La Llorona की खौफनाक कहानी
मैक्सिको की यह दिलकश हसीना रहा करती थी मैक्सिको की उत्तरी भाग में। और इसका असली नाम था मारिया। मारिया अपने ख़ूबसूरती के लिए आसपास के इलाकों में सुप्रसिद्ध थी। उसके शहर में रहने वाला हर नौजवान मारिया पर फ़िदा था। और हर शाम जब मारिया अपना पसंदीदा सफ़ेद ग्रोन पहनकर निकलती थी तो बहुत खूबसूरत लगती थी।
एक दिन बाजार में उसे एक नौजवान मिला जो मारिया को देखते ही उसके रूप से मोहित हो गया। और मारिया को भी वह व्यक्ति बहुत पसंद आया। उस लड़के ने मारिया के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। और दोनों ने जल्दी ही शादी करके एक खुशाल जीवन बिताना शुरू कर दिया।
मारिया सदा ही खुश रहा करती थी। क्यूंकि वह अपने निजी जीवन से बहुत खुश थी। उसका पति उसे बहुत खुश रखता था। दिन गुजरते गए। और मारिया के दो बेटे हुए। लेकिन मारिया का पति अब पहले की तरह उससे प्यार नहीं करता था। मारिया के व्यक्तिगत और भाबनात्मक जरूरतों के पूरा न होने के कारन मारिया अब पहले जितनी खुश नहीं थी।
एक दिन मारिया का पति किसी काम के सिलसिले में दूसरे शहर गया। और फिर कभी वापस नहीं लौटा। मारिया कई दिनों तक अपने पति का इंतजार करती रही। और उसके ख्याल में रो-रो कर बुरा हाल कर लिया। अब वह पहले जितनी सुन्दर नहीं रही थी।
एक दिन नदी किनारे, अपने दोनों बच्चों के साथ घूमते वक़्त मारिया ने अपने पति को किसी और महिला के साथ घोड़ा गाड़ी में जाते हुए देखा। उसके पति ने अपने बच्चों की तरफ मुस्कुराकर देखा। लेकिन मारिया को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया मानो वह मारिया को जानता ही नहीं हो।
इस घटना के बाद मारिया बहुत गुस्सा हुई। और गुस्से में आकर मारिया ने यह फैसला किया वह अपने पति की आखरी निसानी यानि उन दो बच्चों को ख़तम कर देगी। ऐसा फैसला मारिया ने प्रतिशोध की भाबना से लिया। क्यूंकि उसका पति अपने बच्चों से बहुत प्यार करता था।
मारिया ने गुस्से में आकर अपने दोनों बच्चों को नदी में डुबाकर मार दिया। जब तक मारिया ने अपना होश संभाला तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसके दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी। और उनके शब् नदी में बहते चले जा रहे थे। मारिया ने एक बार तो अपने बच्चों को नदी से बाहर निकालने की कोशिश तो कि लेकिन नदी का प्रभाब ज्यादा होने के कारन उसके बच्चे नदी में बह गए।

मारिया को अपने किए का बहुत अफ़सोस हुआ। और अपने किए पर शर्मिंदा और दुखी होने के कारन कुछ ही दिनों बाद मारिया के भी मौत हो गई। अपने जघन्य अपराध के कारन सायद मारिया के आत्मा को मुक्ति नहीं मिला। और वह एक बार फिर जाग गई। उसकी आत्मा उसी नदी और मारिया के घर के आसपास के इलाकों में भटकने लगी।
मारिया के मौत के कुछ ही दिनों बाद वहाँ के सारे निवासियों ने यह दावा करना शुरू कर दिया की उन्हें सफ़ेद ग्रोन में एक महिला रात के वक़्त दिखाई देती है। सुरुवात में इन बातों पर किसी ने भी गौर नहीं किया। लेकिन कुछ ही समय बाद उन गांव से बच्चों के गायब होने की घटनाएं सामने आने लगी।
साथ ही ऐसे लोगों के संख्या में भी यह चर्चा होने लगा जो कह रहे थे की उन्होंने एक सफ़ेद ग्रोन वाले महिला को देखा है जो अक्सर नदी के पास बैठी रोटी रहती है। उसके रोने की आवाज में दुःख भी है और एक अजीब सा डरा देने वाला भय भी है।
कुछ लोगों ने बताया की अगर कोई उस रोती हुई महिला के पास जाता है तो वह महिला अचानक गायब हो जाती है। लेकिन उसकी रोने की आवाज फिर भी आती रहती है। और वह आवाज इतनी भयानक होती है की अगर कोई उस आवाज को सुनले तो उसके कानो में वह आवाज काफी दिनों तक गूंजती रहती है।
कुछ ही दिनों में एक और बच्चे की गायब होने की घटना सामने आई। और गांव वालो को नदी के दूसरे किनारे पर अलेजांद्रो नाम का एक 15 साल का बच्चा अचेत हालात में मिला। होश आने पर बच्चे ने जो बातें गांव के लोगों को बताया उसे सुनकर हर किसी के होश उड़ गए।
अलेजांद्रो ने बताया की जब वह नदी किनारे बैठा था तो उसने देखा एक सफ़ेद ग्रोन पहनी महिला अचानक रोते हुए नदी के पानी से बाहर निकली। उसका चेहरा बेहद डराबना था। और उसकी रोने की आवाज बहुत खौफनाक थी।
वह महिला पानी से बाहर निकली और अपने सामने खड़े बच्चे को एक ध्यान में देखता रहा। उस महिला के देखने मात्र से वह बच्चा उस महिला की और खींचता चला गया। और देखते ही देखते वह बच्चा उस महिला के पास पानी में पहुँच गया। वह महिला रोती रही और उस बच्चे को पानी में डुबाने लगी।
देखते ही देखते वह महिला गायब हो गई और उस बच्चे का शब् पानी के ऊपर दिखाई देने लगा। और पानी का बहाब उसके शरीर को अपने साथ बहा ले गया। यह देख अलेजांद्रो बहुत डर गया और वही बेहोश होकर गिर पड़ा।
इस घटना के बाद वहाँ के लोग समझ गए की हो न हो इन घटनाओ का कारन मारिया की भटकती आत्मा ही है। क्यूंकि वह आत्मा हमेशा रोते हुए ही दिखाई देती थी। इसलिए वहाँ के लोगों ने इस आत्मा का नाम दे दिया La Llorona (The Real Story of La Llorona in Hindi) इसका इंगलिश में अनुबाद है The Weeping Women यानि रोती हुई महिला। और तभी से इस La Llorona (The Real Story of La Llorona in Hindi) का खौफ पुरे मैक्सिको पर हावी होने लगा।
एक समय ऐसा भी आया जब लोग अपने बच्चे को बाहर तक नहीं जाने देते थे। La Llorona (The Real Story of La Llorona in Hindi) के खौफ से सन 1960 तक भी मैक्सिको के कुछ भागो में महिलाएं अपने बच्चों को स्कूल तक भेजने में कतराती थी।
क्यूंकि La Llorona के खौफ का शिकार छोटे उम्र के बच्चे ही हुआ करते थे। लोगों का मानना है की La Llorona की आत्मा आज भी अपने अगले शिकार के तलाश में घूम रही है।
लोगों का कहना है की La Llorona आज भी अपने बच्चों को ढूंढ रही है। और जब भी उसे अपने बच्चों की उम्र का कोई बच्चा दिखाई देता है तो वह उसके पास जाती है। लेकिन जब वह यह देखती है की वह बच्चा मारिया यानि La Llorona का बच्चा नहीं है तो वह उस बच्चे को भी मार देता है। और अचानक से वहाँ गायब हो जाती है।
कुछ लोगों का यह भी कहना है की जो भी La Llorona को देख लेता है उसका बुरा समय शुरू हो जाता है। इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो सायद कोई नहीं जान सकता। लेकिन इस बला की ख़ूबसूरती में लिपटी मौत के बारे में सुनकर एक भयानक खौफ मन में बैठा रहता है।
तो दोस्तों आपको इस “La Llorona की खौफनाक कहानी | The Real Story of La Llorona in Hindi” कहानी में कितनी सच्चाई नजर आती है। क्या वाक़ई La Llorona (The Real Story of La Llorona in Hindi) सिर्फ एक किस्सा या कहानी है या फिर कोई सच्ची घटना कमेंट करके अपना विचार जरूर हमारे साथ शेयर करे।