Lakshmi Bomb Full Story in Hindi
लक्ष्मी बम की पूरी कहानी
दोस्तों आज मैं आप सबसे जो कहानी शेयर करने जा रही हूँ वह है बॉलीवुड इंडस्ट्री के खिलाडी अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म Laxmmi Bomb के बारे में। तो इस फिल्म की पूरी कहानी को जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरीर पढ़े।
अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म Laxmmi Bomb साउथ इंडियन फिल्म Kanchana 2 के हिंदी रीमेक पर आधारित है। फिल्म के कहानी के मुताबिक फिल्म में राघव नाम का एक लड़का होता है जो की एक बेरोजगार युवक है।
राघव ज्यादातर समय अपने दोस्तों के साथ खेलने में बिताता है लेकिन उसके घर के सामने कुछ ऐसी डरावनी घटनाएं घटती है जिसे देखकर वह काफी डरा हुआ सा रहता है। उसे लगता है की कोई प्रेत आत्मा है जो उसे पकड़ना चाहती है, उसे बुला रही है, किसी दूसरी दुनिया का अहसास करा रही है।
राघव इतना डरा हुआ रहता है की शाम होते ही वह अपने घर से बाहर नहीं निकलता। भूतो के डर से भयभीत राघव अपनी माँ के साथ ही सोता है और रात में बाथरूम तक अकेले नहीं जा पाता है। वह अपनी माँ को अपने साथ लेकर जाती है।
राघव के के घर में उसके भइया, भावी और उनके बच्चे भी रहते है। वह लोग भी राघव के इस ब्यबहार से काफी परेशान रहते है। घर वालों को लगता है की सायद यह राघव का कोई बहम होगा जिस कारन वह हर वक़्त डरा डरा सा रहता है लेकिन एक दिन राघव का यह डर घर वालों के यकीन में बदल जाता है।
घर .वालों को अपने घर में कुछ ऐसी डरावनी घटनाएं का अनुभव होता है जिससे घर वालों के मन में यह सक होने लगता है की इस घर में कोई प्रेत-आत्मा का साया है। इससे घर वाले काफी डर जाते है। डरके मारे घर के लोग पुजारी को बुलाकर एक पूजा के जरिए यह पता लगाने की कोशिश करते है की वाक़ई घर में प्रेत-आत्माओ का बास है।
तीन अलग-अलग लोगों ने उन्हें सलाह दी की वह कुछ ऐसे उपाय का इस्तिमाल करे जिससे घर में प्रेत-आत्मा है या नहीं इस बात का पता चले। पहली सलाह के अनुसार घर में एक बड़ा सा रंगोली बनाते है फिर उसमे एक नारियल रखते है और कहते है की अगर नारियल घूमता है तो यह माना जाएगा की इस घर में प्रेत-आत्मा का बास है। इसे आज़माने के लिए राघव के घर वाले ऐसा करते है लेकिन इससे कुछ पता है चलता।
दूसरी सलाह के अनुसार घर पर एक गाय खाना खिलाते है। अगर गाय बिना खाए घर से बाहर भाग जाती है तो ऐसा माना जाएगा की इस घर में किसी प्रेत-आत्मा का साया है। इस उपाय को भी राघव के घर वाले आजमाते है लेकिन इससे भी कुछ स्पष्ट पता नहीं चल पाता है उनको।
फिर वह लोग तीसरी सलाह आजमाते है और घर पर एक दीपक जला हुआ छोड़कर उस दीपक में दो बून्द खून लगा देता है और घर के सारे लाइट बंध करके सभी घर वाले बाहर आ जाते है। इसके बाद जो घटना घटती है उसे देखते ही घर वालों के होश उड़ जाते है। उसी खामोश रात में खून से सनी हुई एक महिला प्रेत-आत्मा प्रकट होती है और साड़ी में लिपटी और गहने पहने हुई वह प्रेत-आत्मा राघव को अपने वस में कर लेती है और इस कारन राघव कुछ ऐसा व्यबहार करने लगता है जैसे उसके घर वालों से कोई पुराणी दुश्मनी हो।
राघव कभी सफेद टोपी और घने दाड़ी वाले पुरुष का रूप धारण कर लेती है तो कभी एक मंदबुद्धि बालक की तरह पागलपन जैसी हरकते करने लगता है। इस तरह घर वालों को पता चलता है की उनके घर में एक नहीं बल्कि तीन प्रेत-आत्माएं है। घर पर एक हिंसक महिला, एक हिंदी भाषी मुसलमान और एक मानसिक रूप से मंद लड़का प्रेत बनकर भटकते रहते है।
प्रेत-आत्माओ के प्रकोप से बचने के लिए घर वाले तांत्रिक को बुलाते है जो उनमे से एक प्रेत-आत्मा को अपने वस में कर लेता है और फिर वह प्रेत-आत्मा अपने साथ हुई अप्रिय घटना के बारे में सब कुछ बताने लगती है और फिर यह पता चलता है की कंचना नाम की वह प्रेत-आत्मा मरने से पहले एक किन्नर थी जिसे उसके माँ-बाप अस्वीकार करके घर से निकाल देते है। वह पूरी तरह से असहाय हो जाती है लेकिन तभी एक दयालु मुसलमान भाई उसे अपने यहाँ सरण देता है जिसका एक मंदबुद्धि लड़का भी है।
यह तीनो साथ में रहने है। कंचना डॉक्टर बनना चाहती थी लेकिन घर से निकाले जाने के बाद वह अपनी चाहत को पूरी न कर पाई इसलिए वह मुसलमान भाई के यहाँ रहते हुए एक किन्नर बच्चे को गोद लेती है और कुछ समय के बाद उसे मेडिकल की पढाई के लिए विदेश भेज देती है।
विदेश से वापस आने के बाद किन्नर बच्ची गरीबो के लिए एक हॉस्पिटल खोलना चाहती है इसलिए कंचना अपनी बच्ची के सपने को पूरा करने के लिए जमीन खरीदती है। लेकिन कुछ दिनों बाद ही जहाँ उसने यह जमीन खरीदी थी, उस इलाके का एक विधायक गैर क़ानूनी रूप से उस जमीन पर कब्ज़ा कर लेता है।
इस बात को लेकर कंचना उनसे मिलने जाती है और वह विधायक कंचना के साथ ही उसको सरण देने वाले मुसलिम भाई और उसके मंदबुद्धि लड़के को मौत की नींद सुला देता है और उनकी बॉडी को उसी जगह पर दफना दिया जाता है जिस जमीन पर उस विधायक ने अपना कब्ज़ा किया था।
ऐसे अकाल मृत्यु के चलते उन तीनो की आत्माएं यमलोग जाने की वजाइ धरती पर रह कर ही अपना बदला लेने के लिए भटकने लगती है।
कंचना जैसे ही यह कहानी तांत्रिक और राघव के घर वालों को सुनाती है ठीक उसी वक़्त घर में और दो प्रेत-आत्माएं भी प्रकट हो जाती है। यह तीनो प्रेत-आत्माएं अपने साथ हुई अन्याय के लिए तांत्रिक और घर वालों के सामने रोने लगती है और न्याय के लिए राघव के शरीर का सहारा लेने का आग्रह करती है।
तांत्रिक के साथ प्रेत–आत्माओ की इस दुःख भरी कहानी को राघव भी सुन रहा होता है। यह सुनकर राघव फिरसे उनकी शांति और न्याय के लिए उन प्रेत-आत्माओ को अपनी शरीर में प्रवेश करने की अनुमति देता है जिसके बाद यह प्रेत-आत्माएं राघव के शरीर का सहारा लेकर विधायक और उसके लोगों को मारकर अपना बदला लेती है।
वही कुछ साल बाद, राघव कंचना की इच्छा के अनुसार उसकी अधूरी इच्छा को पूरी करते हुए हस्पताल का निर्माण करता है और फिर यह प्रेत-आत्माएं शांत होती है।
तो दोस्तों आपको अक्षय कुमार की यह आने वाली फिल्म “लक्ष्मी बम की पूरी कहानी” कैसी लगी निचे कमेंट में अपना विचार जरूर बताए। और अगर आप इसी तरह और भी फिल्म की कहानी हमारे इस ब्लॉग में पढ़ना चाहते है तो फिर इस ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करें।
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