Best and Short Motivational Story in Hindi
दोस्तों, आप सबका स्वागत है एक नए से Best Motivational Story in Hindi में। दोस्तों आज की कहानी शुरू करने से पहले आप यह बात भी ध्यान से पड़ लीजिएगा की फेलियर होना या फिर फ़ैल होना कोई शर्मिंदावाली बात नहीं है। अगर आप यह सोचते है की मैं फ़ैल हो गया हूँ अब मैं अपने लाइफ में सक्सेसफुल नहीं बन सकता तो यह आपकी बहुत बड़ी गलती है। दोस्तों फैलियर ही एक ऐसा तरीका है जिससे हम सक्सेस बन सकते है। इसलिए सक्सेस होना है तो एक बार हो या दो बार हो या फिर हज़ार बार हो फ़ैल तो हमें होना ही है। आज मैं आपको एक बच्चे की कहानी शेयर करने जा रही हूँ जिससे आपको बहुत मोटिवेशन मिलेगी। तो चलिए दोस्तों कहानी शुरू करते है।
Motivational Story in Hindi
एक लड़का था। वह अपना पूरा साल मस्ती मजाक करते हुए गुजार देता है। पढ़ाई में उसका बिलकुल भी मन नहीं लगता था। हर जगह अपना वक़्त बर्बाद करता रहता था। साल खत्म हो गया। उसके स्कूल का रिजल्ट भी आ गया। परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन न करने के कारन वह लड़का पूरी तरह से फ़ैल हो गया। यह देखकर वह एकदम शांत हो गया और अंदर ही अंदर पूरी तरह से टूट गया। स्कूल से घर जाने की भी हिम्मत नहीं थी उस लड़के में। उसे अपनी गलती का एहसास हो गया था।
वह लड़का किसी तरह अपने घर आया। घर आकर वह अपने माँ के गले से लिपटकर खूब रोया। उसे समझ नहीं आ रहा था की अब वह क्या करें। वह बस शांत बैठकर अपनी गलती का एहसास किए जा रहा था। परेशान होकर बस रोए जा रहा था। उसकी माँ ने कहा, “कोई बात नहीं बेटा, फ़ैल ही तो हुए हो हार तो नहीं गए न।” अपनी माँ की बात सुनकर उसे थोड़ी सी हिम्मत मिली। वह समय गुजर गया और शाम का वक़्त हुआ। कुछ आसपड़ोस के लोग उसके घर आए। वह लड़का एक कोने में बैठे सोच रहा था की यह लोग मुझसे मेरे मार्क्स न पुछले।
आखिर में उन लोगों ने लड़के से पूछ ही लिया, “बेटा, तुम्हारा रिजल्ट था न? कितने मार्क्स मिले?” लड़के में बिलकुल भी हिम्मत नहीं थी की वह अपने मार्क्स किसी को बता पाए। तभी उसकी माँ ने कहा, “मेरे बेटे को अच्छे मार्क्स मिले है, उसे परीक्षा में 90% मिले है।” यह सुनकर आसपड़ोस के लोग थोड़े चौक से गए। वह लोग यह सोचने लगे की यह लड़का तो इतना अच्छा नहीं पड़ता लेकिन फिर भी उसके इतने मार्क्स! लेकिन यह जवाब उसकी माँ ने दिया तो उन लोगों को लगा की सही बोल रही होगी इसलिए सारे के सारे चुप हो गए।
कुछ देर बाद, जब सारे लोग चले गए तो उस लड़के ने अपनी माँ से कहा, “क्या जरुरत थी माँ उन लोगों को झूट बोलने की? क्या होता अगर उन लोगों के सामने बदनाम हो जाता तो? हो जाने देते मुझे बदनाम। मुझे मेरी चिंता नहीं है लेकिन उन सारे लोगों के जब यह पता चलेगा की मुझे इतने अच्छे मार्क्स नहीं मिले है, बल्कि मैं पूरी तरह फ़ैल हुआ हूँ तब वह सारे लोग आपको ताना मारेंगे। एक माँ ने अपने बेटे के लिए उन सबको झूट बोला है यह सबको बताएँगे।”
यह सुनकर माँ मुस्कुराने लगी और कहा, “बेटा अगर तुझे मैं नहीं समझूंगी तो कौन समझेगा? यह बात याद रखो बेटा की तुम सिर्फ स्कूल के परीक्षा में फ़ैल हुए हो जिंदगी के खेल से नहीं। मैं तुझे देखकर जी रही हूँ दुनिआ को देखकर नहीं।” अपनी माँ की बात सुनकर बेटा रो पड़ा। उसे यह एहसास हुआ की उसकी माँ ठीक बोल रही है।
तो दोस्तों आपको यह Motivational Story “एक लड़का जब परीक्षा में फेल हुआ | Best and Short Motivational Story in Hindi” कैसी लगी, निचे कमेंट करके जरूर बताए और इस पोस्ट को उन सभी को शेयर जरूर जो फ़ैल होने के बाद अपनी जिंदगी से भी हार मान लेते है और सोचते है की अब वह कुछ नहीं कर सकते। उमीद है की आपको यह कहानी अच्छी लगी हो। आप मुझे twitter, Pinterest और Facebook पर फॉलो कर सकते है मैंने लिंक दे दिया है तो फॉलोजरूर करिए और असेही नए नए Motivational Story और इस ब्लॉग से सम्बंधित पोस्ट पड़ने के लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें।
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