दोनों दोस्तों को एक एक हज़ार रूपए दिए। और साथ ही यह कहा, “तुम दोनों को यह पैसे एक साल के अंदर लौटने होंगे।”

 

दोनों दोस्त ने गुरूजी की बात मानली। फिर दोनों दोस्त पैसे लेकर वहां से चल पड़े।

 

लते चलते रास्ते में सूरज ने कहा, “हमें इन पैसो से कोई अच्छा काम शुरू करना चाहिए।”  पर मनोज ने कहा, “नहीं। अब हम कुछ दिनों के लिए अच्छी अच्छी जगहों पर घूमने जायेंगे। बहुत मौज और मस्ती करेंगे।

 

पूरा एक साल बीत जाने के बाद, दोनों दोस्त गुरूजी के पास पहुंचे। गुरूजी ने पहले मनोज से पूछा, “मनोज बेटा, तुमने पैसो का क्या किया? क्या लौटाने के लिए रकम लाये हो?”

 

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मनोज ने मुँह लटकाकर जवाब दिया, “गुरूजी, किसी ने धोखा देकर वह पैसे मुझसे चुरा लिए।”

 

गुरूजी ने फिर सूरज से पूछा, तुमने पैसो का क्या किया सूरज? तुम भी खाली हाथ आए हो क्या? ”

 

सूरज ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “नहीं गुरूजी। यह लीजे आपके एक हज़ार रूपए और मेरी सहायता करने के लिए एक हज़ार रूपए और अधिक है।”

 

गुरूजी ने सूरज से पूछा, “तुम इतने पैसे कैसे कमा ले आए? क्या तुमने किसी को धोखा दिया है?”

 

सूरज ने कहा, “जी नहीं गुरूजी। मैंने तो अपनी सूझ-बुझ और मेहनत से यह पैसे कमाए है।”

 

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गुरूजी ने कहा, “वह कैसे?”

 

सूरज ने कहा, “एक किसान को परेशान देखकर मैंने उसके सारे फल खरीद लिए। फिर उन फलों को मैंने शहर जाकर बेचना शुरू कर दिया। उस दिन से वह किसान हर रोज मेरे लिए फल लाता और मैं उन्हें शहर जाकर बेच देता। कुछ दिनों बाद मैंने शहर में दुकान ले ली और फलों को कारोबार शुरू किया। ”

 

इतना कहकर सूरज ने सूरज ने गुरूजी को मदद के लिए धन्यवाद कहा।

 

गुरूजी सूरज से बहुत खुश हुए और मनोज से कहा, “अगर तुम भी समझदारी और मेहनत से काम करते तो सफल हो सकते थे। सूरज ने कहा, “अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं है दोस्त। समय का सम्म्नन करो और समय का महत्वा समझो। फिर सफलता तुम्हारे सामने होगी।”

 

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यह कहकर सूरज वहां से चला जाता है और मनोज वही गुरूजी के सामने मुँह लटकाये खड़ा रहता है।

 

शिक्षा – दोस्तों इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की “हमें पैसो की कीमत को समझना चाहिए और इसे सही जगह पर इस्तिमाल करना चाहिए जिससे हमारा लाभ हो।”

 

दोस्तों आपको यह कहानी ” मेहनत का फल | Mahanat ka Fal | Moral Story in Hindi “ कैसी लगी, कमेंट करके अपना बिचार जरूर हमे बताये। और अगर आपको असेही मजेदार कहानियां पड़ना है तो इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करे। आपका मूल्यबान समय देने के लिए धन्यवाद।

 

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2 thoughts on “मेहनत का फल | Mahanat ka Fal | Short Moral Story in Hindi”

  1. Sitemap says:
    October 30, 2020 at 8:16 am

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    Reply
  2. Aakash says:
    October 9, 2022 at 7:59 pm

    Thank you for trust me story from u are emotional. Make own to perfect😉😉

    Reply

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