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सोच का असर | Positive Thinking Hindi Motivational Story

सोच का असर | Motivational Story in Hindi

Posted on September 12, 2020

सोच का असर  Motivational Story in Hindi

 

सोच का असर

किसी गांव में भोला नाम का एक गोयला रहता था। उसने अपने घर में बहुत सारी गाय पाल रखी थी। वह उन्ही गायों का दूध बेचकर अपना पेट पालता था। भोला काफी समझदार व्यक्ति था।

 

भोला के दो बेटे थे, सोनू और मोनू। सोनू और मोनू स्कूल में पढाई करते थे और साथ ही पिता के काम में हाथ भी बटाते थे। भोला अपने दोनों बच्चों को ज्ञान की बातें सिखाता रहता था।एक दिन, भोला ने अपने दोनों बेटो को कुछ सिखाने की उद्देश्य से कहा, “बच्चों मैंने इस बाग में एक बॉल छुपाकर रखी है। जो भी उस बॉल को ढूंढ़कर लाएगा मैं उसे उचित इनाम दूंगा।”

 

सोनू एक आशावादी सोच रखने वाला लड़का था। पिता की बात सुनकर उसने सोचा, “इतने बड़े बगीचे में बॉल ढूंढ़ना थोड़ा मुश्किल काम तो है लेकिन असंभब बिलकुल नहीं है। मुझे उम्मीद है की मैं वह बॉल जरूर ढूंढ निकलूंगा।” वही मोनू एक निराशावादी सोच रखने वाला लड़का था। भोला की बात सुनकर उसने सोचा, “क्या मजाक है यह, इतने बड़े बगीचे में कोई इतनी छोटी बॉल कैसे ढूंढेगा। यह तो बिलकुल असंभब है असंभब। मुझसे तो नहीं होगा यह।” यह सोचकर मोनू बगीचे में ही एक पेड़ के निचे सो गया।

 

इधर मोनू चैन से सो रहा था और इधर मोनू पुरे जी जान से बॉल ढूढ़ने में लगा हुआ था। सोनू बॉल ढूंढ़ने के लिए बगीचे में हर तरफ घूम रहा था और देख रहा था। सोनू बहुत देर तक बॉल ढूंढ़ता रहा पर उसे बॉल नहीं मिली। अंत में वह उस पेड़ के निचे पहुंचा जहाँ मोनू सो रहा था। वहां पहुंचकर उसने जैसे ही झाड़ियों के पीछे देखा उसे बॉल मिल गई। सोनू बॉल पाकर बहुत खुश था। मोनू उसकी आवाज सुनकर उठ चूका था।

 

बॉल मिलने की बात सुनकर भोला बहुत खुश था और उसने सोनू की पप्रशंसा करते हुए कहा, “बहुत अच्छे, तुम्हारे आशावादी सोचने तुम्हे बड़े आराम से जितने दिया और मोनू के निराशावादी सोचने उसे हरा दिया। मोनू ने पहले ही मान लिया था की इतने बड़े बगीचे में बॉल नहीं मिल सकती इसलिए उसने कोशिश तक नहीं की।

 

इसी तरह हम में से कई लोग अपने निराशावादी सोच के कारन प्रयास करने से डरते है और कठिनाइयों से भागते है जब की हो सकता है की समस्या का समाधान बिलकुल हमारे करीब ही हो। इसलिए हमें उम्मीद कभी नहीं छोड़ना चाहिए और प्रयास जरूर करना चाहिए। याद रखे की हारने से पहले किसी की हार नहीं होती।

 

दोस्तों आपको यह कहानी “सोच का असर  Positive Thinking Hindi Motivational Story” कैसी लगी, निचे कमेंट करके जरूर बताये और हमारे इस kahanikidunia.com ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें।

 

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