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3 Best Short Hindi Stories For Kids
(1) बुद्धिमान मछुआ – Short Hindi Stories For Kids
समुद्र के किनारे रहने वाला एक मछुआ एक दिन मछली पकड़ने के लिए समुद्र में गया। उसने जाल को समुद्र में डाला और इंतिजार किया। थोड़ी देर में जब जाल भारी लगने लगा मछुए ने तब जाल को बाहर निकाला। जाल में एक दो मछलियों के साथ साथ एक सीसा भी अटका था। मछुआ सीसे को देखकर आश्चर्य हो गया और सीसे के ढक्कन को खोला। खोलते ही उसमे से काला धुयाँ निकला। वह काला धुयाँ एक बड़ा सा बादल बना और उसमे से एक भूत निकल आया। मछुआ भूत को देखकर बहुत डर गया।
भूत भयानक आवाज में जोर जोर से हँसने लगा और बोला,
“कई साल पहले मैं बहुत ही शक्तिशाली था। लोक मुझसे बहुत डरते थे। लेकिन एक जादूगर ने मुझे इस सीसे के अंदर फँसाकर समुद्र में फेक दिया। बहुत सालो तक मैंने बाहर निकलने की कोशिश की लेकिन मैं असफल रहा। आज तुम्हारी बजह से मैं फिरसे बाहर निकल गया।”
मछुआ दंग रहा और कुछ भी बोल न पाया।
भूत फिरसे बोलने लगा,
“परन्तु मानव मुझे तुम्हे अब मारना पड़ेगा। मेरे इस सीसे से आजाद होने के बारे में सिर्फ तुम जानते हो।”
मछुआ भयभीत हो गया। तब उसको अपने दादाजी की एक कहानी याद आई। फिर उसने बोला,
“प्रेत आत्मा मैं जानता हूँ की तुम मेरी जान लेने वाले हो लेकिन मेरी एक आखरी ख्वाहिश ही।”
भूत ने मछुए से पूछा,
“क्या है तुम्हारी आखरी ख्वाहिश? जल्दी बताओ।”
मछुआ बोला,
“प्रेत आत्मा तुम इतने बड़े पर्वत जैसे हो, मुझे समझ नहीं आया की तुम इतने छोटे से सीसे में कैसे घुस गए। यह बात मेरी समझ के बाहर है। क्या तुम मुझे दिखा सकते हो की यह मुमकिन कैसे है।”
भूत बहुत सालो बाद बाहर आने की ख़ुशी में अपनी बुद्धि खो बैठा और मछुए को उसके सवाल का जवाब देना चाहा।
भूत ने कहा,
“तुम मुर्ख मनुष्य के ऐसेही सवाल होते है। अब तुम देखो की मैं इतना बड़ा होने के बाबजूद भी इस सीसे में कैसे घुस सकता हूँ।”
ऐसा बोलकर भूत ने अपने रूप को छोटा किया और सीसे के अंदर घुस गया। मछुआ फटाफट ढक्क्न को सीसे के अंदर कसकर बंध करके सीसे को वापस समुद्र में फेक दिया। बुद्धिमान मछुए को आखिर में भूत से छुटकारा मिल गया।
(2) परेशान लोमड़ी – Short Hindi Stories For Kids
एक गांव में एक कौआ रहता था। उसको एक रोटी का टुकड़ा मिला और टुकड़े को लेकर एक पेड़ में जा बैठा। कौआ रोटी का टुकड़ा खाने ही वाला था की वहाँ पेड़ के निचे एक लोमड़ी आई। लोमड़ी बहुत भूखी थी। कौए के मुँह में रोटी का टुकड़ा देखकर उसके मुँह में पानी आ गया। यह देखकर लोमड़ी को पिछली बार की एक ऐसी ही घटना याद आ गई जब एक कौआ अपने मुँह में मांस का टुकड़ा पकड़कर रखा था और लोमड़ी ने उसको बोला, “कौआ कौआ एक गाना गाओ न।” बिना कुछ सोचे समझे वह कौआ गाने लग गया और मांस का टुकड़ा निचे गिर गया। लोमड़ी उसको उठाई और भाग गई।
इस घटने को याद करके लोमड़ी सोची की इस बार भी वह वही करके रोटी का टुकड़ा लेकर भाग जाएगा। लोमड़ी कौऐ की तरफ देखि और झूटी तारीफ करने लगी।
कौआ ने बोला,
“ओ कौआ तुम कितने अच्छे लगते हो। तुम्हारी आवाज भी बहुत मधुर होगी ऐसा मैंने सुना है। क्या यह सही है?”
कौआ लोमड़ी को जवाब नहीं देता है। लोमड़ी मन ही मन ही मन खुश होने लगी की सायद लोमड़ी उसके जाल में फँसने वाला था।
लोमड़ी ने कौए से बिनती की,
“ओ कौए मेरे लिए एक छोटा सा गाना गाओ न। मैं सुनकर अपने मन को खुश कर लू।”
लोमड़ी इंतजार कर रही थी की कब कौआ रोटी फैलाएगा और वह रोटी लेकर भाग जाएगा। लेकिन कौआ तो चालाक निकला।
कौए ने रोटी के टुकड़े को अपने पंजे में कसके पकड़ा और बोला,
“ओ लोमड़ी तुम्हे मेरा गाना सुनने की बहुत इच्छा है न तो सुनो।”
ऐसा बोलकर कौआ का का करके चिकने लगा।
लोमड़ी सोचने लगी,
“हाय! यह कौआ तो बड़ा चालाक निकला।”
लोमड़ी बहुत निराश होकर वहाँ से चली गई।
परेशान लोमड़ी को वहाँ से जाते हुए देखकर कौआ जोर जोर से हँसने लगा और कहा,
“दफा हो जाओ यहाँ से शातिर लोमड़ी। तुम्हे क्या लगा की मैं तुम्हारी चाल समझ नहीं पाया।”
अंत में कौआ ने पेट भरकर रोटी के टुकड़े खाए और वहाँ से ख़ुशी-ख़ुशी उड़ गई।
(3) दो मित्र – Short Hindi Stories For Kids
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